राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह पर संबोधन
'सेंट टेरेसा कॉलेज ने शिक्षा से स्थिरता नेतृत्व और प्रतिनिधित्व को बढ़ाया'स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 24 October 2025 04:55:31 PM
एर्नाकुलम (केरल)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में कहाकि सेंट टेरेसा कॉलेज आध्यात्मिक मूल्यों केप्रति दृढ़ प्रतिबद्धता केसाथ भारत में महिला शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है। यह सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण में एक महान योगदान है। राष्ट्रपति ने कहाकि हमें उन प्रतिष्ठित व्यक्तियों की दूरदर्शिता और विरासत का गहराई से सम्मान करना चाहिए, जिन्होंने इस संस्थान का निर्माण किया और इसे एक शताब्दी की निरंतर उपलब्धियों तक पहुंचाया है। राष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि केरल की प्रतिभाशाली महिलाओं ने राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान किया है, संविधान सभा की पंद्रह असाधारण महिला सदस्यों ने देश के संविधान निर्माण में अपने समृद्ध विचार रखे थे, उन पंद्रह उत्कृष्ट महिलाओं में से तीन केरल से थीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि इनमें अम्मू स्वामीनाथन, एनी मैस्करेन और दक्षायनी वेलायुदन ने मौलिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता केसाथ-साथ कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार विमर्श को प्रभावित किया था। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत में उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति अन्ना चांडी थीं, वर्ष 1956 में वह केरल उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनीं और न्यायमूर्ति एम फ़ातिमा बीवी ने 1989 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बनकर इतिहास रचा था। राष्ट्रपति ने कहाकि सेंट टेरेसा कॉलेज की मेधावी छात्राएं युवा भारत, संपन्न भारत और जीवंत भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उन्होंने कहाकि देश को अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का प्रभावी ढंग से उपयोग करने केलिए महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहाकि पिछले दशक में जेंडर बजट आवंटन में साढ़े चार गुना वृद्धि हुई है, वर्ष 2011 और 2024 केबीच महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई लगभग दोगुने हो चुके हैं।
द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने केलिए कार्यबल में 70 प्रतिशत महिला भागीदारी सुनिश्चित करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहाकि विभिन्न सामाजिक और आर्थिक वर्गों की महिलाएं भारत की प्रगति में योगदान दे रही हैं। राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि सेंट टेरेसा कॉलेज की छात्राएं देश के विकास में अपने अनुकरणीय योगदान से सकारात्मक भूमिका निभा रही हैं। राष्ट्रपति ने खुशी जताईकि सेंट टेरेसा कॉलेज ने शिक्षा से स्थिरता, नेतृत्व और प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने केलिए ‘स्लेट’ परियोजना शुरू की है। उन्होंने कहाकि इसके माध्यम से कॉलेज ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों केप्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने कहाकि युवाओं को सतत विकास लक्ष्यों केतहत भारत के लक्ष्यों से जोड़ना और उन्हें भविष्य की नौकरियों केलिए सक्षम बनाना इस परियोजना के सराहनीय उद्देश्य हैं। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि सेंट टेरेसा कॉलेज जैसे उच्चशिक्षा संस्थान भारत को ज्ञान की महाशक्ति के रूपमें उभारने में मदद करेंगे।