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भारतीय रक्षा क्षेत्र में विश्व की रूचि-रक्षामंत्री

दिल्ली में रक्षा प्रदर्शनी-2022 के लिए राजदूतों की गोलमेज बैठक

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विदेशी रक्षा कंपनियों को आमंत्रित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 26 October 2021 12:28:38 PM

rajnath singh, round table meeting for defense exhibition-2022 in delhi

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मित्र देशों के साथ-साथ विश्व के रक्षा निर्माण उद्योगों केलिए एक प्रमुख पहुंच के रूपमें नई दिल्ली में रक्षा प्रदर्शनी-2022 केलिए राजदूतों की गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की, जिसका उद्देश्य विदेशी मिशनों के राजदूतों को रक्षा प्रदर्शनी-2022 की योजना, व्यवस्था और अन्य विवरणों के बारे में जानकारी देना था। यह प्रदर्शनी 10-13 मार्च-2022 के बीच गुजरात के गांधीनगर में आयोजित की जाएगी। राजदूतों, मिशन प्रमुखों और रक्षा क्षेत्र संबंद्ध प्रतिनिधियों सहित 200 से अधिक लोगों ने बैठक में हिस्सा लिया, जो भारतीय रक्षा क्षेत्र में बढ़ती वैश्विक रुचि को दिखाता है। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख मार्शल वीआर चौधरी, सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार और रक्षा मंत्रालय व गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी डिफ एक्सपो-2022 में हिस्सा लेने के लिए विदेशी प्रतिनिधियों को आमंत्रित करते हुए कहाकि भारत हर किसी के सर्वांगीण कल्याण केलिए पारस्परिक रूपसे लाभप्रद सहभागिता की भावना से व्यापार करने केलिए तैयार है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि रक्षा प्रदर्शनी-2022 नवीनतम तकनीकों और वायुक्षेत्र व रक्षा उद्योग में हितधारकों को असंख्य अवसर प्रदान करेगी। राजनाथ सिंह ने कहाकि पुनरूत्थानशील भारत, जहां रक्षा विनिर्माण विकास का एक पहचाना हुआ स्तंभ है, रक्षा प्रदर्शनी-2022 में अपनी नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करेगा। उन्होंने कहाकि रक्षा प्रदर्शनी-2022 भारत में साझा समृद्धि बढ़ाने, निवेश बढ़ाने, विनिर्माण का विस्तार करने और वायुक्षेत्र व रक्षा इकोसिस्टम को मजबूत करने केलिए सफल नए उद्यमों और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की शुरुआत करेगी, जो मित्र देशों की रक्षा आवश्यकताओं को भी पूरा करने केलिए तैयार है। रक्षामंत्री ने रक्षा प्रदर्शनी-2020 और एयरो इंडिया-2021 में हिस्सा लेने केलिए विदेशी प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया।
रक्षामंत्री ने कहाकि रक्षा प्रदर्शनी-2022 का लक्ष्य विदेशी और भारतीय प्रदर्शकों, ओईएम एवं विदेशी देशों की उपस्थिति केसाथ अपने पिछले संस्करणों के बेंचमार्क को बढ़ाना है। उन्होंने कहाकि हम उन साझेदारियों का समर्थन करने केलिए प्रतिबद्ध हैं, जो अबतक बनाई गई हैं। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत पिछले सात वर्ष में रक्षा अनुसंधान, विकास और उत्पादन, आधुनिक तकनीकों के अनुप्रयोग, सरकार की उदार सहयोगी नीतियों के मामले में सक्षम हुआ है। उन्होंने उल्लेख कियाकि सरकार सहक्रियाशील वृद्धि से रक्षा व्यापार हितों को बढ़ाने केलिए प्रतिबद्ध है और विश्वास व्यक्त किया कि अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी में बढ़ोतरी से भारत और अन्य देशों के बीच पारस्परिक रूपसे लाभप्रद संबंधों का विकास होगा। रक्षामंत्री ने बताया कि भारतीय वायुक्षेत्र और रक्षा विनिर्माण क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर पहुंचने केलिए तैयार है, इसमें अंतरिक्ष, साइबर स्पेस, भविष्य की क्षमताओं और विध्वंसकारी प्रौद्योगिकियों जैसे-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक-चेन, वर्चुअल रियलिटी, 3डी प्रिंटिंग, डिजिटल फ्रंटियर और इंटरनेट ऑफ मिलिट्री थिंग्स में अनुसंधान एवं विकास की क्षमता है।
सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और एक मजबूत एवं आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग के संकल्प की पुष्टि करते हुए राजनाथ सिंह ने कहाकि केंद्र सरकार ने विभिन्न उपाय किए हैं, जिसमें 2021-22 के वार्षिक बजट में रक्षा पूंजीगत परिव्यय में पिछले वर्ष की तुलना में 18.75 फीसदी की वृद्धि करना शामिल है, जो पिछले 15 वर्ष में अबतक की सबसे अधिक बढ़ोतरी है। रक्षामंत्री ने बताया कि अन्य नीतिगत सुधारों में औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाना, स्वचालित मार्ग के माध्यम से 74 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों केलिए सरकारी अनुमोदन केसाथ 100 फीसदी की अनुमति, खुली सामान्य निर्यात लाइसेंस नीति की शुरूआत, 209 मदों की सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची, सात नई रक्षा कंपनियों की शुरुआत और निजी क्षेत्र केलिए जांच व परीक्षण सुविधाओं को खोलना आदि शामिल है। उन्होंने कहाकि रक्षा निर्माण में सुधार भारतीय और विदेशी रक्षा निर्माताओं, नव अन्वेषकों, एमएसएमई को आकर्षित कर रहे हैं।
रक्षामंत्री ने कहाकि यह विश्व की संस्थाओं के सहयोगात्मक प्रयासों के कारण है कि पिछले पांच वर्ष में हमारे रक्षा निर्यात में 334 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और अब भारत 75 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है, जो हमारे रक्षा उत्पादों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा का मजबूत संकेतक है। राजनाथ सिंह ने संयुक्तराष्ट्र चार्टर के अध्याय VII में निर्धारित सामूहिक सुरक्षा प्रणाली के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया, जो शांति केलिए खतरों, शांति भंग और आक्रामक गतिविधियों के संबंध में कार्रवाई से संबंधित है। उन्होंने कहाकि एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूपमें हम इन सहयोगों और प्रयासों से एक स्थिर अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली सुनिश्चित करना चाहते हैं। रक्षामंत्री ने रक्षा प्रदर्शनी-2022 की वेबसाइट www.defexpo.gov.in भी लॉंच की, जो गुजरात के विभिन्न स्वदेशी रक्षा उत्पादों व पर्यटन, कला और शिल्प के बारे में सूचनात्मक सामग्री उपलब्ध कराने के अलावा प्रदर्शकों को ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करेगी। वेबसाइट प्रदर्शकों केलिए पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर ऑनलाइन स्थान बुक करने, ऑनलाइन भुगतान करने, कॉन्फ्रेंस हॉल बुक करने और बिजनेस-टू-बिजनेस बैठकों केलिए जगह बनाने में सक्षम है।
व्यापार से जुड़े आगंतुक व्यावसायिक दिन यानी 10 और 11 मार्च 2022 को शो में आने केलिए वेबसाइट से अपने टिकट खरीद सकेंगे, वहीं आम जनता केलिए 12 व 13 मार्च को नि:शुल्क प्रवेश की योजना है। रक्षा प्रकाशनों और मीडिया को वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। आजादी के अमृत महोत्सव समारोह के अंतर्गत रक्षा प्रदर्शनी-2022 में देशों को न केवल अपने उपकरणों और प्लेटफार्मों का प्रदर्शन करने के अवसर मिलेंगे, बल्कि व्यावसायिक साझेदारी केलिए भारतीय रक्षा उद्योग के विस्तार की ताकत एवं क्षमताओं का भी पता चलेगा। माना जा रहा हैकि रक्षा प्रदर्शनी 2024 तक 5 बिलियन अमरीकी डालर के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को बढ़ावा देने में योगदान देगी और भारत का लक्ष्य इस अवसर का उपयोग साझा समृद्धि के मंत्र के साथ अपने व्यापार को बढ़ाने केलिए करना है। इसके अलावा स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के साथ भारत को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की जाएगी।

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