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देश के दूरदराज क्षेत्रों में जल्द ही 'हेली-क्लिनिक'

प्रैक्टिशनर ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्रों की ओर भी उन्‍मुख हों-जितेंद्र

'सार्वजनिक एवं निजी स्‍वास्‍थ्‍य सेवा क्षेत्र में सामंजस्‍य जरूरी'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 30 November 2018 05:47:33 PM

minister of state dr. jitendra singh and cardiologist dr naresh trehan

नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भारतीय उद्योग परिसंघ की स्‍वास्‍थ्‍य सेवा परिषद के ‘भारत स्‍वास्‍थ्‍य शिखर सम्‍मेलन 2018’ में जानकारी दी है कि दूरदराज के क्षेत्रों के लिए ‘हेली-क्लिनिक’ यानी हेलिकॉप्‍टर क्लिनिक शुरू करने का प्रस्‍ताव रखा है। उन्होंने कहा कि ये विभिन्‍न राज्‍यों जैसेकि जम्‍मू-कश्‍मीर और पूर्वोत्तर राज्‍यों के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रहवासियों की विशेष चिकित्‍सीय देखभाल सुनिश्चित करने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। गौरतलब है कि राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह एक जाने-माने मधुमेह विशेषज्ञ भी हैं। उन्‍होंने कहा कि कॉरपोरेट अस्‍पताल और निजी क्षेत्र के अग्रणी चिकित्‍सा विशेषज्ञ मुख्‍यत: टियर-I अथवा बड़े शहरों में ही होते हैं, जबकि विशेषकर दूरदराज के ग्रामीण एवं अर्द्ध-ग्रामीण क्षेत्र इस तरह के कॉरपोरेट अस्‍पतालों एवं विशेषज्ञ डॉक्‍टरों से वंचित रहते हैं।
पूर्वोत्तर राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैसे तो बड़े शहरों में निजी क्षेत्र के अग्रणी चिकित्‍सा विशेषज्ञों की भरमार होने से वहां अन्‍य चिकित्‍सा विशेषज्ञों की गुजांइश नहीं रहती है, इसलिए लाभप्रद निजी या प्राइवेट प्रैक्टिस की दृष्टि से भी निजी क्षेत्र के डॉक्‍टरों के लिए यही अच्‍छा रहेगा कि वे ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों की ओर उन्‍मुख हो जाएं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के विशेषकर पहाड़ी राज्‍यों में बड़ी संख्‍या में विशाल भूखंड उपलब्‍ध हैं, जहां कॉरपोरेट अस्‍पताल या तो अपने दम पर अथवा निजी-सार्वजनिक भागीदारी के जरिए हेलिकॉप्‍टर आधारित सुपर स्‍पेशियलिटी क्लिनिक शुरू कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि उदाहरण के लिए सप्‍ताह के प्रत्‍येक दिन कोई भी सुपर विशेषज्ञ डॉक्‍टर जैसेकि हृदय रोग या मधुमेह विशेषज्ञ अथवा किडनी रोग या जठरांत्र यानी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट विशेषज्ञ बारी-बारी से आवश्‍यक पराचिकित्‍सीय स्‍टाफ और दवाओं के साथ एक हेलिकॉप्‍टर ओपीडी शुरू कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि वापसी के दौरान उसी हेलिकॉप्‍टर की मदद से अस्‍पताल में भर्ती करने के उद्देश्‍य से एक-दो जरूरतमंद मरीजों को शहर लाया जा सकता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत जैसे अत्‍यंत विविधता वाले देश में सरकार की संचालित की जाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की चिकित्‍सा सेवा की प्रासंगिकता सदैव बनी रहेगी, हालांकि निजी क्षेत्र की भी भूमिका धीरे-धीरे बढ़ रही है और यह सार्वजनिक क्षेत्र के साथ सामंजस्‍य बैठाकर इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत जैसे देश के दुर्गम एवं दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों तक पहुंचने में टेलीमेडिसिन और ई-हेल्‍थ केयर की विशेष अहमियत है। उन्‍होंने कहा कि इस मामले में भी सरकारी प्रयासों का पूरक साबित होने में निजी क्षेत्र महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ‘सभी के लिए स्‍वास्‍थ्‍य सेवा’ पर केंद्र सरकार के फोकस की सराहना करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने इन चार वर्ष में कुछ अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण निर्णयों का उल्‍लेख किया, जैसेकि प्रत्‍येक जिला अस्‍पताल में डायलिसिस केंद्र खोलना, आरोग्‍य केंद्र की स्‍थापना करना और आयुष्‍मान भारत का शुभारंभ किया जाना इनमें शामिल हैं।
राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों की ओर उन्‍मुख होने के लिए चिकित्‍सा विशेषज्ञों को प्रोत्‍साहन देने और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होने के लिए सरकारी डॉक्‍टरों को पर्याप्‍त संतोषजनक सुविधाएं देने की जरूरत पर विशेष बल दिया। जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ नरेश त्रेहन ने पैनल संवाद के दौरान निजी क्षेत्र के डॉक्‍टरों और सीआईआई की स्‍वास्‍थ्‍य सेवा परिषद की विभिन्‍न तरह की नई पहलों का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि भारत के स्‍वास्‍थ्‍य सेवा क्षेत्र में निवेश, गठबंधन और साझेदारियों की दृष्टि से एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण दौर देखा जा रहा है। डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि हाल के महीनों में भारत में सार्वजनिक और निजी स्‍वास्‍थ्‍य सेवा क्षेत्रों में बड़ी तेजी से सामंजस्‍य स्‍थापित हो रहा है।

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