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आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की निगरानी

केंद्रीय मंत्री ने जमाखोरी पर अधिकारियों को फटकार लगाई

जरूरी खाद्य वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने को कहा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 20 May 2021 02:01:59 PM

officers reprimanded on hoarding of union minister (file photo)

नई दिल्ली। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उपभोक्ता मामलों के विभाग के अधिकारियों से राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों में उछलती आवश्यक वस्तुओं की कीमतों एवं जमाखोरी पर फटकार लगाते हुए उनकी कड़ी निगरानी और कार्रवाई को कहा है। पीयूष गोयल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि असामान्य रूपसे कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने और कीमतों को स्थिर रखने के लिए एक बफर (अतिरिक्त संग्रह) बनाने के लिए जरूरी खाद्य वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई मिल कारोबारी, थोक विक्रेता या खुदरा विक्रेता कोविड की परिस्थिति का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करता है और आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी करता है तो आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधान के तहत उसपर कड़ी कार्रवाई करें। पीयूष गोयल राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के प्रावधानों की समीक्षा कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मामले विभाग 34 राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्रों के 157 केंद्रों से कीमतों के बारे में आंकड़े एकत्र करता है। सभी 22 आवश्यक वस्तुओं, विशेष रूप से दालों, तिलहन, सब्जियों और दूध की कीमतों की निगरानी करने और किसी भी असामान्य मूल्य वृद्धि के शुरुआती संकेतों पर नज़र रखने की उम्मीद की जाती है, ताकि समय पर हस्तक्षेप किया जा सके और उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकें। उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव ने भी राज्यों के प्रधान सचिवों के साथ बैठक कर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखने की आवश्यकता के बारे में बताया था। उपभोक्ता मामले विभाग ने सभी स्टॉकहोल्डर्स जैसे मिल कारोबारी, ट्रेडर्स, आयातक आदि को भी दालों के स्टॉक की घोषणा करने का निर्देश दिया है और इसे राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारें सत्यापित करेंगी। वाणिज्य मंत्रालय ने दालों की आपूर्ति को आसान बनाने के लिए अपनी आयात नीति में बदलाव किया है।
पीयूष गोयल ने कहा कि सभी संबंधित विभागों को अग्रिम योजना बनानी चाहिएं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी समय आवश्यक वस्तु की कमी न होने पाए। राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्रों से भी साप्ताहिक आधार पर दालों की कीमतों की निगरानी करने का अनुरोध किया गया है। मिल मालिकों, थोक विक्रेताओं, आयातकों आदि और उनके पास रखे दालों के स्टॉक का विवरण भरने के लिए राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्रों के साथ एक ऑनलाइन डेटाशीट भी साझा की जा चुकी है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दलहन उत्पादक राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्रों से भी खरीद की सुविधा के लिए अनुरोध किया गया था, क्योंकि निरंतर खरीद किसानों को दीर्घकालिक आधार पर दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी।

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