स्वतंत्र आवाज़
word map

विमानवाहक पोत 'विक्रांत' की पहली समुद्री यात्रा

भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को पीएम की बधाई!

लगभग 7,500 समुद्री मील की एंड्योरेंस के साथ परिभ्रमण गति है

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 5 August 2021 11:29:48 AM

first voyage of aircraft carrier 'vikrant'

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के नौसेना डिजाइन निदेशालय का डिजाइन किया गया स्वदेशी विमानवाहक पोत 'विक्रांत' पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में बनाया जा रहा है। आईएसी 76 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ यह आत्मनिर्भर भारत केलिए देश के प्रयास का एक प्रमुख उदाहरण है। यह भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड का स्वदेशी रूपसे एक विमानवाहक पोत डिजाइन व निर्माण करने का पहला प्रयास है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट के जरिए स्वदेशी विमान वाहक पोत 'विक्रांत' की पहली समुद्री यात्रा पर भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मेक इन इंडिया का अद्भुत उदाहरण है।
स्वदेशी विमानवाहक पोत 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है, इसमें सुपरस्ट्रक्चर भी शामिल है। सुपरस्ट्रक्चर में पांच डेक होने समेत पोत में कुल 14 डेक हैं। जहाज में 2,300 से अधिक कम्पार्टमेंट्स हैं, जिन्हें लगभग 1700 लोगों के क्रू केलिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें महिला अधिकारियों को समायोजित करने केलिए विशेष केबिन शामिल हैं। जहाज को मशीनरी संचालन, जहाज नेविगेशन और कठिन हालात में स्वयं को बनाए रखने के दृष्टिकोण से बहुत उच्चस्तर के ऑटोमेशन के साथ डिजाइन किया गया है, विक्रांत की लगभग 28 समुद्री मील की शीर्ष गति और लगभग 7,500 समुद्री मील की एंड्योरेंस के साथ 18 समुद्री मील की परिभ्रमण गति है। जहाज फिक्स्ड विंग और रोटरी एयरक्राफ्ट के वर्गीकरण को समायोजित कर सकता है।
विमानवाहक पोत 'विक्रांत' के निर्माण की गतिविधियां पूरी हो चुकी हैं और यह परीक्षण के चरण में प्रवेश कर चुका है। इसके प्रणोदन और बिजली उत्पादन उपकरण या प्रणालियों की तैयारी का परीक्षण 20 नवंबर को बेसिन परीक्षणों के अंतर्गत बंदरगाह में किया गया था। जहाज के निर्माण की प्रगति की समीक्षा रक्षामंत्री ने 25 जून 2021 को जहाज के दौरे के दौरान की गई थी। यह एक प्रमुख मील का पत्थर और ऐतिहासिक घटना है, जो मौजूदा महामारी चुनौतियों और अपरिहार्यताओं की बाध्यताओं के बीच हासिल हुई। पानी में प्रथम प्रवेश के दौरान हल समेत मुख्य प्रणोदन, पीजीडी और सहायक उपकरणों के प्रदर्शन को बारीकी से देखा जाएगा। स्वदेशी विमानवाहक पोत की डिलीवरी के साथ भारत स्वदेशी रूपसे डिजाइन और एक विमानवाहक बनाने की क्षमता वाले देशों के चुनिंदा समूह में शामिल हो जाएगा, जो भारत सरकार की मेक इन इंडिया मुहिम का एक वास्तविक प्रमाण होगा।
एयरक्राफ्ट कैरियर का स्वदेशी निर्माण आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की दिशा में देश के प्रयास का एक जीवंत उदाहरण है, इससे बड़ी संख्या में सहायक उद्योगों के विकास के अलावा 2000 सीएसएल कर्मियों और सहायक उद्योगों में लगभग 12000 कर्मचारियों केलिए रोज़गार अवसरों के साथ स्वदेशी डिजाइन और निर्माण क्षमताओं में वृद्धि हुई है। उपकरणों की खरीद के मामले में 76 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री, सीएसएल और उनके उप-ठेकेदारों के काम का फायदा सीधे भारतीय अर्थव्यवस्था को होने जा रहा है। लगभग 100 एमएसएमई सहित लगभग 550 भारतीय फर्म सीएसएल के साथ पंजीकृत हैं, जो आईएसी के निर्माण केलिए विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रही हैं। भारतीय नौसेना का जहाज निर्माण कार्यक्रम 44 जहाजों और पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण के क्रम में अपेक्षित आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करने केलिए तैयार है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]