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सुप्रसिद्ध आलोचक माधव हाड़ा को बिहारी सम्मान

केके बिड़ला फाउंडेशन के प्रतिष्ठित सम्मान में ढाई लाख की धनराशि

प्रोफेसर माधव हाड़ा की कृति 'पचरंग चोला पहर सखी री' चयनित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 29 September 2022 06:40:32 PM

renowned critic madhav hada

नई दिल्ली/ उदयपुर। सुप्रसिद्ध आलोचक और प्रोफेसर माधव हाड़ा को केके बिड़ला फाउंडेशन का प्रतिष्ठित बिहारी सम्मान प्रदान किया जाएगा। केके बिड़ला फाउंडेशन की विज्ञप्ति में बताया गया हैकि बत्तीसवे बिहारी सम्मान-2022 केलिए उदयपुर (राजस्थान) के प्रोफेसर माधव हाड़ा की साहित्यिक आलोचना कृति 'पचरंग चोला पहर सखी री' का चयन किया गया है। इस सम्मान में ढाई लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति-पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान किया जाता है।
गौरतलब हैकि यह सम्मान वर्ष 1991 में प्रारम्भ किया गया था और यह भीकि केके बिड़ला फाउंडेशन का यह बिहारी सम्मान राजस्थान के लेखकों केलिए है, इसके लिए राजस्थान निवासी लेखक की हिंदी अथवा राजस्थानी कृति का चयन होता है। राजस्थान में उदयपुर विश्वविद्यालय में आचार्य एवं अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त प्रोफेसर माधव हाड़ा भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला में अध्येता रहे हैं। प्रोफेसर माधव हाड़ा को भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान तथा देवराज उपाध्याय सम्मान भी प्रदान किया जा चुका है। बिहारी सम्मान की निर्णायक समिति में हेमंत शेष (अध्यक्ष), मुरलीधर वैशन, मनीषा कुलश्रेष्ठ, अम्बिका दत्त, डॉ इंदुशेखर तत्पुरुष तथा केके बिड़ला फाउंडेशन के निदेशक डॉ सुरेश ऋतुपर्ण (सदस्य सचिव) हैं।
प्रोफेसर माधव हाड़ा की पुरस्कृत कृति 'पचरंग चोला पहर सखी री' का प्रकाशन 2015 में हुआ था और मीरां केप्रति नवोन्मेषी अध्ययन एवं मूल्यांकन दृष्टि के चलते इस पुस्तक को हिंदी के पाठक समाज में व्यापक सराहना मिली। मीरां के जीवन और समाज को नए ढब और ढंग से खोजती यह किताब हिंदी आलोचना में मीरां की जगह पहचानने के लिए एक नूतन प्रस्थान बिंदु है। प्रोफेसर माधव हाड़ा ने पुस्तक में मीरां के जीवन, संघर्ष और सृजन पर विश्लेषणात्मक व्याख्या प्रस्तुत की है। मीरां की भक्त छवि को तोड़ने केलिए ठोस एवं अनुसंधानपरक तथ्यों केसाथ यह किताब लिखी गई है।

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