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महालनोबिस असाधारण स्‍वप्‍नदृष्‍टा थे-प्रणब

प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस का 125वां जन्‍मोत्‍सव

महालनोबिस का सांख्यिकी प्रणाली में खास योगदान

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Friday 30 June 2017 03:08:13 AM

janmotsav of professor prashant chandra mahalanobis in kolkata

कोलकाता। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कोलकता में प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस के 125वें जन्‍मोत्‍सव पर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि उन्‍हें देश में आर्थिक नियोजन के निर्माता और व्‍यावहारिक सांख्यिकी के अगुआ प्रोफेसर पीसी महालनोबिस के 125वें जन्‍मोत्‍सव में शामिल होने की खुशी है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि प्रोफेसर महालनोबिस असाधारण आयामों वाले स्‍वप्‍नदृष्‍टा थे, हमें उनके सुझावों और विचारों का अनुसरण करना चाहिए, उन्होंने इस बात पर बल दिया था कि हमें अपने मस्तिष्‍क को धर्मांधता और कट्टरता से मुक्‍त रखना चाहिए, उन्‍होंने परिस्थितियों को ध्‍यान में रखकर भारत की आर्थिक नी‍तियों में अपनाए गए लचीलेपन को भी उल्‍लेखित किया है।
राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बताया कि जब साधारण ब्रह्म समाज के कई वरिष्‍ठ सदस्‍य ब्रह्म समाज में रबिंद्रनाथ टैगोर की सदस्‍यता के खिलाफ थे, उस समय प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने रबिंद्रनाथ टैगोर की ब्रह्म समाज में सदस्‍यता के लिए तर्क संगत लड़ाई शुरू कर उनका समर्थन किया था। उन्‍होंने लेखन में अकाट्य तर्कों की पराकाष्‍ठा पुस्तिका लिखकर उसे ब्रह्म समाज के सदस्‍यों में वितरित किया, इसके पश्‍चात शीघ्र ही रबिंद्रनाथ टैगोर को साधारण ब्रह्म समाज का सदस्‍य स्‍वीकार कर लिया गया। राष्‍ट्रपति ने कहा कि प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस का भारतीय सांख्यिकी संस्‍थान उच्‍च गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है। उन्‍होंने भारतीय सांख्यिकी संस्‍थान के कार्यक्रम में शामिल होने और प्रखर शिक्षकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के समक्ष संबोधन के लिए खुशी जताई।
भारत सरकार ने वर्ष 2007 में प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस के सांख्यिकी, सांख्यिकी प्रणाली और आर्थिक नियोजन के क्षेत्रों में उल्‍लेखनीय योगदान को देखते हुए उनके जन्‍मदिन 29 जून को प्रतिवर्ष राष्‍ट्रीयस्‍तर पर मनाए जाने वाले विशेष दिवसों के वर्ग में ‘सांख्यिकी दिवस’ के रूप में निर्दिष्‍ट किया है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य सामाजिक-आर्थिक नियोजन में सांख्यिकी के महत्‍व की जन जागरूकता पैदा करना और प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस के योगदान को स्‍वीकार करते हुए उनको श्रद्धांजलि देना है। प्रत्‍येक वर्ष गंभीर चर्चा हेतु राष्‍ट्रीय महत्‍व की समसामयिक थीम का चयन किया जाता है और वर्षभर उस चयनित क्षेत्र में सुधार करने के लिए प्रयास किए जाते हैं। सांख्यिकी दिवस की इस वर्ष की थीम ‘प्रशासनिक सांख्यिकी’ है। प्रशासनिक सांख्यिकी प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्‍यकता है, क्‍योंकि यह लागत और समय कुशल है, सैंपल सर्वेक्षण और जनगणना पर निर्भरता को कम करती है।
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस का ही यह करिश्मा है कि सरकार के सभी स्‍तरों केंद्र, राज्‍य और स्‍थानीय निकाय पर प्रशासनिक आंकड़े उपलब्‍ध हैं। विभिन्‍न स्‍तरों पर इन आंकड़ों के समुचित संकलन से आंकड़ों का नियमित मासिक और अल्‍पकालीन अवधि प्रवाह सुनिश्चित हो जाएगा, इससे सुशासन सुदृढ़ होगा। इस तरह से चयनित थीम अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है। यह सांख्यिकी एवं आर्थिक निदेशालय और कार्यक्रम कार्यांवयन एवं सांख्यिकी मंत्रालय का केंद्र बिंदु क्षेत्र बना हुआ है। प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने वर्ष 1931 में कोलकता में भारतीय सांख्यिकी संस्‍थान की स्‍थापना की थी। संसद ने वर्ष 1959 में एक अधिनियम पारित करके इस संस्‍थान को राष्‍ट्रीय महत्‍व का संस्‍थान घोषित करके कार्यक्रम कार्यांवयन एवं सांख्यिकी मंत्रालय का एक स्‍वायत्त संस्‍थान बना दिया गया। भारतीय सांख्यिकी संस्‍थान 29 जून को ‘कर्मिक दिवस’ मनाता है। इस वर्ष कार्यक्रम कार्यांवयन एवं सांख्यिकी मंत्रालय और भारतीय सांख्यिकी संस्‍थान ने मिलकर 29 जून को कोलकता में प्रोफेसर महालनोबिस का जन्‍मोत्‍सव मनाया।
राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसमें भाग लेने वाले गणमान्‍य अतिथियों में पश्‍चिम बंगाल के राज्‍यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, केंद्रीय सांख्‍यिकी और कार्यक्रम क्रियांवयन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, राष्‍ट्रीय सांख्‍यिकी आयोग के अध्‍यक्ष डॉ आरएस बर्मन, आईएसआई के अध्‍यक्ष डॉ विजय केलकर, आईएसआई काउंसिल के चेयरमैन प्रोफेसर गोवर्धन मेहता, भारत के मुख्‍य सांख्‍यिकीविद डॉ टीसीए अनंत और सांख्‍यिकी एवं कार्यक्रम क्रियांवयन मंत्रालय के सचिव प्रोफेसर के विजय राघवन आदि मौजूद थे।
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस के 125वें जन्‍मोत्‍सव पर केंद्रीय सांख्‍यिकी और कार्यक्रम क्रियांवयन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कोलकाता में महालनोबिस भवन बारानगर में प्रोफेसर पीसी महालनोबिस पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस के जन्‍मोत्‍सव पर अखिल भारतीय स्‍तर पर मान्‍यता प्राप्‍त विश्‍वविद्यालयों और संस्‍थानों के स्‍नातकोत्‍तर छात्रों के लिए आयोजित ‘निबंध लेखन प्रतियोगिता’ में भाग लेने वाले छात्रों को सम्‍मानित भी किया गया।

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