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नाविकों के बायोमैट्रिक पहचान दस्तावेज़ जारी

केंद्रीय शिपिंग राज्यमंत्री ने नाविकों को सौंपे बीएसआईडी कार्ड

'बीएसआईडी में बायोमैट्रिक चिप जैसे आधुनिक सुरक्षा उपाय'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 28 August 2019 05:53:08 PM

mansukh mandaviya handed over the bsid card to the sailors

नई दिल्ली। भारत विश्व का पहला देश बन गया है, जिसने नाविकों के फेशियल बायोमैट्रिक डेटा का संग्रह कर बायोमैट्रिक नाविक पहचान दस्तावेज़ जारी किए हैं। केंद्रीय शिपिंग और रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में इस परियोजना को लांच किया। मनसुख मांडविया ने इस अवसर पर कहा कि नया पहचान पत्र बीएसआईडी पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के समझौता संख्या-185 के अनुरूप है, भारत ने अक्टूबर 2015 में इस समझौते पर सहमति व्यक्त की थी। शिपिंग राज्यमंत्री ने पांच भारतीय नाविकों को नए बीएसआईडी कार्ड भी सौंपे। उन्होंने कहा कि नई फेशियल बायोमैट्रिक तकनीक दो अंगुली या आंख की पुतली आधारित बायोमैट्रिक डेटा से बेहतर है, इसमें आधुनिक सुरक्षा उपाय भी है, इससे एसआईडी कार्ड प्राप्त नाविक की पहचान अधिक विश्वसनीय होगी और इससे नाविक की गरीमा एवं निजता भी सुरक्षित होगी। भारत ने आईएलओ में इस तकनीक पर आधारित एक प्रस्तुति दी थी।
शिपिंग राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है, तटीय पोत परिवहन अंतरदेशीय जलमार्ग और अन्य समुद्री गतिविधियों में तेजी से वृद्धि हो रही है, इससे इस क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों का भी सृजन हुआ है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग उद्योग में भारतीय नाविकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत या विदेश में रोज़गार पाने वाले भारतीय नाविकों की संख्या 2017 में 1,54,349 थी, जो इस वर्ष 2,08,799 हो गई है, इसमें 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मनसुख मांडविया ने कहा कि बीएसआईडी में आधुनिक सुरक्षा उपाय हैं, इसमें एक बायोमैट्रिक चिप लगी है, बीएसआईडी कार्ड की सुरक्षा विभिन्न स्तरों और विभिन्न तरीकों से सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि डेटा संग्रह के दौरान चेहरे को पासपोर्ट आकार के फोटो के साथ मिलान किया जाता है, इसके लिए फोटो मिलान सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है। फेशियल बायोमैट्रिक संग्रह तथा इसके प्रमाणन के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। राज्यमंत्री ने बताया कि जारी किए जानेवाले प्रत्येक एसआईडी कार्ड से संबंधित जानकारी राष्ट्रीय डेटाबेस में संग्रह की जाएगी और इससे संबंधित जानकारी दुनिया के किसे भी कोने से प्राप्त की जा सकती है।
शिपिंग राज्यमंत्री ने बताया कि भारत में बीएसआईडी परियोजना सी-डैक मुम्बई के सहयोग से चलाई जा रही है और सरकार ने 2016 में मर्चेंट शिपिंग (नाविक बायोमैट्रिक पहचान दस्तावेज) नियम अधिसूचित किया था। मनसुख मांडविया ने कहा कि एसआईडी कार्ड में नाविकों के बायोमैट्रिक के साथ-साथ भौगोलिक ब्यौरा शामिल होगा, इसके सत्यापन के बाद एसआईडी कार्ड नाविकों को जारी किए जाएंगे। बीएसआईडी कार्ड जारी करने के लिए मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, नोएडा, गोवा, मंगलौर, कोच्चि, विशाखापत्तन और कांडला में 9 डेटा संग्रह केंद्र बनाए गए हैं। प्रत्येक भारतीय नागरिक जिसे भारत सरकार से जारी कंटिन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट प्राप्त है, उसे बीएसआईडी कार्ड के लिए योग्य माना जाएगा। वर्तमान में 3,50,000 भारतीय नाविकों को बीएसआईडी कार्ड जारी करने की आवश्यकता होगी। वर्तमान के सभी नाविकों को दो वर्ष के अंदर बीएसआईडी कार्ड जारी कर दिए जाएंगे, इसके बाद प्रत्येक वर्ष 15,000 नए नाविकों को बीएसआईडी कार्ड जारी किए जाएंगे।

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