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Friday 26 September 2025 03:24:50 PM
पटना/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना का शुभारंभ किया। वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से जनसमूह को संबोधित करते हुए नवरात्र की बधाई और शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री की खुशी और भावनाओं का उस वक्त कोई ठिकाना नहीं रहा, जब लाभार्थी महिलाओं ने उनसे बातचीत करते हुए उन्हें ‘मोदी भईया’ कहकर संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने बिहार की महिलाओं केसाथ होने पर भारी प्रसन्नता व्यक्त की और कहाकि आज मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना का शुभारंभ हो रहा है। नरेंद्र मोदी ने बताया कि 75 लाख महिलाएं पहले ही इस पहल से जुड़ चुकी हैं और इन 75 लाख महिलाओं में से प्रत्येक के बैंक खाते में आज एक साथ ₹10,000 हस्तांतरित कर दिए गए हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस प्रक्रिया में उनके मन में दो विचार आए। पहला-आज का दिन बिहार की महिलाओं और बेटियों केलिए सचमुच एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और दूसरा-अगर सरकार ने ग्यारह साल पहले जनधन योजना शुरू करने का संकल्प न लिया होता, अगर 30 करोड़ से ज़्यादा महिलाओं ने इस योजना के तहत बैंक खाते न खोले होते और अगर ये खाते मोबाइल फ़ोन और आधार से न जुड़े होते, तो आज इतनी धनराशि सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित करना संभव नहीं होता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब कोई महिला रोज़गार या स्वरोज़गार से जुड़ती है तो उसके सपनों को नए पंख लगते हैं और समाज में उसका सम्मान बढ़ता है। उन्होंने कहाकि बुनियादी ढांचे के बिना धनराशि रास्ते में ही खो जाती, जिससे लाभार्थियों के साथ घोर अन्याय होता। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक भाई को सच्ची खुशी तब मिलती है, जब उसकी बहन स्वस्थ, समृद्ध और उसका परिवार आर्थिक रूपसे मज़बूत हो। उन्होंने कहाकि एक भाई इस खुशहाली को सुनिश्चित करने केलिए हर संभव प्रयास करता है, आज दो भाई, मैं और नीतीश कुमार बिहार की महिलाओं की सेवा, समृद्धि और सम्मान केलिए मिलकर कामकर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज का कार्यक्रम इसी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि जब उन्हें पहली बार मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना की परिकल्पना से परिचित कराया गया, तभी वे इससे बहुत प्रभावित हुए थे। उन्होंने कहाकि इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार में कम से कम एक महिला लाभार्थी होगी, दस हजार रुपये की शुरुआती वित्तीय सहायता से शुरू यह योजना उद्यम की सफलता के आधार पर 2 लाख रुपये तक प्रदान कर सकती है। नरेंद्र मोदी ने सभीसे इस पहल की महत्ता पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि बिहार की महिलाएं अब किराने का सामान, बर्तन, सौंदर्य प्रसाधन, खिलौने और स्टेशनरी बेचने की दुकानें खोल सकती हैं, वे पशुपालन, मुर्गीपालन जैसे व्यवसाय भी कर सकती हैं, इनके लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिहार में पहले से ही स्वयं सहायता समूहों का एक मजबूत नेटवर्क है, जिसमें लगभग 11 लाख समूह सक्रिय रूपसे कार्य कर रहे हैं, इसका मतलब हैकि बिहार में एक सुस्थापित प्रणाली पहले से ही मौजूद है और इस महीने की शुरुआत में मुझे जीविका निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी का शुभारंभ करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहाकि इस प्रणाली की ताकत अब मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के साथ एकीकृत हो जाएगी, जिससे यह योजना अपनी शुरुआत से ही पूरे बिहार में प्रभावी हो जाएगी। उन्होंने कहाकि मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना ने लखपति दीदी अभियान को और ज्यादा मज़बूत किया है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार ने देशभर में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है और 2 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं इस उपलब्धि को हासिल कर चुकी हैं। उनकी कड़ी मेहनत ने गांवों और समाज को नया रूप दिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि बिहार में भी लाखों महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, जिस तरह से केंद्र और राज्य सरकारें इस पहल को आगे बढ़ा रही हैं, वह दिन दूर नहीं जब बिहार में देश में सबसे ज़्यादा लखपति दीदी होंगी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि केंद्र सरकार की मुद्रा योजना, ड्रोन दीदी अभियान, बीमा सखी अभियान और बैंक दीदी अभियान जैसी पहल महिलाओं के लिए रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर बढ़ा रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इन प्रयासों का एकमात्र लक्ष्य महिलाओं को अधिकतम अवसर प्रदान करके उनके सपनों को साकार करने में मदद करना है। केंद्र सरकार के प्रयासों से देशभर में महिलाओं और बेटियों केलिए नए क्षेत्रों के द्वार खुलने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज बड़ी संख्या में युवतियां सशस्त्र बलों और पुलिस में शामिल हो रही हैं और लड़ाकू विमान भी उड़ा रही हैं, हालाकि उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे दिन न भूलें जब बिहार में विपक्ष का शासन था, लालटेन शासन का युग। उन्होंने कहाकि उस दौरान बिहार की महिलाओं को अराजकता और भ्रष्टाचार का दंश झेलना पड़ा। उन्होंने याद कियाकि कैसे बिहार की प्रमुख सड़कें टूटी हुई थीं, पुल नहीं थे और ख़राब बुनियादी ढांचे के कारण महिलाओं को सबसे ज़्यादा परेशानी उठानी पड़ी। प्रधानमंत्री ने कहाकि उनकी सरकार ने ही महिलाओं को इन कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने में मदद की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में उनकी सरकार आने केबाद बिहार में सड़क निर्माण में तेज़ी आई है। उन्होंने कहाकि बिहार में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं और इन विकासों ने राज्य की महिलाओं के जीवन को काफ़ी आसान बना दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में एक प्रदर्शनी का ज़िक्र करते हुए कहाकि इसमें पुराने अख़बारों की सुर्खियां प्रदर्शित की गई हैं, जो बिहार में विपक्षी शासन के दौरान व्याप्त भय के माहौल की याद दिलाती हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि उस समय कोईभी घर सुरक्षित नहीं था और नक्सली हिंसा का आतंक बेकाबू था। उन्होंने कहाकि उन वर्षों में महिलाओं को सबसे ज़्यादा पीड़ा सहनी पड़ी, ग़रीबों से लेकर डॉक्टरों और आईएएस अधिकारियों के परिवारों तक विपक्षी नेताओं के अत्याचारों से कोई भी नहीं बचा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में कानून का राज बहाल होने और इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ महिलाओं को मिलने पर ज़ोर देते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिहार की बेटियां अब बिना किसी डर के घरसे बाहर निकलती हैं और देर राततक भी काम करने की आज़ादी रखती हैं। प्रधानमंत्री ने बिहार में महिला पुलिसकर्मियों की बड़ी संख्या में तैनाती देखकर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सभीसे सामूहिक रूपसे यह संकल्प लेने का आग्रह कियाकि बिहार कभीभी अतीत के अंधकार में नहीं लौटेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब कोई सरकार महिलाओं को केंद्र में रखकर नीतियां बनाती है तो उसका लाभ समाज के अन्य वर्गों को भी मिलता है। उन्होंने उज्ज्वला योजना को ऐसे परिवर्तनकारी बदलाव का एक सशक्त उदाहरण बताया, जिसे विश्वस्तर पर मान्यता मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब उनकी सरकार ने महिलाओं को केंद्र में रखकर नीतियां बनानी शुरू कीं तो तस्वीर बदलने लगी। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री आवास योजना माताओं, बहनों और बेटियों को भी घरों की मालिक के रूपमें नामित करने का नया प्रावधान है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आयुष्मान भारत योजना से बिहार की लाखों महिलाओं को 5 लाख रुपये तकका मुफ़्त इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का भी ज़िक्र किया, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं के बैंक खाते में सीधे वित्तीय सहायता पहुंचाई जा रही है। प्रधानमंत्री ने ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ का जिक्र किया, जिसके तहत गांवों और कस्बों में 4.25 लाख से ज़्यादा स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं, इनमें एनीमिया, रक्तचाप, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जांच की जा रही है। उन्होंने बिहार की महिलाओं से इन शिविरों में भाग लेने और अपनी जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि बिहार में जबभी महिलाओं को अवसर मिले हैं, उन्होंने अपने साहस और दृढ़ संकल्प से क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। उन्होंने कहाकि महिलाओं की प्रगति से समग्र समाज की प्रगति होती है। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह और बड़ी संख्या में लाभार्थी महिलाएं उपस्थित थीं।