स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत में रिवर क्रूज पर्यटन का युग शुरु!

प्रधानमंत्री काशी में करेंगे एमवी गंगा विलास का शुभारंभ

केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने दी जानकारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 9 January 2023 12:34:59 PM

world's longest river cruise launched in varanasi

वाराणसी। केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा हैकि वाराणसी में एमवी गंगा विलास केसाथ दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज का शुभारंभ भारत केलिए रिवर क्रूज पर्यटन के नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को समारोहपूर्वक रिवर क्रूज सेवा की शुरुआत करेंगे और इसकी विशाल अप्रयुक्त क्षमता के इस्तेमाल की शुरुआत हो जाएगी, यह लग्जरी क्रूज भारत और बांग्लादेश के 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम उस अपार संपदा की खोज कर रहे हैं, जो हमें समृद्ध नदी प्रणाली प्रदान करती है एवं अंतर्देशीय जलमार्गों के जरिए सतत विकास के इस मार्ग को जबरदस्त बढ़ावा मिला है, क्योंकि कार्गो ट्रैफिक केसाथ यात्री पर्यटन को बढ़ाने के प्रयासों के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं।
जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि एमवी गंगा विलास क्रूज देश में नदी पर्यटन की विशाल क्षमता को बढ़ावा देने की दिशामें एक कदम है, वैश्विक स्तरपर हमारी विरासत और समृद्ध होगी, क्योंकि पर्यटक भारत की आध्यात्मिक, शैक्षिक, कल्याण, सांस्कृतिक और साथही जैवविविधता की समृद्धि का अनुभव करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहाकि काशी से सारनाथ, माजुली से मयोंग, सुंदरबन से काजीरंगा तक यह क्रूज उल्लेखनीय अनुभव प्रदान करेगा। जलमार्ग मंत्री ने कहाकि यह अद्भुत पहल भारत में नदी क्रूज पर्यटन में एक नए युग की शुरुआत है और नीति तथा अभ्यास दोनों से एक्ट ईस्ट को साकार करने की दिशामें केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत कर रही है। सर्बानंद सोनोवाल ने देशमें रिवर क्रूज पर्यटन को विकसित करने की आवश्यकता पर कहाकि इस क्षेत्र के विकास से भीतरी इलाकों में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और सरकार रिवर क्रूज पर्यटन की सफलता एवं क्षमता निर्माण केलिए पूंजीगत व्यय कर रही है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि इस क्षेत्र के अधिकतम प्रदर्शन और तेजीसे विकास केलिए नदी पर्यटन सर्किट को मौजूदा पर्यटन सर्किट केसाथ विकसित और एकीकृत किया जाएगा।
गौरतलब हैकि एमवी गंगा विलास क्रूज अपनी तरह की पहली क्रूज सेवा है, पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय केतहत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के सहयोग से इसकी सफलता से उद्यमी देशके अन्य हिस्सों में रिवर क्रूज का लाभ उठाने केलिए उत्साहित होंगे। एमवी गंगा विलास क्रूज को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने केलिए सुसज्जित किया गया है, विश्व विरासत स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की 51 दिन की क्रूज यात्रा की योजना बनाई गई है। एमवी गंगा विलास क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा है और आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट केसाथ चलता है। इसमें तीन डेक हैं, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट हैं, जिसमें पर्यटकों केलिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने केलिए सभी सुविधाएं हैं। जहाज प्रदूषण मुक्त प्रणाली और शोर नियंत्रण तकनीकों से लैस है। एमवी गंगा विलास की पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा का आनंद लेंगे। एमवी गंगा विलास के डिब्रूगढ़ पहुंचने की संभावित तिथि 1 मार्च 2023 है।
वाराणसी में क्रूज प्रसिद्ध गंगा आरती से बौद्ध धर्म की महान श्रद्धा के स्थान सारनाथ में रुकेगा, यह मायोंग को कवर करेगा, जो अपनी तांत्रिक विद्या केलिए जाना जाता है और माजुली सबसे बड़ा नदी द्वीप और असम में वैष्णव संस्कृति का केंद्र है। क्रूज से यात्री बिहार स्कूल ऑफ योग और विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी जाएंगे, जिससे उन्हें आध्यात्मिकता एवं ज्ञान में समृद्ध भारतीय विरासत से रूबरू होने का मौका मिलेगा। यह क्रूज रॉयल बंगाल टाइगर्स केलिए प्रसिद्ध बंगाल डेल्टा की खाड़ी में सुंदरबन के जैवविविधता से भरपूर विश्व धरोहर स्थलों केसाथ-साथ एक सींग वाले गैंडों केलिए प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से भी गुजरेगा। वैश्विक रिवर क्रूज बाजार पिछले कुछ वर्ष में 5 प्रतिशत की दर से बढ़ा है और 2027 तक क्रूज बाजार के 37 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। विश्व में यूरोप रिवर क्रूज जहाजों के मामले में लगभग 60 प्रतिशत भागीदारी केसाथ विकास कर रहा है। एमवी गंगा विलास के यात्रा कार्यक्रम को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के स्थानों पर रुकने केसाथ भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने केलिए तैयार किया गया है।
भारत में कोलकाता और वाराणसी केबीच 8 नदी क्रूज जहाजों का संचालन होता है, जबकि राष्ट्रीय जलमार्ग 2 ब्रह्मपुत्र पर क्रूज की आवाजाही भी संचालित होती है। देशमें कई जगहों पर रिवर राफ्टिंग, कैम्पिंग, दर्शनीय स्थलों की यात्रा, कयाकिंग आदि जैसी पर्यटन गतिविधियां संचालित हैं। राष्ट्रीय जलमार्ग 2 पर 10 यात्री टर्मिनलों का निर्माण किया जा रहा है, जो रिवर क्रूज की संभावना को और बढ़ा देगा। वर्तमान में राष्ट्रीय जलमार्ग 2 में चार नदी क्रूज जहाज काम कर रहे हैं, जबकि यह राष्ट्रीय जलमार्ग 3 वेस्ट कोस्ट कैनाल, राष्ट्रीय जलमार्ग 8, राष्ट्रीय जलमार्ग 4, राष्ट्रीय जलमार्ग 87, राष्ट्रीय जलमार्ग 97 और राष्ट्रीय जलमार्ग 5 में सीमित क्षमता में काम कर रहा है। अब जबकि अंतर्देशीय जलमार्गों में क्षमता निर्माण केलिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाया जा रहा है, अर्थव्यवस्था केलिए एक व्यवस्थित फॉरवर्ड और बैकवर्ड के लिंकेज केसाथ नदी क्रूज विशेष रूपसे नदियों के दोनों किनारों पर विकसित होने केलिए तैयार है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]