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'वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को और बढ़ाएंगे'

रक्षामंत्री ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन जारी रखने का आग्रह किया

वायुसेना कमांडरों से भविष्य के खतरों से मुकाबले पर चर्चा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 15 April 2021 05:13:28 PM

rajnath singh addressing the iaf commanders at the air force commanders' conference

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज वायुसेना मुख्यालय नई दिल्ली में वायुसेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि वायुसेना की लड़ाकू क्षमता और बढ़ाएंगे। रक्षामंत्री ने खुशी जताई कि सम्मेलन वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह की जयंती से मेल खाता है। रक्षामंत्री ने पूर्वी लद्दाख में अचानक हुए घटनाक्रम के लिए समय पर और उचित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए वायुसेना को बधाई दी। उन्होंने कमांडरों को भविष्य के खतरों का मुकाबला करने के लिए क्षमता वृद्धि के लिए दीर्घकालिक योजनाओं और रणनीतियों को बनाने की सलाह दी। उन्होंने भविष्य के लिए पुन: पेश करने के लिए भारतीय वायुसेना के महत्वपूर्ण फोकस की सराहना की। सम्मेलन में चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और वरिष्ठ अधिकारियों ने रक्षामंत्री की अगवानी की।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए भारतीय वायुसेना द्वारा अपने कार्य के साथ ही अन्य सरकारी एजेंसियों की भी सहायता करने के लिए तत्पर वायुयोद्धाओं की भूमिका की प्रशंसा की। बदलते अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने देखा कि हाल के दिनों में ट्रांस-अटलांटिक से ट्रांस-पैसिफिक पर ध्यान केंद्रित करने की अवधारणात्मक बदलाव अधिक स्पष्ट हो गया है। उन्होंने कहा कि युद्ध के आयामों में अब उन्नत तकनीकों, असममित क्षमताओं और सूचना प्रभुत्व शामिल होंगे और यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भविष्य के लिए वायुसेना की तैयारियों में इन पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए। रक्षामंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण को दोहराते हुए रक्षा अवसंरचना में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एलसीए के लिए भारतीय वायुसेना के आदेश से घरेलू रक्षा उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा और यह स्वदेशी दृष्टिकोण से गेम चेंजर साबित होगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कमांडरों से स्वदेशी रक्षा उत्पादन और विमान रखरखाव के क्षेत्र में और भी अधिक परिणाम प्राप्त करने के अपने प्रयासों को जारी रखने का आग्रह किया। रक्षामंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास राष्ट्रीय नीति के पूरक पहलू हैं। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उद्योग के लिए भारतीय वायुसेना का समर्थन इस क्षेत्र में एमएसएमई के विकास के परिणामस्वरूप होगा, जो एकसाथ देश की आत्मनिर्भरता और सामाजिक एवं आर्थिक विकास का कारण बनेगा। उन्होंने कमांडरों से आग्रह किया कि वे संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री के जारी किए गए सभी निर्देशों का जायजा लें। उन्होंने वर्तमान में चल रही एकीकरण प्रक्रिया, संयुक्त लॉजिस्टिक योजना के कार्यांवयन, संयुक्त योजना और संचालन के क्षेत्रों में तालमेल बढ़ाने के लिए लगातार काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
रक्षामंत्री ने रक्षा मंत्रालय से एक शक्तिशाली रणनीतिक एयरोस्पेस फोर्स होने के लक्ष्य को प्राप्त करने में रक्षा मंत्रालय से पूरे समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सम्मेलन के दौरान लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे। कमांडरों का सम्मेलन 16 अप्रैल को संपन्न होगा। सम्मेलन में वर्तमान लड़ाकू क्षमता को मजबूत करने की स्थिति और भारतीय वायुसेना को भविष्य में तैयार लड़ाकू बल बनाने की कार्ययोजना की जांच की जाएगी। सभी डोमेन में अधिक कुशल प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम, सुधार और पुनर्गठन से संबंधित मुद्दों और अनुकूलित परिचालन प्रशिक्षण पर भी चर्चा की जाएगी।

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