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Tuesday 6 February 2024 05:48:42 PM
पणजी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में आज भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 का उद्घाटन किया, जिसमें देश की सर्वोच्च और एकमात्र विशिष्ट ऊर्जा प्रदर्शनी और सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जो भारत के ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों को प्रेरित करने केलिए संपूर्ण ऊर्जा मूल्य श्रृंखला को एक मंच प्रदान कर रहा है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक तेल एवं गैस मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों केसाथ बैठक भी की। उन्होंने गोवा में हो रहे कार्यक्रम पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहाकि यह आयोजन आतिथ्य की भावना केलिए जाना जाता है और इस स्थान का प्राकृतिक सौंदर्य और संस्कृति वैश्विक पर्यटकों पर गहन प्रभाव छोड़ती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि गोवा विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है, यह चिरस्थाई भविष्य और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पर चर्चा केलिए आदर्श स्थाल है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 में गोवा में एकत्र हुए विदेशी मेहमान गोवा की यादें अपने साथ ले जाएंगे और ये यादें जीवनपर्यंत उनके साथ रहेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण कालखंड में रहा है। उन्होंने कहाकि भारत की इस विकास गाथा में ऊर्जा क्षेत्र का दायरा व्यापक हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा, तेल और एलपीजी उपभोक्ता है। उन्होंने कहा कि भारत चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार होने के साथ-साथ चौथा सबसे बड़ा तरल प्राकृतिक गैस आयातक और रिफाइनर है। उन्होंने देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बढ़ती मांग को भी रेखांकित किया और 2045 तक देश की ऊर्जा मांग दोगुनी होने के अनुमान के बारेमें भी बात की। प्रधानमंत्री ने इस बढ़ती मांग को पूरा करने केलिए भारत की योजना के बारेमें विस्तार से बताया। किफायती ईंधन सुनिश्चित करने के प्रयासों पर प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रतिकूल वैश्विक कारकों के बावजूद भारत उन कुछ देशों में से है, जहां पेट्रोल की कीमतें कम हुई हैं और करोड़ों घरों को विद्युतीकृत करके शत-प्रतिशत बिजली पहुंचाई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत न केवल अपनी जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि वैश्विक विकास की दिशा भी निर्धारित कर रहा है। उन्होंने बतायाकि हमने बजट में बुनियादी ढांचे केलिए 11 लाख करोड़ रुपये का खर्च करने का संकल्प लिया है, इसका बड़ा हिस्सा ऊर्जा क्षेत्र की विकास गतिविधियों में लगाया जाएगा, इससे देश में रेलवे, रोडवेज, जलमार्ग, वायुमार्ग और आवास में आधारभूत संरचना तैयार होगी उन सभी में ऊर्जा की आवश्यकता होगी, इसलिए भारत अपनी ऊर्जा क्षमता में लगातार वृद्धि कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के सुधारों के कारण घरेलू गैस के बढ़ते उत्पादन का उल्लेख करते हुए बतायाकि देश के प्राथमिक ऊर्जा संसाधनों में गैस का प्रतिशत 6 से 15 प्रतिशत तक ले जाने केलिए प्रयासरत है, अगले 5-6 वर्ष में इस क्षेत्र में करीब 67 अरब डॉलर का निवेश आएगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि चक्रीय अर्थव्यवस्था और पुन: चक्रण (रि-यूज) की अवधारणा भारत की प्राचीन परंपराओं का हिस्सा है और यह बात ऊर्जा क्षेत्र पर भी लागू होती है। उन्होंने कहाकि पिछले वर्ष जी-20 शिखर सम्मेलन में हमने जिस ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस को शुरू किया था, वह हमारी भावना का प्रतीक है, जो वैश्विक सरकारों, संगठनों और उद्योगों को एक मंच प्रदान करता है और जबसे इस एलायंस का गठन हुआ है, इसे समग्र समर्थन मिल रहा है, 22 देश और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस एलायंस से जुड़ गए हैं, इससे विश्व में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और इससे लगभग 500 बिलियन डॉलर के आर्थिक अवसर भी सृजित होंगे। जैव ईंधन के क्षेत्र में भारत की प्रगति पर प्रधानमंत्री ने कहाकि जैव ईंधन को स्वीकार्यता बढ़ रही, वर्ष 2014 में हमारे यहां इथेनॉल सम्मिश्रण 1.5 प्रतिशत था, जो 2023 में बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई, जिससे कार्बन उत्सर्जन में लगभग 42 मिलियन मीट्रिक टन की कमी आई।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। पिछले वर्ष भारत ऊर्जा सप्ताह के दौरान 80 से अधिक खुदरा दुकानों में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण की शुरुआत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने बतायाकि दुकानों की संख्या अब बढ़कर 9000 हो गई है। उन्होंने अपशिष्ट से धन प्रबंधन मॉडल से ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन लाने केलिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहाकि सतत विकास की दिशा में हम भारत में 5000 कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्रों की स्थापना की दिशा में काम कर रहे हैं। वैश्विक पर्यावरण संबंधी चिंताओं पर प्रधानमंत्री ने टिप्पणी कीकि विश्व की 17 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है, इसके बावजूद यहां केवल विश्व का चार प्रतिशत ही कार्बन उत्सर्जन होता है। उन्होंने कहाकि हम पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील ऊर्जा स्रोतों के विकास पर ध्यान केंद्रित करके अपने ऊर्जा संसाधनों को और बेहतर बनाने केलिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के भारत के लक्ष्य को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत आजनवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में दुनिया में चौथे स्थान पर है, भारत की 40 प्रतिशत स्थापित क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त होतीहै। सौर ऊर्जा में देश की प्रगति पर उन्होंने कहाकि पिछले दशक में भारत की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता 20 गुना से अधिक बढ़ गई है और भारत में सौर ऊर्जा से जुड़ने का अभियान जन आंदोलन बन रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में एक करोड़ घरों की छत पर सोलर पैनल स्थापित करने के उद्देश्य से न केवल एक प्रमुख मिशन का शुभारंभ होगा, बल्कि उनके घरों में जो अतिरिक्त बिजली सृजित होगी, उसे सीधे ग्रिड तक पहुंचाने की व्यवस्था भी तैयार की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि संपूर्ण सौर मूल्य श्रृंखला में निवेश की अपार संभावनाएं हैं, भारत में हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में प्रगति हो रही है, यह भारत के हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात का केंद्र बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ऊर्जा सप्ताह कार्यक्रम सिर्फ भारत का कार्यक्रम नहीं, बल्कि 'भारत दुनिया केसाथ और दुनिया केलिए' भावना को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने चिरस्थाई ऊर्जा विकास में सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करते हुए कहाकि आइए हम एक-दूसरे से सीखें, अत्याधुनिक तकनीकों पर सहयोग करें और सतत ऊर्जा विकास का मार्ग खोजें। इस अवसर पर गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्यमंत्री रामेश्वर तेली भी उपस्थित थे।