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बुनियादी शिक्षा मातृभाषा में दी जाए-नायडू

'भारत की शिक्षा प्रणाली उत्कृष्टता की ऊंचाईयों पर'

शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्रदान किए गए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 5 September 2018 05:41:45 PM

venkaiah naidu presenting the national award to teachers 2017

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि शिक्षक राष्ट्रीय विकास के प्रमुख कर्णधार हैं और बुनियादी शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने आज शिक्षक दिवस पर देशभर से चुने हुए 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान 2017 प्रदान किए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षकों की बदौलत ही हमारी शिक्षा प्रणाली स्थिरगति से उत्कृष्टता की ऊंचाईयों तक बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के शानदार योगदान को मानते हुए सरकार न सिर्फ उनको मान्यता देती है, बल्कि उनको प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक समझती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के सभी देश भारत को विश्व गुरु मानते हैं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि ज्ञान और विद्या के क्षेत्र में भारत का योगदान हजारों वर्ष पुराना है, बहरहाल आज बच्चों, युवाओं और वयस्कों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना हमारे लिए एक चुनौती है। वेंकैया नायडू ने कहा कि आज के समय में हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा और ऐसा माहौल तैयार करना होगा, जहां मूल्यों और शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना हो। उन्होंने कहा कि मूल्यों को अंगीकार करना होता है और शिक्षकों को अपने आचरण के जरिए छात्रों में समानता, लोकतंत्र, शांति जैसे मूल्यों को निरूपित करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में शिक्षकों को बहुत महत्व दिया जाता है। उन्होंने बताया कि फिनलैंड जैसे देश में पूरा समाज शिक्षकों के सामने नतमस्तक रहता है।
वेंकैया नायडू ने कहा कि ये सिद्धांत हमारी प्राचीन भारतीय धरोहर से निकले हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण दिया, जिसमें स्वामीजी ने कहा था कि हम वह शिक्षा चाहते हैं, जिससे चरित्र का निर्माण हो, मस्तिष्क की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विस्तार हो और व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रयोग द्वारा सीखना सबसे अच्छा तरीका होता है। उन्होंने कंफ्यूशियस का उदाहरण दिया, जिसमें कंफ्यूशियस ने कहा था कि मैं सुनता हूं और भूल जाता हूं, मैं देखता हूं और याद रखता हूं, मैं करता हूं और समझ जाता हूं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें गुरुदेव टैगोर, अरबिंद और महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलना चाहिए, जो गतिविधियों के जरिए शिक्षण पर बल देते थे। इस अवसर पर मानव संसाधान विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधान विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा और विशिष्टजन उपस्थित थे।

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