स्वतंत्र आवाज़
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अस्पृश्यता पाप अपराध और अधर्म-संघ

गाय पर राजस्थान हाईकोर्ट की पहल का स्वागत

'टुकड़े-टुकड़े होने के कगार पर खड़ा पाकिस्तान'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 3 June 2017 04:52:57 AM

aadarsh vidyaamandir raajaapaark me sangh shikshaavarg

जयपुर। जयपुर में आदर्श विद्यामंदिर राजापार्क में चल रहे संघ शिक्षावर्ग प्रथम वर्ष के समापन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य और मुख्यवक्ता इंद्रेष कुमार ने कहा है कि सेना पर पथराव करने वाले, गौ हत्यारे, गौ तस्कर और गौ मांस खाने वाले, विश्वविद्यालयों में देशविरोधी नारे लगाने वाले, नारियों का अपमान कर उनपर अत्याचार करने वाले लोगों के कोई मानव अधिकार नहीं हैं, तथाकथित प्रगतिशील राष्ट्रविरोधी लोग जो भेदभाव बढ़ाकर भड़काने और लड़वाने का कार्य कर भारत में अशांति एवं हिंसा फैलाना चाहते हैं, उनका पर्दाफाश होना चाहिए। इंद्रेष कुमार ने कहा कि यह वे लोग हैं, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात तो करते हैं, लेकिन मानते हैं कि यह स्वतंत्रता एकतरफा ही होनी चाहिए, इसीलिए वे वैचारिक मतभिन्नता रखने वाले 273 कार्यकर्ताओं की केरल में हत्या करवाते हैं, यानी जो इनके विचारों से सहमत नहीं हैं, उनके जीने का अधिकार भी समाप्त कर देते हैं, ऐसे लोग मानव और मानवता के दुश्मन हैं।
इंद्रेष कुमार ने कहा कि इस साल देशभर में 75 संघ शिक्षा वर्गों में लगभग 30 हजार शिक्षार्थियों ने शिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि आज संघ का कार्य दैनिक शाखा से लगाकर कार्यक्रम के स्वरूप तक भारत में करीबन 75 हजार स्थानों पर चल रहा है, विश्व के अन्य 80 देशों में भी संघ का काम जोरशोर से चल रहा है, इसी प्रकार महिलाओं में राष्ट्रसेविका समिति के माध्यम से इस वर्ष 40 स्थानों पर 4 हजार संघ सेविकाएं शिक्षण प्राप्त कर रही हैं। सेविका समिति की भारत के बाहर भी 15 देशों में शाखाएं हैं, देश में 25 हजार विद्यालय और 60 हजार एकल विद्यालयों में 2 लाख अध्यापकों के शिक्षण में 25 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, इन विद्यालयों में शासन से स्वीकृत विषयों के अलावा भी वैदिक गणित, योग, नैतिक शिक्षा, संस्कृत और आध्यात्मिक विषयों की शिक्षा दी जाती है, देशभर में 1.5 लाख सेवाकार्य स्वयंसेवक और समाज बंधुओं के सहयोग से संचालित किए जा रहे हैं।
इंद्रेष कुमार ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में चीन की दखलंदाजी एवं विश्व में बढ़ती असहिष्णुता मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि परमपावन दलाई लामा का विरोध करना, अपने दस्तावेज़ों में भारत के कई गांवों का नाम बदलना, पाकिस्तान और आतंकवाद को न केवल समर्थन करना, उसे आश्रय देना इसका प्रमाण हैं, जबकि मानवाधिकारों एवं लोकतंत्र का सबसे ज्यादा हनन चीन में ही होता है, जिसकी संयुक्त राष्ट्र संघ भी पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि हमें अहिंसक मार्ग से चीन का विरोध करना है, यानी भारतवासी अपने उत्सव चीनी सामान का उपयोग न कर चीन की आर्थिक नाकेबंदी करने का संकल्प करें। उन्होंने कहा कि भारत और कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान को भारत की सेना का करारा उत्तर देने का हम स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को समझना चाहिए कि जैसे 1971 में उसके टुकडे़ हुए थे, वैसे ही अभी भी वह टुकड़े-टुकड़े होने के कगार पर खड़ा हुआ है, पाकिस्तान का वजूद खतरे में है, वह अपने ही कारनामों से बिखर जाएगा, इसलिए उचित होगा कि वह भारत में दखल देने के बजाय अपने घर पर ही ध्यान दे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पढ़े-लिखे युवा वहां के शासन का विरोध कर रहे हैं।
इंद्रेष कुमार ने कहा कि आज भारत में अलग-अलग प्रकार से साजिश रचकर अस्पृश्यता के मुद्दे उठाकर समाज को तोड़ने वाली शक्तियां सक्रिय हैं, जबकि दूसरी तरफ संघ सबको जोड़ने का एक आंदोलन है, जो देश में एकता, अखंडता, स्नेह और समरसता की धारा प्रवाहित करने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि संघ अस्पृश्यता को पाप, अपराध और अधर्म मानता है, वह इसके पूर्ण निर्मूलन में लगा हुआ है, उदाहरण के लिए संघ ने राजस्थान के कई स्थानों पर सेवा भारती के मंच से 1400 से अधिक जोड़ों के सर्वजातीय विवाह सम्मेलनों के माध्यम से विवाह करवाने का अनूठा कार्य किया है। उन्होंने कहा कि संघ चाहता है कि धर्म के नाम पर देश की अखंडता को खतरा पहुंचाने वाले, धर्मांतरण करने वाले समाप्त हों और सबलोग अपने-अपने धर्म पर चलकर सब धर्मों का आदर करें। उन्होंने कहा कि लव और लैंड ज़िहाद अनैतिक एवं अपराधिक कृत्य हैं। हीदा की मोरी गुरूद्वारे के अध्यक्ष और समाजसेवी सरदार ठाकुरसिंह कार्यक्रम में मुख्यअतिथि रूपमें उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ विचारों को शिक्षा वर्ग शिक्षित स्वयंसेवक गांव-गांव, घर-घर पहुंचाएं।
इंद्रेष कुमार ने कहा कि भारत और विश्व में 90 प्रतिशत जनसंख्या गाय के दूध पर आश्रित है, जैसे माँ के दूध से बच्चों का पोषण होता है, वैसे ही गाय के दूध से मानवजाति का पोषण होता है, इसीलिए गाय को विधिकरूप से विश्व मानवीय प्राणी घोषित कर उसका संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने गाय के संरक्षण के लिए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और उसकी हत्या पर आजीवन कारावास का प्रावधान करने की सकारात्मक पहल कर अभिनंदनीय प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के अंतिम रसूल ने गोस्त को बीमारी एवं गौ दुग्ध को औषधि बताया है। उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम समाज के इस संदेश का स्वागत है कि रोज़े, बीफ से नहीं, बल्कि गौ दूध से खोले जाएं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बहरोड़ में पकड़े गए गौ तस्करों को गौ पालक बताकर समाज में भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों के स्वागत में भूप रचना के वंशीवादन के साथ ध्वजारोहण और संघ प्रार्थना 'पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते' से हुआ। शिक्षार्थियों ने शारीरिक योग की आकर्षक प्रस्तुतियों के साथ घोषवादन और शोभाचलन के मनमोहक दृश्य प्रस्तुत किए। सहगीत 'मन में है संकल्प सघन' के साथ वर्ग कार्यवाह रमेश ने वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए मंचस्थ अतिथियों का परिचय करवाया। इस अवसर पर सेवा प्रमुख रामकृष्ण ने अतिथियों से आम का पौधारोपण करवाया। वर्गाधिकारी सूर्य नारायण सैनी और भाग संघचालक गुलाबचंद नावरिया ने आभार व्यक्त किया।

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