स्वतंत्र आवाज़
word map

किसान की खुशहाली ही देश की समृद्धि-मोदी

प्रधानमंत्री ने किया कांफ्रेंसिंग से 'कृषि कुंभ' का उद्घाटन

'कृषि को बेहतर बनाने की दिशा में खुलेंगे नए रास्ते'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 26 October 2018 10:46:26 PM

prime minister inaugurated 'krishi kumbh-2018' through video conferencing

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ शुगर रिसर्च लखनऊ में आयोजित त्रिदिवसीय ‘कृषि कुम्भ’ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी-2018 का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णा राज, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह) की मौजूदगी में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह सम्मेलन आने वाले दिनों में कृषि को बेहतर बनाने की दिशा में नये रास्ते खोलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का 20 प्रतिशत खाद्यान्न का उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषकों की सच्ची हितैषी है और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए लगातार कार्य कर रही है, इसीलिए सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए खरीफ की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अभूतपूर्व वृद्धि की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम किसान को आगे नहीं लाते हैं, बल्कि किसान देश को आगे ले जाता है, इसीलिए किसान की खुशहाली में ही देश की समृद्धि छिपी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार के प्रयास केंद्र सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा हैं, जिसमें गांव और किसान हमारे आर्थिक चिंतन का प्रखर हिस्सा बने हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण तथा वैल्यू एडिशन को अपनाकर किसानों की आय में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने टमाटर, आलू और प्याज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए टीओपी योजना शुरू की है, इसके लिए इस वर्ष के बजट में 5 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिए कृषि के साथ-साथ अन्य सहायक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालक समाज के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 हजार 500 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी प्रदान की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खेती में वैज्ञानिक तरीकों का अभूतपूर्व समावेश किया जा रहा है, बीज से लेकर बाजार तक एक मजबूत व्यवस्था देश में तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा‌ कि देश में किसानों तक कृषि सम्बंधी नवीनतम जानकारी पहुंचाने में 700 कृषि विज्ञान केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान का केंद्र बनाया जा रहा है, मिट्टी की सेहत से लेकर मंडियों में सुधार के अनेक कदम उठाए जा रहे हैं, देशभर में 16 करोड़ से अधिक और उत्तर प्रदेश में करीब तीन करोड़ स्वॉयल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा किइससे किसानों को अपनी जमीन की सेहत के बारे में जानने के साथ-साथ उनकी जमीन को किस फर्टीलाइजर की कितनी आवश्यकता है, दोनों की जानकारी प्राप्त हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंचाई की व्यवस्था को मजबूत करने का काम किया जा रहा है, सिंचाई की नई तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है, ‘पर ड्राप मोर क्राप’ के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इजराइल सूक्ष्म सिंचन पद्धति के लिए विश्वविख्यात है, जापान भी कृषि के विकास में नित नए प्रयास कर रहा है, अब इसका लाभ देश और प्रदेश के किसानों को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंचाई के लिए पम्प की आवश्यकता होती है, इसके दृष्टिगत सरकार सौर पम्प को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में करीब 28 लाख किसानों को सौर पम्प मुहैया कराए जाएंगे, इन सौर पम्पों के माध्यम से किसानों को विद्युत वितरण कम्पनियों को बिजली बेचने का लाभ भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे कल तक जो किसान अन्नदाता कहलाता था, वह ऊर्जादाता भी बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान का सीधा लाभ किसानों को मिले यह आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए वैज्ञानिकों को भी किसानों के हितों को ध्यान में रखकर अन्वेषण करना चाहिए, खेत की हर चीज सोना होती है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है उस जौहरी की जो कचरे को भी कंचन बना सके, इसलिए फसल अवशेष को जलाकर उसे नष्ट करने के स्थान पर उसके अन्य चीजों में उपयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है।
पूरी दुनिया को खाद्यान्न दे सकता है यूपी-योगी
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसान कृषि उपज के लिए जागरुक हो सकें एवं कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें तो निःसंदेह कृषक समृद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश अपनी उर्वराशक्ति के कारण देश और दुनिया में जाना जाता है, यदि किसान को सही जानकारी उपलब्ध हो जाए तो उत्तर प्रदेश की धरती में इतनी क्षमता है कि पूरी दुनिया के लिए खाद्यान्न का उत्पादन कर सकती है। उन्होंने कहा कि जरूरत है कि तकनीक को अपनाया जाए, कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से कृषकों को काफी लाभ हुआ है, किसानों ने अपने पुरुषार्थ से प्रदेश को समृद्ध बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश दुग्ध, आलू व गन्ना उत्पादन में पहले स्थान पर आ गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भूमि की उर्वरा शक्ति को मापने के लिए डेढ़ वर्ष में रिकॉर्ड संख्या में किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड जारी किए गए हैं, साथ ही सिंचन व्यवस्था को भी बेहतर बनाया गया है, अब तक 1 लाख 98 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों की बेहतरी के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है, इसके तहत नई चीनी मिलों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नवंबर के प्रथम सप्ताह से गन्ना पेराई सत्र की शुरुआत की जाएगी, आने वाले समय में जब शुगर से एथेनॉल बनाने का कार्य होगा, तब किसानों की आर्थिक दशा में और सुधार देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अथक प्रयासों से किसानों का जीवन समृद्ध हुआ है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि वर्तमान में कृषि विकास को नई गति मिली है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी बुनियादी सुविधाओं से आमजन को जोड़ने का काम किया है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पास कृषि को बढ़ाने के लिए अच्छी तकनीक है, जिसका लाभ प्रदेश के किसानों को मिलेगा और इन प्रयासों से किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इजराइल के सहयोग से जनपद बस्ती व जनपद कन्नौज में फल एवं सब्जी के लिए स्थापित ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का लोकार्पण भी किया, साथ ही उत्तर प्रदेश और जापान के मध्य कृषि निवेश के संबंध में एमओयू भी किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री, बिहार के कृषिमंत्री प्रेम कुमार, उत्तराखंड के कृषिमंत्री सुबोध उनियाल, पार्टनर कंट्री इजराइल के राजदूत माया काडोश, पार्टनर कंट्री जापान के डिप्टी असिस्टेंट मिनिस्टर तकामी नकाडा, मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ प्रभात कुमार, प्रमुख सचिव कृषि अमितमोहन प्रसाद, जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक, विनिर्माता और किसान उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]