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Tuesday 2 September 2025 06:31:01 PM
नई दिल्ली/ पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया और कहाकि यह अत्यंत आशाजनक पहल है, बिहार में माताओं और बहनों को जीविका निधि साख सहकारी संघ से एक नई सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहाकि इससे गांवों में जीविका से जुड़ी महिलाओं को सुगमता से वित्तीय सहायता मिलेगी, जो उनके काम और व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सहायक होगी। जीविका निधि प्रणाली पूरी तरह डिजिटल है, जिससे सबकुछ मोबाइल फोन से ही किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने बिहार की माताओं और बहनों को बधाई देते हुए इस पहल केलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की। नरेंद्र मोदी ने कहाकि सशक्त महिलाएं विकसित भारत का प्रमुख आधार हैं, उनके जीवन की कठिनाइयां कम करना आवश्यक है। उन्होंने बतायाकि खुले में शौच बाध्यता से मुक्ति केलिए महिलाओं केलिए करोड़ों शौचालयों का निर्माण किया गया है, प्रधानमंत्री आवास योजना केतहत करोड़ों पक्के घर बनाए गए हैं, जिसमें यह विशेष ध्यान रखा गया हैकि ये घर महिला के नाम पर पंजीकृत हो। उन्होंने कहाकि जब एक महिला गृहस्वामिनी बनती है तो उसकी अहमियत और ज्यादा बढ़ जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि माताओं और बहनों को स्वास्थ्य सेवा की कठिनाइयां दूर करने केलिए आयुष्मान भारत योजना आरंभ की गई है, जिसके अंतर्गत 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है, केंद्र सरकार की निःशुल्क राशन योजना चल रही है, जिससे हर मां अपने बच्चों का पेट भरने की चिंता से मुक्त हो गई है। महिलाओं की आय में बढ़ोतरी केलिए उन्होंने लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी जैसी पहल का उल्लेख किया, जो देशभर में महिलाओं का सशक्तिकरण कर रही हैं। उन्होंने इन योजनाओं को मां और बहनों की सेवा केलिए समर्पित महाअभियान का हिस्सा बताया। नरेंद्र मोदी ने जनसमूह को आश्वस्त कियाकि आगामी महीने में उनकी सरकार बिहार में इस मिशन में और तेजी लाएगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि मातृशक्ति केप्रति श्रद्धा और सम्मान सदैव सर्वोपरि है, गंगा मैया, कोसी मैया, गंडकी मैया और पुनपुन मैया जैसी देवी देवताओं की गहरी श्रद्धा केसाथ पूजा की जाती है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मां जानकी बिहार की पुत्री थीं, जो इसी भूमि की सांस्कृतिक परंपराओं में पलीबढ़ीं, जिन्हें दुनियाभर में सीता माता के रूपमें पूजा जाता है। उन्होंने कहाकि छठी मैया की पूजा सबके लिए वरदान मानी जाती है, नवरात्रि का पावन पर्व आ रहा है, जिसमें देशभर में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और बिहार तथा पूर्वांचल क्षेत्र में सतबहिनी पूजा भी पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा है, जिसमें सात बहनों को दिव्य मां के रूपमें पूजा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्थानीय कविता की पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहाकि कोई भी व्यक्ति कितना भी प्रिय क्यों न हो, कभी मां का स्थान नहीं ले सकता। नरेंद्र मोदी ने हाल की उस घटना पर गहरी वेदना व्यक्त की, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। प्रधानमंत्री ने कहाकि बिहार में विपक्षी गठबंधन के एक मंच से उनकी माताजी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई, यह अपमान सिर्फ़ उनकी मां का ही नहीं, बल्कि देश की हर मां, बहन और बेटी का अपमान है। नरेंद्र मोदी ने बिहार के लोगों, खासतौर पर वहां की माताओं से ऐसी टिप्पणियों का दर्द साझा किया। उन्होंने कहाकि उनके दिल को पहुंचे दुःख से बिहार के लोग भी आहत हुए हैं और आज वे लोगों के साथ इस दुःख को साझा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि वे समाज और राष्ट्र की लगभग 55 वर्षों से सेवा में हर दिन, हर पल, समर्पित भाव से देश केलिए काम करते रहे हैं। उन्होंने इस यात्रा में अपनी मां की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मां भारती की सेवा केलिए उनकी जन्मदात्री मां ने पारिवारिक दायित्वों से उन्हें मुक्त कर दिया था। उन्होंने इस बात पर गहरा दुःख व्यक्त कियाकि जिस मां ने उन्हें राष्ट्र सेवा केलिए आशीर्वाद देकर घर से विदा किया, जो अब इस दुनिया में नहीं है, उन्हें विपक्षी गठबंधन के मंच से अपमानित किया गया। नरेंद्र मोदी ने इस कृत्य को अत्यंत दुखद, व्यथित करने वाला और पीड़ाजनक बताया।
नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना कहाकि एक गरीब मां का त्याग और उसके बेटे का दर्द राजघरानों में पैदा हुए लोग नहीं समझ सकते। उन्होंने कहाकि ये अधिकार संपन्न लोग सोने-चांदी के चम्मच लेकर पैदा हुए हैं और बिहार तथा देशभर की सत्ता को अपनी पारिवारिक मिल्कियत समझते हैं। उन्होंने कहाकि वे समझते हैंकि सत्ता पर उनका जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन भारत की जनता ने एक गरीब मां के मेहनती बेटे को आशीर्वाद देकर प्रधानमंत्री बनाया है, इस वास्तविकता को साधन संपन्न वर्ग केलिए स्वीकार करना थोड़ा कठिन है। उन्होंने कहाकि विपक्ष ने समाज के पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों के उत्थान को कभी मन से स्वीकार नहीं किया और वे मानते हैंकि उन्हें कड़ी मेहनत करने वालों को अपमानित करने का अधिकार है, इसलिए वे गालियों की बौछार करते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिहार चुनावों के दौरान उन्हें बार-बार अपमानजनक और अभद्र भाषा का सामना करना पड़ा, जिससे इन लोगों की कुत्सित अभिजात्य मानसिकता उजागर हुई। प्रधानमंत्री ने कहाकि इसी मानसिकता से ग्रस्त वे लोग अब अपने राजनीतिक मंच से उनकी दिवंगत मां को गालियां दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि माताओं और बहनों से दुर्व्यवहार करने की मानसिकता वाले लोग महिलाओं को कमज़ोर और उनका शोषण और उत्पीड़न करने का अधिकार समझते हैं।
बिहार में विपक्ष के शासनकाल का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि उस दौरान अपराध और अपराधी बेलगाम थे, हत्या, जबरन वसूली और बलात्कार की घटनाएं आम थीं, उस समय की सरकार हत्यारों और बलात्कारियों को पनाह देती थी और बिहार की महिलाओं को उस शासन में सबसे अधिक दुख भुगतना पड़ा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि उस समय महिलाएं अपने घरों से बाहर निकलने पर सुरक्षित नहीं थीं और परिवार लगातार डर के साये में रहते थे, इसका ठिकाना नहीं थाकि उनके पति या बेटे शामतक घर ज़िंदा लौटेंगे या नहीं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि उस दौरान महिलाएं अपने परिवारों को खोने, फिरौती केलिए अपने गहने बेचने, अपहरण या अपना वैवाहिक सुख खोने की आशंका से भयभीत रहती थीं। प्रधानमंत्री ने कहाकि बिहार ने उस अंधकार भरे कुशासन से निकलने की लंबी लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहाकि आक्रांतकारी विपक्ष को हटाने और चुनाव में बार-बार हराने में बिहार की महिलाओं की अहम भूमिका है, यही कारण हैकि आज विपक्षी दल बिहार की महिलाओं के ख़िलाफ़ सबसे ज़्यादा नाराज़ हैं और नारीशक्ति का अपमान कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने बिहार की हर महिला से विपक्ष की खराब मंशा को भलीभांति समझने का आग्रह किया और कहाकि ये दल बदला लेना और उन्हें सज़ा देना चाहते हैं।
नरेंद्र मोदी ने इंगित किया कि कुछ विपक्षी दल महिलाओं की उन्नति का लगातार विरोध करते रहे हैं, यही वजह हैकि वे महिला आरक्षण जैसी पहल के भी प्रबल विरोधी रहे हैं। उन्होंने कहाकि जब एक निर्धन घर की महिला प्रमुख पद प्राप्त करती है, तबभी उनकी हताशा सामने आती है। उन्होंने विपक्ष द्वारा आदिवासी और आर्थिक रूपसे वंचित परिवार की बेटी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का बार-बार अपमान किएजाने का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि महिलाओं केप्रति घृणा और तिरस्कार की इस राजनीति पर अंकुश लगाया जाना चाहिए, भारत की धरती ने माताओं केप्रति अनादर कभी भी बर्दाश्त नहीं किया है, विपक्षी दलों को अपने कृत्यों केलिए सतबहिनी और छठी मैया से क्षमा मांगनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों, खासकर बेटों से, माताओं के अपमान का जवाब देने का आह्वान किया, विपक्षी दलों के नेता जहां भी जाएं, किसी भी गली, मुहल्ले या शहर पहुंचें, उन्हें जनता की आवाज़ सुनाई देनी चाहिए कि माताओं का अपमान और उनकी गरिमा पर किसी तरह का हमला नहीं सहा जाएगा। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि देश में महिलाओं का सशक्तिकरण उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनकी सरकार महिलाओं की कठिनाइयां दूर करने का निरंतर प्रयास कर रही है और पूरी प्रतिबद्धता केसाथ इसमें जुटी रहेगी। उन्होंने लोगों से अपनी सरकार पर आशीर्वाद बनाए रखने का आग्रह किया और अंत में देश की हर मां को सादर नमन किया। कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, बड़ी संख्या में महिलाओं और गणमान्यों ने भाग लिया।