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26/11 में शहीद एनएसजी कमांडो पर फिल्म

नागरिकों की जान बचाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा कमांडो की कहानी

तेलुगु निर्देशक शशि किरण टिक्का की मेजर इफ्फी में प्रदर्शित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 28 November 2022 02:25:39 PM

telugu director shashi kiran tikka's major to be screened at iffi

पणजी। आईएफएफआई में इंडियन पैनोरमा फिल्म 'मेजर' के जरिए मुंबई 26/11 आतंकवादी हमले के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। कोईभी भारतीय 26/11-2008 को कभी नहीं भूल सकता, उस दिन भारत आतंकवादी हमलों से थर्रा उठा था, इस हमले ने वाणिज्यिक राजधानी मुंबई को हिलाकर रख दिया था। एक दुर्भाग्यपूर्ण दिन था, जब एनएसजी कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, आतंकवाद रोधी दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर और कई भी सुरक्षाकर्मियों ने नागरिकों की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। मुंबई आतंकवादी हमले की 14वीं वर्षगांठ पर बलिदानी एनएसजी कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन पर बनी हिंदी फिल्म मेजर ने 53वें आईएफएफआई में आए देश-विदेश के प्रतिनिधियों को दिल दहला देने वाली पीड़ा और ड्यूटी पर दिखाई गई वीरता एवं देश केप्रति समर्पणभाव केबारे में बताया।
फिल्म मेजर के निर्देशक शशि किरण टिक्का ने आईएफएफआई में पीआईबी की टेबल वार्ता में मीडिया और प्रतिनिधियों से बात करते हुए बतायाकि फिल्म मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की कहानी है, जो एक सैनिक होने के अलावा एक महान व्यक्ति हैं। उन्होंने बतायाकि फिल्म केलिए हमने व्यापक शोध किया, शोध मुख्य रूपसे मेजर संदीप के माता-पिता का था, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और सातवीं बिहार रेजीमेंट में संदीप उन्नीकृष्णन के साथियों से हमारी मुलाकात हुई, हम उस स्कूल में भी गए जहां उन्होंने पढ़ाई की थी। निर्देशक शशि किरण टिक्का ने कहाकि जितना अधिक उन्होंने मेजर संदीप उन्नीकृष्णन को एक व्यक्ति के रूपमें जानना शुरू किया, उतनाही बेहतर वे उनके साथ जुड़ सकें। उन्होंने बतायाकि उनके और उनकी टीम केलिए यह अब तककी सबसे कठिन स्क्रीनिंग थी, जोकि बैंगलोर में मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के माता-पिता के सामने हुई, वे पहले दर्शक थे, यह उनकी प्रतिक्रियाएं हैं, जो वास्तव में हमारे लिए मायने रखती हैं, वे वास्तव में इससे अभिभूत थे। फिल्म मेजर के निर्देशक ने होटल मुंबई जैसी फ़िल्मों से अपनी असहमति व्यक्त की, जो 'एनएसजी को उन लोगों के रूपमें दर्शाती है, जो हमले के अंत में आए थे।'
फिल्म के अभिनेता और पटकथा लेखक अदिवी शेष ने फिल्म मेजर में संदीप की भूमिका भी निभाई, उन्हें इस भूमिका केलिए क्यों चुना गया? आईएफएफआई टेबल वार्ता सत्र में अदिवी शेष ने बतायाकि मेजर संदीप उन्नीकृष्णन केसाथ उनके चेहरे और शारीरिक समानता के कारण ही मेजर संदीप के माता-पिता ने यह फिल्म करने की अनुमति दी थी एवं मेजर संदीप को श्रद्धांजलि देने का इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकता। अदिवी शेष ने कहाकि मलयालम डब संस्करण व्यावसायिक कारणों के बजाय संदीप उन्नीकृष्णन के परिवार को श्रद्धास्वरूप किया गया है। सवालों के जवाब में अदिवी शेष ने बतायाकि यह फिल्म 26/11 की घटना पर नहीं है, बल्कि मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की कहानी पर है, जो उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को सामने लाती है। अदिवी शेष ने कहाकि हमने मेजर संदीप की यात्रा पर ध्यान केंद्रित किया, ऐसा इसलिए कि हम एनएसजी कमांडोज़ के होटल पहुंचने केबाद नागरिकों की जान बचानेवाले राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की सच्ची कहानी कहना चाहते थे, फिल्म खतरनाक आतंकवादी हमले को दर्शाती है और बताती हैकि कैसे मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने बहादुरी से लोगों की जान बचाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
अभिनेता और लेखक अदिवी शेष ने बतायाकि लक्ष्य दर्शकों को मेजर संदीप केबारे में पीड़ा देना नहीं था, बल्कि दर्शकों को उनकी भावनाओं का अनुभव कराना था, जो उन्होंने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में महसूस की होंगी, उस वक़्त जब उन्होंने आतंकवादियों के विरुद्ध देशकी रक्षा की थी और इस तरह उन्होंने खुदको देश के दिल में हमेशा केलिए अंकित कर लिया। फिल्म मेजर का सारांश कुछ यूं हैकि यह मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन से प्रेरित फिल्म है, जिन्होंने 2008 में मुंबई में 26/11 के हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के इलीट स्पेशल एक्शन ग्रुप में सेवा की और लोगों की जान बचाई। ताजमहल पैलेस होटल में इन हमलों के दौरान अनेक नागरिकों को बंधक बना लिया गया था। निर्देशक एवं निर्माता शशि किरण टिक्का भारतीय फिल्म निर्देशक हैं, जो मुख्य रूपसे तेलुगु फिल्म उद्योग से ताल्लुक रखते हैं। उनके निर्देशन में बनी पहली थ्रिलर फ़िल्म गुडाचारी (2018) थी।

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