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लखनऊ में ब्रह्मोस परीक्षण सुविधा केंद्र शुरू

'ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस से पाकिस्तान घुटनों पर आया'

राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ ने किया शुभारंभ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 12 May 2025 01:03:17 PM

brahmos test facility started in lucknow

लखनऊ/ नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में ब्रह्मोस एकीकरण और परीक्षण सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग पर थे। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि भारत की राजनीतिक, सामाजिक और रणनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक था। उन्होंने इस ऑपरेशन को आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और सशस्त्रबलों की क्षमता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन बताया, जिसमें उन निर्दोष परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया गया, जिन्होंने अपनी ही धरती पर भारत विरोधी आतंकवादी संगठनों के हाथों अपने प्रियजनों को खो दिया था। रक्षामंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को इस सच्चाई का सबूत बतायाकि जबभी भारत आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करता है तो सीमापार की जमीन भी आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए सुरक्षित नहीं होती है। उन्होंने कहाकि उरी में आतंकवादी घटना केबाद सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमले केबाद एयर स्ट्राइक और अब पहलगाम हमले के जवाब में भारत की स्ट्राइक को दुनिया ने देख लिया है। दोनों नेताओं ने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस की ताकत से पाकिस्तान घुटनों पर आ गया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया हैकि नया भारत सीमा के दोनों तरफ आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। राजनाथ सिंह ने कहाकि यह अभियान पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त करने केलिए शुरू किया गया था और इसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया, जबकि पाकिस्तान ने भारत में नागरिक क्षेत्रोंको निशाना बनाया, मंदिरों, गुरुद्वारों और चर्चों पर हमले करने की कोशिश की। उन्होंने कहाकि भारतीय सशस्त्रबलों ने ऑपरेशन सिंदूर में वीरता और संयम का परिचय देते हुए कई सैन्य ठिकानों पर हमला करके पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहाकि भारतीय सेना ने न केवल सीमा से सटे पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की, बल्कि हमारे सशस्त्रबलों का आक्रोश रावलपिंडी तक पहुंच गया, जहां पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय स्थित हैं और उनके एयरबेस ध्वस्त किए गए।
ब्रह्मोस एकीकरण एवं परीक्षण सुविधा केंद्र के उद्घाटन पर रक्षामंत्री ने कहाकि यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के विविध प्रयास हैं, जिनमें महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजन और क्षेत्रके सामाजिक एवं आर्थिक विकास में भी मोदी सरकार का विजन और योगदान है। उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर हुए इस उद्घाटन को एक ऐतिहासिक दिन बताया, जो भारत की बढ़ती नवीन ऊर्जा को दर्शाता है तथा महत्वपूर्ण, उच्चस्तरीय एवं अग्रणी प्रौद्योगिकियों में तेजी से हो रहे वैश्विक परिवर्तन हैं। राजनाथ सिंह ने कहाकि ब्रह्मोस न केवल दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों मेंसे एक है, बल्कि यह भारतीय सशस्त्रबलों की ताकत, दुश्मनों केलिए प्रतिरोध का संदेश और अपनी सीमाओं की सुरक्षा केलिए राष्ट्र की अटूट प्रतिबद्धता का संदेश है। उन्होंने कहाकि ब्रह्मोस भारत और रूस की शीर्ष रक्षा प्रौद्योगिकियों का संगम है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के मिसाइलमैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जिक्र किया, जिन्होंने कहा थाकि जबतक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होगा, कोईभी हमारा सम्मान नहीं करेगा, इस दुनिया में डर का कोई स्थान नहीं है, केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती है। रक्षामंत्री ने कहाकि भारत आज सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है, जिसमें केंद्र सरकार भारत की शक्ति को और मजबूत करने में मदद करेगी। उत्तरप्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (यूपीडीआईसी) को गर्व बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहाकि इसके द्वारा पहले ही लगभग 500 प्रत्यक्ष और 1000 अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन किया जा चुका है, जो रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूपमें राज्य की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि सरकार का यह कॉरिडोर स्थापित करने का दृष्टिकोण राज्य को दुनिया के शीर्ष रक्षा उत्पादन और निर्यात गंतव्य के रूपमें विकसित करने के लक्ष्य पर आधारित है। रक्षामंत्री ने कहाकि यूपीडीआईसी में अब तक 34,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश केसाथ कुल 180 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, 4,000 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही किया जा चुका है।
राजनाथ सिंह ने बतायाकि विमान निर्माण, यूएवी, ड्रोन, गोला बारूद, मिश्रित और महत्वपूर्ण सामग्री, छोटे हथियार, कपड़ा और पैराशूट आदि में प्रमुख रूपसे निवेश किया गया है, लखनऊ में ही पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा टाइटेनियम और सुपर एलॉय मैटेरियल प्लांट शुरू किए जा रहे हैं, सात अतिरिक्त महत्वपूर्ण परियोजनाओं की नींव भी रखी जा रही है, जिससे रक्षा क्षेत्रमें भारत की आत्मनिर्भरता की गति को बल मिलेगा। राजनाथ सिंह ने सरकार के 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' के दृष्टिकोण को दोहराया। राजनाथ सिंह ने स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया हैकि 2024 में वैश्विक सैन्य व्यय बढ़कर 2,718 बिलियन डॉलर हो गया है, जोकि इतना बड़ा बाजार है और जो एक अवसर है, जिसका भारत को लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहाकि ब्रह्मोस भारत को दुनिया के रक्षा उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस परियोजना को 40 महीने के भीतर पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार, डीआरडीओ के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और हितधारकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहाकि यही महत्वपूर्ण हैकि हम अपने लक्ष्यों को समयबद्ध और कुशल तरीके से प्राप्त करना जारी रखें। उन्होंने एक मजबूत विकास पारिस्थितिकी तंत्र बनाने केलिए यूपीडीआईसी की स्थापना, लखनऊ में डीआरडीओ के रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र की स्थापना और 2020 में डेफएक्सपो की मेजबानी जैसी पहलों को लागू करने का श्रेय योगी सरकार को दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ को रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि लखनऊ में यह सुविधा मेक इन इंडिया पहल, आत्मनिर्भरता और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्रमें निवेश को बढ़ावा देगी। उत्तरप्रदेश की पहलों पर योगी आदित्यनाथ ने कहाकि यूपीडीआईसी के सभी छह नोड्स पर तेजीसे काम बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि रक्षा विनिर्माण में विभिन्न परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें सार्वजनिक और निजी दोनों उद्योग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की। उन्होंने कहाकि यह दुनिया केलिए एक संदेश हैकि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करता है और आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया करने के अलावा और कोई भी समाधान नहीं हो सकता है। गौरतलब हैकि लखनऊ में 200 एकड़ में फैले ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर में बूस्टर सब असेंबली, एवियोनिक्स, प्रोपेलेंट, रैमजेट इंजन का एकीकरण किया जाएगा, ब्रह्मोस परिसर में डिजाइन और प्रशासनिक ब्लॉक केसाथ कार्यक्रम केंद्र की भी योजना बनाई जा रही है। लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत वाला यह परिसर लंबे समय तक उद्योग और उद्यमियों के लिए कौशल विकास के मार्ग को प्रशस्त करेगा। इस परिसर को समर्थन देने केलिए सहायक और सब असेंबली का पूरा रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र आसपास के क्षेत्रमें विकसित किया जाएगा। यह औद्योगिकीकरण आईटीआई के छात्रों, पर्यवेक्षकों, इंजीनियरों के कौशल विकास में बड़ी मदद करेगा, यह सुनिश्चित करेगा कि लोगों को नौकरी के अवसरों की तलाश में पलायन को मजबूर न होना पड़े।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने ब्रह्मोस एकीकरण और परीक्षण सुविधा केंद्र के संचालन केलिए अबतक 36 प्रशिक्षुओं का चयन किया है, इनमें से पांच नव चयनित प्रशिक्षुओं को उद्घाटन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सम्मानित भी किया। ब्रह्मोस सुविधा केंद्र के उद्घाटन अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत, ब्रह्मोस के महानिदेशक डॉ जयतीर्थ आर जोशी, जनप्रतिनिधि और केंद्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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