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कोविड के बाद खेलों की बहाली पर मंथन

खेल राज्यमंत्री ने की वीडियो कॉंफ्रेंसिंग पर राज्यों से वार्ता

एनवाईकेएस व एनएसएस स्वयंसेवकों की प्रशंसा भी की

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 18 July 2020 04:58:59 PM

kiren rijiju holding a meeting with the sports and youth affairs ministers

नई दिल्ली। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के युवा मामले एवं खेल विभाग के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद किया। इस बैठक का आयोजन दो दिवसीय सम्मेलन के पहले भाग के रूपमें किया गया, जिसमें सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा कोविड-19 के पश्चात खेलों की बहाली और साथ ही साथ राज्य स्तर पर विभिन्न योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के ज्यादा स्वयंसेवकों को शामिल करने के लिए आगेकी रूपरेखा साझा की जाएगी। बैठक में किरेन रिजिजू ने कहा कि एनवाईकेएस और एनएसएस स्वयंसेवकों ने कोविड-19 के दौरान नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर सराहनीय कार्य किया है, वर्तमान समय में स्वयंसेवकों की संख्या 75 लाख है और सरकार ने अनलॉक-2 में उसकी संख्या को बढ़ाकर एक करोड़ करने का निर्णय लिया है।
खेल राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही आत्मनिर्भर भारत की घोषणा कर चुके हैं, जैसे ही देश में स्थिति सामान्य होती है, हमारे स्वयंसेवक समाज के सभी वर्गों जैसे किसानों, छोटे व्यवसायियों और अन्य लोगों के बीच जागरुकता फैलाएंगे, जोकि प्रत्यक्षलाभ के संदर्भ में हैं और जिन्हें आत्मनिर्भर बनकर प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने राज्यों से बेहतर काम करने के लिए स्वयंसेवकों को बढ़ावा देने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया कि वे केंद्र के न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ सीधे जिला प्रशासन के साथ मिलकर से काम करेंगे। संक्षिप्त एजेंडे में शामिल किए गए बिंदुओं पर चर्चा करते हुए अनेक राज्यों के प्रतिनिधियों ने सभी राज्यों में खेल एवं युवा मंत्रालय की जमीनी स्तर के खेलों के साथ-साथ ओलंपिक स्तर के प्रशिक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की।
प्रत्येक राज्य में एक ‘खेलो इंडिया स्टेट सेंटर एक्सीलेंस’ (केआईएससीई) की स्थापना और ‘एक राज्य एक खेल’ नीति का पालन करने के लिए राज्यों का पूर्ण समर्थन मिला है, क्योंकि मंत्रियों और अधिकारियों ने एक खेल वाली नीति को अपनाने में गहरी रुचि दिखाई है, जिसमें उनका राज्य पारंपरिक रूपसे मजबूत रहा है। किरेन रिजिजू ने कहा कि खेल मंत्रालय एक या दो खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए राज्यों को सहायता प्रदान करेगा और उन्हें धन उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि केआईएससीई किसी विशेष खेल के लिए नोडल केंद्र बन जाएगा, जहां पर एथलीटों को ओलंपिक के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं में तैयार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि राज्यों द्वारा पारंपरिक खेलों सहित अन्य खेलों में एथलीटों को प्रशिक्षित करने का विकल्प भी चुना जा सकता है, लेकिन मुख्य रूपसे ध्यान केवल एक या दो खेलों पर ही होना चाहिए।
बैठक में राज्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि देशके सभी जिलों में 1,000 ‘खेलो इंडिया केंद्र’ की स्थापना करने से न केवल स्थानीय प्रतिभाओं को मौका मिलेगा, बल्कि उनका सदुपयोग करने में मदद मिलेगी, देश में खेल की संस्कृति भी विकसित होगी। बैठक में कई राज्यों ने जमीनी स्तर के खेलों को बढ़ावा देने में अपनी सफलता की कहानियों को साझा किया गया। खेल राज्यमंत्री ने कहा कि ‘फिट इंडिया अभियान’ से संबंधित गतिविधियों में राज्यों की भागीदारी उत्साहजनक रही है, जिसमें पूरे भारत के 2.5 लाख से ज्यादा स्कूलों ने ‘फिट इंडिया स्कूल’ बनने के लिए अपना नामांकन करवाया है। उन्होंने कहा कि मैं सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह करता हूं कि वे अपने स्कूलों को फिट इंडिया स्कूल के रूपमें पंजीकरण कराने में सक्रिय भूमिका निभाएं, जिससे युवाओं के लिए फिटनेस उनके जीवन का एक तरीका बन जाए।
राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद किरेन रिजिजू ने इसे एक सार्थक सम्मेलन बताया, जिसमें मंत्रियों और अधिकारियों ने खेल और युवा मामलों से संबंधित मुद्दों के संदर्भ में बहुत कुछ मूल्यवान सुझाव दिए हैं, उन्होंने कोविड के बाद की तैयारी के बारे में भी जानकारी प्रदान की, जिसमें खेल संबंधित आयोजनों और एथलीटों के प्रशिक्षण की शुरुआत करने के तरीके भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों में बहुत ही अच्छा काम किया जा रहा है और खेल मंत्रालय उनके साथ निकटता से समन्वय कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि सम्मेलन के अंत में हम भविष्य के लिए एक रोडमैप को सामने लेकर आएंगे। सम्मेलन के पहले दिन आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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