स्वतंत्र आवाज़
word map

रक्षामंत्री को सेना की भूमिका पर विश्वास व संतोष

सेना कमांडर सम्मेलन में अपने अनुभव और भावनाएं साझा कीं

देश की सीमाओं पर कमांडरों के दृढ़ दृष्टिकोण को भी सराहा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 19 October 2019 05:56:43 PM

defense minister rajnath singh in army commander conference

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना कमांडर सम्मेलन में कमांडरों और अधिकारियों को संबोधित किया और अपने कार्यकाल के दौरान अपने तरह के इस पहले कार्यक्रम में सेना के सभी वरिष्‍ठ अधिकारियों से मिलने पर खुशी जताई। रक्षामंत्री ने सशस्त्र बलों से संबंधित अपने छात्र और राजनीतिक जीवन के व्यक्तिगत अनुभवों और भावनाओं को भी साझा किया। रक्षामंत्री ने सेना को देश के सामने आने वाली सभी चुनौतियों विद्रोह, सीमा अथवा एचएडीआर ड्यूटी से निपटने वाला अंतिम उपाय करार दिया। उन्‍होंने सेना के विभिन्‍न पदों एवं भूमिका में विश्वास जताया और संतोष व्यक्त किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद एवं हिंसक हमलों जैसी चुनौतियों से निपटने में सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्‍वय में सेना की भूमिका की सराहना की और इसे अनुकरणीय बताया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दुनियाभर में युद्ध के तरीकों में हो रहे बदलाव पर बात की और भविष्य में गैर पारंपरिक हथियारों के संभावित उपयोग पर सेना के कमांडरों का ध्यान आकर्षित किया। रक्षामंत्री ने बेहतरीन प्रौद्योगिकी, साइबर, अंतरिक्ष, सूचना युद्ध एवं धारणा प्रबंधन डोमेन जैसे मुद्दों पर भी बात की। उन्‍होंने इन मोर्चों पर सेना के कार्यों पर संतोष जताया। रक्षामंत्री ने देश की सीमाओं पर कमांडरों के दृढ़ दृष्टिकोण की सराहना की और परिधि सुरक्षा, छावनी में अनुशासन एवं तीनों सेनाओं की एकरूपता के लिए बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने एकरूपता को परिचालन संबंधी आवश्यकता बताते हुए सेना को इसे हासिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने तीनों सेनाओं के कार्यों में बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने में सीडीएस की महत्‍वपूर्ण भूमिका को दोहराया। रक्षामंत्री ने सेना के सद्भावना प्रयास की भी सराहना की और उन्‍होंने सेना द्वारा अर्जित ख्‍याति की रक्षा के लिए उन्‍हें प्रोत्साहित किया।
रक्षा तैयारियों पर बात करते हुए रक्षामंत्री ने आश्‍वस्‍त किया कि कोई भी जटिलता सामने नहीं आएगी। हालांकि उन्होंने फील्ड कमांडरों को बजट संबंधी बाधाओं से भी अवगत कराया। रक्षामंत्री ने क‍हा कि मेक इन इंडिया अभियान के तहत स्वदेशी युद्ध प्रणालियों के उत्‍पादन में सेना को भारतीय रक्षा उद्योग की मदद करनी चाहिए। रक्षामंत्री ने ईसीएचएस के लिए बजट की कमी के मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ आश्वासन दिया। उन्‍होंने सेना के नेतृत्व को सैनिकों के पसंदीदा स्‍टेशनों पर बच्‍चों की निरंतर शिक्षा के लिए आवश्‍यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कहा। रक्षामंत्री ने देश की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए सेना प्रमुख और सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को धन्यवाद दिया।
सेना के कमांडरों का सम्मेलन इस बार दिल्‍ली में 14-18 अक्टूबर 2019 के दौरान हुआ, जिसमें सभी महत्वपूर्ण और प्रासंगिक मुद्दों जैसे क्षेत्र गठन के लिए परिचालन तत्परता, वर्तमान एवं भविष्य की परिचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण, संगठनात्मक पहलुओं सहित उच्च रक्षा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों को शामिल किया गया। साथ ही सेना का पुनर्गठन एवं सुधार, सेना के सबसे महत्वपूर्ण संसाधन द मैन से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में सेना के शीर्ष नेतृत्व के बीच चर्चा हुई।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]