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भारत-ब्रिटेन का वर्चुअल शिखर सम्मेलन

नरेंद्र मोदी व बोरिस जॉनसन के बीच रणनीतिक साझेदारी

कोविड-19 से जंग में जारी आपसी सहयोग पर चर्चा की

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 5 May 2021 12:49:53 PM

pm narendra modi and boris johnson at the india-uk virtual summit

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भारत-ब्रिटेन के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध, दोनों देशों में लोकतंत्र, मौलिक स्वतंत्रता एवं कानून के शासन, मजबूत पारस्‍परिकताओं और निरंतर बढ़ते सामंजस्‍य के लिए आपसी प्रतिबद्धता पर आधारित रणनीतिक साझेदारी को साझा किया। शिखर सम्मेलन में एक महत्वाकांक्षी ‘रोडमैप 2030’ को अपनाया गया, ताकि द्विपक्षीय संबंधों का दर्जा बढ़ाकर उन्‍हें व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया जा सके। यह रोडमैप अगले दस वर्ष में दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्‍परिक संपर्कों, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, रक्षा एवं सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई और स्वास्थ्य जैसे महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में गहन और मजबूत जुड़ाव का मार्ग प्रशस्त करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के साथ-साथ टीकों पर सफल साझेदारी सहित महामारी के खिलाफ लड़ाई में जारी आपसी सहयोग पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में कोविड-19 की अत्‍यंत संक्रामक दूसरी लहर के मद्देनज़र ब्रिटेन की त्वरित चिकित्सा सहायता के लिए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का धन्यवाद किया। बोरिस जॉनसन ने पिछले साल ब्रिटेन और अन्य देशों को दी गई सहायता में भारत की अहम भूमिका की सराहना की, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स और टीकों की आपूर्ति के जरिए दी गई सहायता भी शामिल है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार की संभावनाओं को उन्‍मुक्‍त करने के साथ वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से भी अधिक करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करते हुए एक उन्नत व्यापार साझेदारी का शुभारंभ किया।
उन्नत व्यापार साझेदारी के एक हिस्से के रूपमें भारत और ब्रिटेन ने एक व्यापक एवं संतुलित मुक्‍त व्‍यापार समझौता पर बातचीत करने के लिए एक रोडमैप पर सहमति जताई, जिसमें जल्‍द-से-जल्‍द लाभ मिलना सुनिश्चित करने के लिए एक अंतरिम व्यापार समझौते पर विचार करना भी शामिल है। भारत और ब्रिटेन के बीच उन्‍नत व्यापार साझेदारी से दोनों देशों में हजारों प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित होंगे। ब्रिटेन अनुसंधान और नवाचार संबंधी सहयोग के क्षेत्र में भारत का दूसरा सबसे बड़ा साझेदार है। वर्चुअल शिखर सम्मेलन में एक नई भारत-ब्रिटेन वैश्विक नवाचार साझेदारी की घोषणा की गई, जिसका उद्देश्य चुनिंदा विकासशील देशों को समावेशी भारतीय नवाचारों का हस्तांतरण करने में आवश्‍यक सहयोग प्रदान करना है। इस दिशा में शुरुआत अफ्रीका से होगी। दोनों ही पक्षों ने डिजिटल एवं आईसीटी उत्पादों सहित नई व उभरती प्रौद्योगिकियों पर आपसी सहयोग बढ़ाने और आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई। भारत और ब्रिटेन ने रक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर भी सहमति व्यक्त की, जिनमें समुद्री क्षेत्र, आतंकवाद का मुकाबला करना और साइबरस्पेस क्षेत्र भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन ने आपसी हितों वाले क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें हिंद प्रशांत और जी7 में सहयोग करना भी शामिल है। उन्होंने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जलवायु कार्रवाई के प्रति अपनी कटिबद्धता दोहराई और इसके साथ ही इस वर्ष के उत्‍तरार्द्ध में ब्रिटेन की ‘सीओपी26’ से पहले आपस में सहभागिता करने पर सहमति जताई। भारत और ब्रिटेन ने प्रवासन एवं आवाजाही पर एक व्यापक साझेदारी का शुभारंभ किया है, जिससे दोनों देशों के बीच विद्यार्थियों एवं प्रोफेशनलों की आवाजाही के लिए और भी अधिक अवसर सुलभ होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात बेहतर हो जाने के बाद भारत में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सुविधा के अनुसार उनका आगमन होने पर उनका स्वागत करने की इच्छा व्यक्त की। बोरिस जॉनसन ने भी जी-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने हेतु ब्रिटेन आगमन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया गया निमंत्रण दोहराया।

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