विश्व के समुद्री नक्शे पर भारत एक उभरती हुई ताकत-गृहमंत्री
'भारत का मैरीटाइम विज़न सुरक्षा स्थिरता और आत्मनिर्भरता है'स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 27 October 2025 05:41:42 PM
मुंबई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुंबई में शुरू हुए इंडिया मैरीटाइम वीक-2025 में कहा हैकि मुंबई में विश्व प्रसिद्ध गेटवे ऑफ इंडिया है, यह गेटवे ऑफ वर्ल्ड में बदल रहा है। उन्होंने कहाकि इस एक दशक में समुद्री शिखर सम्मेलन ने यह सिद्ध कर दिया हैकि समुद्री अर्थव्यवस्था में हमने जो गहरे संरचनात्मक सुधार किए हैं, उनके आधार पर भारत अब एक उभरती हुई सशक्त ताकत बनकर विश्व के समुद्री नक्शे पर पूरे दमखम केसाथ खड़ा है। अमित शाह ने कहाकि भारत की समुद्री शक्ति और रणनीतिक स्थान इस बातसे पता चलता हैकि हमारा समुद्र तट 11 हज़ार किलोमीटर से भी अधिक लंबा है, तेरह तटीय राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों केसाथ जीडीपी में लगभग 60 प्रतिशत योगदान हमारे समुद्री राज्यों का है। उन्होंने कहाकि भारत का 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र दुनियाभर के निवेशकों और मैन्युफैक्चर्रस को आकर्षित करता है और लगभग 800 मिलियन की आबादी इन समुद्री राज्य में बसती है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि हिंद महासागर क्षेत्र के 38 देश वैश्विक निर्यात में लगभग 12 प्रतिशत का योगदान देते हैं, हम इस पूरी क्षमता को इस समिट के माध्यम से विश्व के निवेशकों और समुद्री उद्योग के चैंपियन के सामने खुला रख रहे हैं। गृहमंत्री ने कहाकि भारत अपनी समुद्री स्थिति, लोकतांत्रिक स्थिरता और नौसेना क्षमता के बल पर इंडो-पैसिफिक और ग्लोबल साउथ केबीच एक सेतु की भूमिका निभा रहा है जो विकास, सुरक्षा और पर्यावरण को गति दे रहा है। उन्होंने कहाकि भारत का समुद्री इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज नए समुद्री इतिहास को रचने केलिए तैयार खड़ा है। उन्होंने कहाकि इस सम्मेलन में 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि उपस्थित हैं, जो इस बातका प्रमाण हैकि भारत की समुद्री परंपरा आजभी वैश्विक साझेदारी और क्षेत्रीय स्थिरता का केंद्र बिंदु है। अमित शाह ने कहाकि भारतीय समुद्री सप्ताह हिंद-प्रशांत क्षेत्रका सबसे प्रतिष्ठित समुद्री संवाद मंच बनकर उभरा है और यह समिट 2047 तक मैरीटाइम इंडस्ट्री में भारत का ऊंचा स्थान सुनिश्चित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत बड़ा योगदान देगी। उन्होंने कहाकि इस वर्ष के संस्करण में 100 से अधिक देशों से 350 से अधिक स्पीकर, 500 से अधिक कंपनियां और 1 लाख से अधिक प्रतिनिधियों की सहभागिता होने वाली है, साथही यहां 10 लाख करोड़ के निवेश के अवसरों का भी सृजन होगा।
गृहमंत्री ने कहाकि भारत प्रतिस्पर्धा में नहीं, बल्कि परस्पर सहयोग पर विश्वास करता है, हम देश की मैरीटाइम इंडस्ट्री को विश्व की मैरीटाइम इंडस्ट्री केसाथ जोड़ने केलिए रोडमैप बना चुके हैं। गृहमंत्री ने कहाकि भारत का मैरीटाइम विज़न, सुरक्षा, स्थिरता और आत्मनिर्भरता के स्तंभों पर आधारित है। उन्होंने उल्लेख कियाकि मैरीटाइम इंडिया विज़न-2013 केसाथ हमने सागरमाला, ब्लू इकोनॉमी, ग्रीन मैरीटाइम विज़न जैसी पहल केसाथ ही यह लक्ष्य रखा हैकि दुनिया की शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री में भारत शीर्ष 5 देशों में शामिल होगा, नए मेगा और डीप ड्राफ्ट पोर्ट्स का निर्माण भी हम कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि पोर्ट हैंडलिंग में 10 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष का लक्ष्य रखा है और पोर्ट ट्रांस्पोर्ट को पूरी तरह डिजिटाइज़ कर लिया गया है, इसके साथही भारत इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरीडोर, ईस्टर्न मैरीटाइम कॉरीडोर, नॉर्थ साउथ ट्रांस्पोर्ट कॉरीडोर जैसे कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स के साथ भी जुड़ चुका है। अमित शाह ने कहाकि 11 वर्ष में प्रधानमंत्री भारत के समुद्री क्षेत्रको राष्ट्रीय शक्ति, रीजनल स्टेबिलिटी और ग्लोबल प्रॉस्पेरिटी के रूपमें परिभाषित किया गया है और इन तीनों लक्ष्यों को सिद्ध करने केलिए हमने कई पहल की हैं। उन्होंने कहाकि आज दुनिया का दो तिहाई व्यापार इंडो पैसीफिक समुद्री मार्ग से होता है और भारत का 90 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्ग से होता है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि देश की मैरीटाइम पॉलिसी अब विकसित होकर महासागर क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास केलिए पारस्परिक एवं समग्र उन्नति भारत के बढ़ते ग्लोबल फुटप्रिंट्स का प्रतीक बन चुकी है। अमित शाह ने कहाकि सागर से महासागर का भारत का विज़न हमें 2047 तक इस क्षेत्रमें गलोबल लीडर बनाने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाएगा, इसके लिए बजट 6 गुना यानी 230 मिलियन डॉलर तक करदिया गया है। गृहमंत्री ने कहाकि सागरमाला परियोजना में हमने मार्च 2025 तक 70 बिलियन डॉलर की 839 परियोजनाओं की पहचान की है, जिनमें से 17 बिलियन डॉलर की 272 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 5 बिलियन डॉलर वाला ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट बन रहा है, जो भारत के मैरीटाइम वैश्विक व्यापार को अनेक गुना बढ़ाएगा। उन्होंने जिक्र कियाकि हम 200 मिलियन डॉलर के निवेश से कोचीन शिपयार्ड में भारत की सबसे बड़ी डॉक का निर्माण कर रहे हैं, गुजरात में मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स का विकास भी हो रहा है। अमित शाह ने कहाकि ज़रूरी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों केसाथ तालमेल बैठाने केलिए पुराने भारतीय कानूनों का रिफॉर्म किया गया है, वर्ष 2025 में 117 साल पुराने भारतीय बंदरगाह विधेयक को ग्लोबल दृष्टिकोण केसाथ पारित किया गया है, बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम-2021 से हमने बंदरगाहों को अधिक स्वायत्तता देने और उनके संस्थागत ढांचे के आधुनिकीकरण का मार्ग खोला है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम-2016 केतहत 106 नए जलमार्ग घोषित किए हैं।
अमित शाह ने कहाकि मोदी सरकार ने सुरक्षा, कोस्टल सुरक्षा और मछुआरों की सुरक्षा केलिए ब्लू इकोनॉमी के विकास को सुनिश्चित किया है, एक दशक में तटीय शिपिंग में 118 प्रतिशत और कार्गो हैंडलिंग में 150 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहाकि मैरीटाइम सेक्टर में सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने केलिए शिप बिल्डिंग को आगे बढ़ाने केलिए हमने नीतिगत फैसले लिए हैं। गृहमंत्री ने कहाकि भारत का लक्ष्य एक ऐसे हरित समुद्री भविष्य का निर्माण करना है, जो विकास को गति दे, लेकिन प्रकृति केसाथ संतुलन भी बनाए रखे। उन्होंने कहाकि भारत यह नहीं भूलताकि छोटे द्वीपीय राज्य और वैश्विक दक्षिण के कई देश समुद्र से ही जीवन और जीविका प्राप्त करते हैं, इन देशों केलिए जलवायु परिवर्तन अस्तित्व का प्रश्न है और भारत इसे ध्यान में रखते हुए ग्रीन, समृद्ध और साझा महासागर के निर्माण के विज़न केसाथ आगे बढ़ रहा है। समिट में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहनचरण माझी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार और केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और हितधारक उपस्थित थे।