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मोबाइल फोन हैंडसेट में पैनिक बटन

संकट में फंसी महिलाओं की सुरक्षा का उपाय

मेनका संजय गांधी की प्रधानमंत्री को बधाई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 27 April 2016 01:42:23 AM

mobile phone handsets, panic button

नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने ‘मोबाइल फोन हैंडसेट में पैनिक बटन और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम नियम 2016’ अधिसूचित कर दिए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जून 2014 में एक पहल के रूप में मोबाइल फोन में एक पैनिक बटन लगाने का मुद्दा उठाया था, यह जरूरी समझा गया था कि गंभीर संकट में फंसी महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह आवश्यक है कि कोई ऐसी सटीक व्यवस्था हो, जिससे कि वे अपने किसी परिजन अथवा पुलिस को आपातकालीन सिग्नल भेज कर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने यह ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है।
मेनका संजय गांधी ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में अनेक हितधारकों और दूरसंचार विभाग के साथ बच्चों और महिलाओं के सुरक्षा पक्ष पर लंबा और गंभीर विचार-विमर्श किया था और इस बात पर विशेष जोर दिया था कि मोबाइल फोन पर एप के बजाय पैनिक बटन होना ज्यादा कारगर साबित होगा। यह दलील दी गई थी कि किसी संकट में फंसी महिला के लिए महज एक-दो सेकेंड ही अपने बचाव के लिए होते हैं, क्योंकि उस पर शारीरिक या यौन हमला करने वाला व्यक्ति अक्सर उसके मोबाइल फोन को अपने कब्जे में लेने के लिए झपटता है। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद दूरसंचार विभाग और हितधारक आखिरकार मोबाइल फोन में यह सुविधा सुनिश्चित करने पर सहमत हो गए। दूरसंचार विभाग ने पैनिक बटन पर नियमों को अधिसूचित कर दिया है, जिसे भारतीय वायरलेस टेलीग्राफ एक्ट 1933 की धारा 10 के तहत जारी किया गया है।
महिलाओं की सुरक्षा में इन नियमों के तहत 1 जनवरी 2017 से सभी फीचर फोन में पैनिक बटन की सुविधा होगी, जिसके लिए इसके की-पैड के 5वें अथवा 9वें बटन को निर्धारित किया जाएगा। इसी तरह सभी स्मार्ट फोन में भी पैनिक बटन की सुविधा होगी, जिसके लिए इसके की-पैड के ऑन-ऑफ बटन को तीन बार बेहद थोड़े समय के लिए दबाना होगा, यही नहीं 1 जनवरी 2018 से सभी मोबाइल फोन में ऐसी विशेष सुविधा देनी होगी, जिससे उपग्रह आधारित जीपीएस के जरिए यह पता लगाया जा सकेगा कि किसी खास समय पर वह फोन किस स्थान पर था। गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने बच्चों बालिकाओं और महिलाओं की प्रारंभिक सुरक्षा के लिए इस उपाय की पहल की थी, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की थी और जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है।

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