स्वतंत्र आवाज़
word map

जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाएं!

अंतर्राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या विज्ञान संस्‍थान मुंबई का 64वां दीक्षांत

समारोह में 199 छात्रों को डिग्री, डिप्लोमा और पदक दिए गए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 7 May 2023 04:37:28 PM

sixty fourth convocation of the international institute of population sciences mumbai

मुंबई। मुंबई के मानद विश्‍वविद्यालय अंतर्राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या विज्ञान संस्‍थान का 6 मई को चौसठवां दीक्षांत समारोह मनाया गया, जिसमें 199 छात्रों को डिग्री डिप्लोमा प्रदान किए गए। छात्रों के अनुसंधान और अकादमिक कार्यों में उत्कृष्टता की सराहना भी की गई और उन्हें उनकी उपलब्धियों केलिए स्वर्ण और रजत पदक से सम्मानित किया गया। भारत सरकार के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की और डिग्री डिप्लोमा एवं पदक पानेवाले मेधावी छात्रों को बधाई देते हुए उनसे अध्‍ययन जारी रखने की अपील की और समाज तथा राष्ट्र को वापस योगदान देने के महत्व पर बल दिया। संस्थान चार नियमित कार्यक्रम पीएचडी, एमपीएस, बायोस्टैटिस्टिक्स और जनसांख्यिकी में एमएससी और जनसंख्या अध्ययन में एमए/ एमएससी, दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो मास्टर कार्यक्रम और राष्‍ट्रीय सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान मुंबई के दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
आईसीएमआर के महानिदेशक ने जनसंख्या वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित करने और भारत में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण एवं लॉगीच्‍युडनल वृद्धावस्था अध्ययन जैसे सर्वेक्षणों के माध्यम से उच्च गुणवत्तापूर्ण डाटा तैयार करने में आईआईपीएस के योगदान की सराहना की। डॉ राजीव बहल ने बतायाकि भारत ने कोविड-19 के प्रबंधन जैसी चुनौतियों को दूर करने के संदर्भ में विकास हासिल किया है और देश के निम्‍न-प्रतिस्थापन स्तर की उर्वरता को अर्जित करने की सराहना की। उन्होंने छात्रों और शोधकर्ताओं से राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करने का अनुरोध किया। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पूर्व सीईओ और भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकारी डॉ इंदु भूषण ने दीक्षांत भाषण में जनसंख्या के क्षेत्र में उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में आईआईपीएस की भूमिका की प्रशंसा की।
डॉ इंदु भूषण ने सात प्रमुख क्षेत्रों के बारेमें चर्चा की, जिनपर देश के विकास केलिए जनसांख्यिकी वैज्ञानिकों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए अर्थात कौशल विकास से जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाना, वृ‍द्ध होरही जनसंख्‍या की सहायता करना, प्रवासन और शहरीकरण पर ध्‍यान देना, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना, जेंडर समानता सुनिश्चित करना, सुसंगत और उच्च गुणवत्तापूर्ण प्रासंगिक डेटा तैयार करना और प्रौद्योगिकीय उन्‍नति की सीमाओं से अवगत होना। उन्होंने छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनने और सीखने की अपनी जिज्ञासा को कभी नहीं छोड़ने का सुझाव दिया। आईआईपीएस के निदेशक प्रोफेसर केएस जेम्स ने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 केलिए संस्थान के कार्यकलापों और उपलब्धियों से युक्त निदेशक की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]