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छत्तीसगढ़ में माँ बम्लेश्वरी मंदिर का विकास

पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री ने रखी परियोजना की आधारशिला

'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 3 March 2021 12:26:01 PM

development of maa bamleshwari temple in chhattisgarh

रायपुर। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने वर्चुअल माध्यम से छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में 'माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर का विकास' परियोजना की आधारशिला रखी। पर्यटन मंत्रालय की प्रशाद योजना के तहत यह परियोजना स्वीकृत की गई है। प्रहलाद सिंह पटेल ने इस अवसर पर बताया कि यह परियोजना अक्टूबर 2020 में 43.33 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ पर्यटन मंत्रालय ने अनुमोदित की थी।
विकास परियोजना में 'तीर्थयात्रा गतिविधि केंद्र' में तीर्थयात्रा के बुनियादी ढांचे के विकासकार्य के साथ श्रीयंत्र के आकार की प्रतिष्ठित इमारत, सीढ़ियों का निर्माण, शेड, पैदल मार्ग, आसपास के इलाके की रोशनी व्यवस्था, झील का किनारा, अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के साथ पार्किंग स्थल का विकास, माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर और प्रज्ञागिरी में तीर्थयात्रा के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य शामिल है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया। पर्यटन राज्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस परियोजना के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर निश्चित रूपसे मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव प्राप्त होगा। 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन' भारत सरकार की पूरी तरह से वित्तपोषित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। यह योजना पर्यटन तीर्थयात्रा के एकीकृत विकास और विरासत स्थलों के विकास के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय ने शुरु की थी।
तीर्थयात्रा कायाकल्प योजना के अंतर्गत बुनियादी ढांचागत विकास जैसे प्रवेश स्थल (सडक, रेल और जलमार्ग), अंतिम हिस्से तक सम्पर्क, सूचना एवं द्विभाषी केंद्र, एटीएम जैसी बुनियादी पर्यटन सुविधाओं, आवागमन के पर्यावरण अनुकूल साधन, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत से इलाके की प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, पीने का पानी, शौचालय, क्लोक रूम, प्रतीक्षा केंद्र, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, शिल्प बाज़ार, हाट, स्मारिका दुकानें, जल-पान केंद्र, वर्षा से बचाने के लिए शेड, दूरसंचार सुविधाएं, इंटरनेट सम्पर्क आदि का विकास शामिल है। राज्यमंत्री ने बताया कि आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशाद योजना के तहत 13 परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, इनमें सोमनाथ, मथुरा, तमिलनाडु और बिहार में दो-दो परियोजनाएं और वाराणसी, गुरुवायूर और अमरावती (गुंटूर), कामाख्या और अमृतसर में एक-एक परियोजना शामिल है।

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