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बिहार और यूपी के दो चिड़ियाघर केंद्र से मंजूर

राजगीर में सफारी और गोरखपुर में अशफाक उल्लाह खान उद्यान

गोरखपुर और नालंदा चिड़ियाघर योगी व नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 8 December 2020 03:31:05 PM

shaheed ashfaq ullah khan park in gorakhpur

नई दिल्ली/ लखनऊ। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्रीप्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की 37वीं आम सभा की बैठक में दो और नए चिड़ियाघरों बिहार के नालंदा में राजगीर चिड़ियाघर सफारी और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्लाह खान उद्यान को मान्यता प्रदान की गई। पर्यावरण मंत्री ने देश में 15 चुनिंदा चिड़ियाघरों के वैश्विक मानकों के स्तर के उन्नयन के लिए 10 साल की दूरदर्शी योजना को विकसित करने में अच्छी प्रगति की सराहना की, जिसमें भारतीय और विदेशी चिड़ियाघरों को एक साथ जोड़ने यानी 'ट्विन' करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि परियोजना के हिस्से के रूपमें चिड़ियाघरों के आधुनिकीकरण के लिए कॉरपोरेट क्षेत्र से निवेश भी लाना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए अगले साल की शुरुआत में एक निवेशक शिखर सम्मेलन कराया जाएगा।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की आम सभा की बैठक 7 दिसंबर को थी। बैठक में देश के पूर्वी राज्य बिहार में राजगीर चिड़ियाघर सफारी को मान्यता प्रदान की गई। राजगीर चिड़ियाघर में विशेष रूपसे केवल सफारी बाड़ हैं, जो पारंपरिक बाड़ों के विपरीत बंदी जानवरों के लिए बड़ा स्थान उपलब्ध कराती हैं। चिड़ियाघर में पांच सफारी बाड़े हैं और इसमें एक वॉक-इन का प्रस्ताव है। चिड़ियाघर में शेर, भालू, बाघ, तेंदुआ रखा जाना है और अन्य जीवों के साथ चित्तीदार हिरण, सांभर जैसे शाकाहारी जानवरों के लिए मिश्रित सफारी का प्रस्ताव है। राजगीर चिड़ियाघर ऐतिहासिक नालंदा के करीब है और उम्मीद है कि जैसे कि यहां अधिक पर्यटक पहुंचते हैं तो राजगीर चिड़ियाघर सफारी में भी पहुंचेंगे। चिड़ियाघर की स्थापना की निगरानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यक्तिगत रूपसे की थी। चिड़ियाघर में जंगली जानवरों को प्राकृतिक दिखने वाले सफारी बाड़ों में रखा जाएगा और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरुकता को बढ़ावा दिया जाएगा।
शहीद अशफाक उल्लाह खान प्राणी उद्यान गोरखपुर भी राज्य के दर्शनीय चिड़ियाघरों में से एक होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वन मंत्री दारा सिंह चौहान, प्रमुख सचिव वन सुधीर कुमार गर्ग और राज्य के वन्य जन्तु प्रतिपालक सुनील पांडेय की यह अत्यंत महत्वपूर्ण और रूचिकर परियोजना है। इस परियोजना पर बहुत बैठकें हुईं, काफी मंथन हुआ है, तब इसको अंतिम स्वरूप प्रदान किया गया। गोरखपुर चिड़ियाघर परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। गौरतलब है कि वन्य जन्तु प्रतिपालक सुनील पांडेय ने चिड़ियाघर का स्वरूप देने में विदेशों में वन्य जंतुओं के परिवासों के अनुभव को शामिल किया है, जिससे गोरखपुर चिड़ियाघर देश के बाकी चिड़ियाघरों से ज्यादा आधुनिक और दर्शनीय होगा, जिसमें इस क्षेत्र के लोगों की एक और उत्कृष्ट दर्शनीय भ्रमण स्‍थान की जरूरत पूरी होगी।
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर चिड़ियाघर को मिलाकर अब कुल 9 चिड़ियाघर हो गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस चिड़ियाघर की स्थापना की व्यक्तिगत रूपसे निगरानी कर रहे हैं। चिड़ियाघर गोरखपुर की आध्यात्मिक भूमि में है और बड़ी संख्या में लोग रोजाना विख्यात गोरखनाथ पीठ आते हैं। चिड़ियाघर में पक्षियों, शाकाहारी और मांसाहारी जीवों की कई प्रजातियां रहती हैं। वन्य जन्तु प्रतिपालक सुनील पांडेय ने बताया कि इस चिड़ियाघर का उद्देश्य प्राकृतिक दिखने वाले बाड़ों के माध्यम से लोगों में जानवरों के प्रति जागरुकता पैदा करना और 4डी थियेटर, बैटरी से चलने वाली ट्रेन और दिव्यांगजन की सुविधा जैसी अत्याधुनिक आगंतुक सुविधाओं के माध्यम से पर्यटकों को लंबे समय तक याद रखे जाने वाले अनुभव का एहसास करना है।

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