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भारत-नामीबिया में मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध

भारतीय व नामीबियाई नौसेना में परस्पर वार्ता को बढ़ावा

नामीबिया की वाल्विस खाड़ी पहुंचा आईएनएस तर्कश

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 16 September 2019 12:55:13 PM

ins tarakash reached walvis bay in namibia

विंडहॉक। भारतीय नौसेना के जहाजों की विदेशों में तैनाती की निरंतरता में आईएनएस तर्कश तीन दिन की यात्रा के लिए नामीबिया की वाल्विस खाड़ी पहुंचा। आईएनएस तर्कश की यह यात्रा भारत के नामीबिया के साथ गर्मजोशीभरे संबंधों की परिचायक है और परिचालन पहुंच, समुद्री सुरक्षा और मैत्रीपूर्ण राष्ट्रों के साथ एकजुटता को बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईएनएस तर्कश की कमान कैप्टन सतीश वासुदेव के पास है और यह तीनों सेनाओं से संबंधित खतरों को दूर करने में सक्षम हथियारों और सेंसर की बहुमुखी रेंज से लैस भारतीय नौसेना का अत्याधुनिक युद्धपोत है। यह नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है और यह मुंबई में फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ पश्चिमी नौसेना कमान के ऑपरेशनल कमांड के अधीन है।
आईएनएस तर्कश के कमान अधिकारी नामीबियाई नौसेना के प्रमुख, गणमान्य लोगों और वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों से शिष्टाचार भेंट करेंगे। दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने की दिशा में नामीबियाई नौसेना के साथ परस्पर वार्ता होगी। इसके अलावा सामाजिक संबंधों, जहाजों की विनिमय यात्रा, खेल कार्यक्रम और सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को भी साझा किया जाएगा। भारत और नामीबिया के बीच लोकतंत्र, विकास, धर्मनिरपेक्षता के साझा मूल्य तथा गर्मजोशीभरे एवं मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग और सैन्य विनिमय के लिए कई द्विपक्षीय व्यवस्थाएं मौजूद हैं। भारत ने अपने रक्षा सहयोग के हिस्से के रूपमें पिछले कई वर्ष में विभिन्न सैन्य संस्थानों में बड़ी संख्या में नामीबियाई सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया है।
भारतीय नौसेना के जहाजों को नियमित रूपसे भारतीय नौसेना के 'मैत्री सेतु' के निर्माण के मिशन के रूपमें तैनात किया जाता है और यह मैत्रीपूर्ण देशों के साथ-साथ दुनियाभर में समुद्री खतरों को दूर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय देशों के साथ सहयोग को मजबूत करता है। आईएनएस तर्कश की वर्तमान यात्रा का उद्देश्य भारत और नामीबिया के बीच दोस्ती के मौजूदा संबंधों को मजबूत करने के लिए विशेष रूपसे भारत की शांतिपूर्ण उपस्थिति बढ़ाना और मित्र देशों के साथ एकजुटता को बढ़ावा देना है।

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