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मोदी महत्वपूर्ण अमेरिकी यात्रा पर रवाना

संयुक्तराष्ट्र महासभा को भी संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री

आतंकवाद और अफगानिस्तान पर भी होगा फोकस

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 22 September 2021 02:36:10 PM

pm narendra modi leaves for important us visit

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका यात्रा पर प्रस्थान करते हुए कहा है कि वह इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जोसेफ बाइडेन के साथ भारत-अमेरिकी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से भी मुलाकात को उत्सुक हैं, इस दौरान दोनों देशों के बीच विशेष रूपसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर बातचीत की जाएगी। माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा पर इन विषयों के अलावा अफगानिस्तान संकट और आतंकवाद से तनाव पर विशेष गहन विचार-विमर्श होगा। नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आमंत्रण पर 22 से 25 सितंबर 2021 तक अमेरिका की यात्रा रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अमेरिका यात्रा पर विश्व समुदाय की गहरी दृष्टि है और इस लिहाज से यह यात्रा और भी महत्वपूर्ण समझी जाती है, क्योंकि भारत के मित्र देश अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों ने वहां की सरकार का तख्ता उलटकर सत्ता पर कब्जा कर लिया है, जिसे विश्व समुदाय के किसी भी देश ने अभीतक मान्यता नहीं दी है, यद्यपि पाकिस्तान और चीन अघोषित रूपसे अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने जैसी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अफगानिस्तान में पाकिस्तान का दखल तो दुनिया में जगजाहिर ही हो चुका है। ऐसे में बाकी दुनिया के लिए भारत की भूमिका अहम मानी जा रही है। अफगानिस्तान इस समय हिंसाग्रस्त देश बन चुका है, जहां से बीस साल बाद अमेरिकी सेनाएं अपने देश वापस हो गई हैं। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी के तरीकों के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की अमेरिका सहित विश्व समुदाय में भारी आलोचना हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे अमेरिकी जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के साथ व्यक्तिगत रूपसे पहले क्वाड नेता शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन इस वर्ष मार्च में हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन के परिणामों की प्रगति के बारे में विचार विमर्श करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए हम सभीके साझा दृष्टिकोण के आधार पर भविष्य की गतिविधियों की प्राथमिकताओं की पहचान करने का अवसर प्रदान करता है। गौरतलब है कि ये देश चीन की विस्तारवादी नीतियों के पूरी तरह खिलाफ हैं और अफगानिस्तान में चीन की नीति से सहमत नहीं हैं। उधर व्लादीमीर पुतिन फिरसे रूस के राष्ट्रपति का चुनाव जीते हैं, ये कुछ विषय अवश्य ही चर्चा में रहेंगे। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल एवं भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी प्रधानमंत्री के साथ गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन और जापानी प्रधानमंत्री सुगा से मुलाकात करेंगे और संबंधित देशों के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के बारे में तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर उपयोगी विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस यात्रा का समापन संयुक्तराष्ट्र महासभा में अपने एक भाषण के साथ करेंगे, जिसमें वैश्विक चुनौतियां खासकर कोविड-19 महामारी, आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी अमेरिका यात्रा अमेरिका के साथ व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने तथा हमारे रणनीतिक भागीदारों जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर आपसी सहयोग को आगे ले जाएगी।

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