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हवाई संपर्क अब विकास की एक जरूरत-पीएम

किशनगढ़ में प्रधानमंत्री ने रखी हवाई अड्डे की आधारशिला

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Saturday 21 September 2013 09:25:56 AM

manmohan singh, ajeet singh, ashok gehlot, sachin pilot and k.c. venugopal

किशनगढ़-राजस्थान। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज राजस्थान में किशनगढ़ हवाई अड्डे की आधारशिला रखी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जो इस क्षेत्र में विकास की बहुत सारी नई संभावनाएं पैदा करेगा। उन्‍होंने अपने कैबिनेट मंत्री अजीत सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नागर विमानन मंत्रालय और भारत के विमान पत्तन प्राधिकरण के उन तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट को इस मुकाम तक पहुंचाया है। आज ही जयपुर में मेट्रो योजना की आधारशिला भी रखी गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट विकास के रास्ते पर अशोक गहलोत का एक और साहसिक कदम होगा, उनको राजस्थान की जनता की भलाई की जो फ़िक्र है, वो काबिले तारीफ़ है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि सचिन पायलट बहुत दिनों से यह कोशिश करते रहे हैं कि किशनगढ़ हवाईअड्डे को विकसित करने का काम जल्द से जल्द शुरू हो, तो मैं उनकी मेहनत और लगन की भी बहुत तारीफ करता हूं, मैं समझता हूं कि यह राजस्थान की जनता की खुशकिस्मती है कि उन्हें सचिन पायलट जैसे प्रतिनिधि मिले हैं, राजस्थान दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है, यहां की सांस्कृतिक विरासत बहुत ही समृद्ध है, इस राज्य की कुदरती खूबसूरती, दिलचस्प रीति-रिवाज, गौरवशाली इतिहास और अनोखी कलाओं की वजह से ही यहां का पर्यटन उद्योग इतना विकसित हो पाया है, दरअसल इस राज्य का सबसे प्रसिद्ध स्थान अज़मेर यहां से थोड़ी ही दूरी पर है, अज़मेर में हज़रत ख़्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती की पवित्र दरगाह है, जिसको सभी धर्मों के लोग मानते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस इलाके में कई और खूबसूरत और प्रसिद्ध स्थान हैं। पुष्कर ब्रह्माजी के मंदिर और वहां लगने वाले वार्षिक मेले के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ब्यावर, नागौर और चित्तौड़गढ़ शहर पूरे देश के लिए संगमरमर, कपड़ा और सीमेंट उद्योगों की दृष्टि से बहुत अहमियत रखते हैं, हालांकि यह क्षेत्र सड़क और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है, लेकिन यहां हवाई सुविधाओं की कमी रही है, यहां के लोगों के लिए सबसे नज़दीक हवाई अड्डा जयपुर है, जो यहां से लगभग 150 किलोमीटर दूर है।
किशनगढ़ हवाई अड्डा पूरी तरह बन जाने से वह सभी पर्यटक इस क्षेत्र में आसानी से पहुंच सकेंगे, जो हवाई मार्ग के रास्ते से यहां आना चाहते हैं। इससे पर्यटन, कारोबार और तीर्थयात्राओं को बहुत बढ़ावा मिलेगा और इसकी वजह से इस क्षेत्र के औद्योगिक और आर्थिक विकास में बहुत तेजी आएगी। भारत में अक्सर हवाई अड्डों को अमीरों के लिए एक सहूलियत माना जाता है, लेकिन अब हवाई संपर्क विकास के लिए एक जरूरत बन गई है। हवाई मार्ग की कमी किसी भी क्षेत्र की आर्थिक प्रगति में एक बड़ी बाधा हो सकती है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही इसके फायदे पूरी तरह सामने आने लगेंगे।
देश में हवाई अड्डों का बुनियादी ढांचा विकसित करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता रही है। नागर विमानन मंत्रालय ने इस दिशा में कड़ी मेहनत की है, हालांकि शुरुआत में देश के महानगरों में बड़े-बड़े हवाई अड्डे बनाने पर ज़ोर दिया गया, लेकिन अब छोटे-छोटे शहरों में छोटे हवाई अड्डों का एक network विकसित करने की एक महत्वाकांक्षी योजना लागू की जा रही है। इस योजना से देश के विभिन्न शहरों और कस्बों में 100 से अधिक छोटे हवाई अड्डे बनाए जाएंगे, जिनकी वजह से पूरा देश हवाई यातायात से आसानी से जुड़ जाएगा। किशनगढ़ हवाई अड्डे का विकास इस कोशिश के तहत शुरु किया जाने वाला पहला प्रोजेक्ट है। आने वाले समय में देश और राजस्थान के लोग ऐसे ही कई और हवाई अड्डे बनते हुए देखेंगे।
पिछले 10 सालों के दौरान, हमारे देश में हवाई यात्रियों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। आने वाले वक्त में यह संख्या और भी बढ़ेगी। पिछले साल हवाई यात्रियों की संख्या देश भर में 16 करोड़ थी और 2020 के अंत तक इसके 30 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। हमारे देश में हवाई अड्डों के विकास के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी ताकि तेजी से बढ़ती हुई हवाई यातायात की जरूरतें पूरी हो सकें। इसके लिए सरकार और निजी क्षेत्र-दोनों को ही भारी निवेश करने की आवश्यकता है। राजस्थान जैसे राज्य ने अधिक से अधिक छोटे हवाई अड्डे बनाए जाने की अहमियत को बखूबी समझ लिया है।
प्रधानमंत्री ने यहां ख़्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती की दरगाह का जिक्र करते हुए कहा कि यह भाईचारे और शांति की एक शानदार मिसाल पेश करती है, दरगाह में सभी धर्मों के लोग दुआ मांगने आते हैं, इस पवित्र दरगाह से जो सीख मिलती है, वह आज उस वक्त और भी महत्वपूर्ण है, जब देश के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ है, नफरत और हिंसा से जुड़ी सोच और कामों से किसी को भी फ़ायदा नहीं होता है, भारत सहनशीलता, सभी धर्मों का सम्मान और अपने से अलग विचारधाराओं का आदर करने जैसे सिद्धांतों की बुनियाद पर ही एक महान राष्ट्र बना है, हमारे देश में विविध धर्म, समुदायों, भाषाओं एवं जाति के लोगों के बीच हमेशा शांतिपूर्ण संबंध रहे हैं, हम सबके सामने एकमात्र रास्ता यह है कि हम इन महान परंपराओं का पूरी तरह पालन करें।

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