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कहां है मानवाधिकार आयोग, कहां है सरकार?

आएं और देखें-सुनें पाकिस्तान से आए हिंदुओं की दशा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 08 April 2013 08:15:46 AM

pakistani hindus in new delhi

नई दिल्ली। छोटी-छोटी बातों पर संवैधानिक अधिकारों व मानवाधिकारों के उल्लंघन की दुहाई देने वाले भारतीय राजनेता, मानवाधिकार वादी व समाज सेवी उस समय पता नहीं कहां चले जाते हैं, जब हिंदुओं के उत्पीड़न व उनके मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन की घटनाएं सर-ए-आम होती हैं, वो चाहे भारत में हों या भारत के बाहर किसी और मुल्क में हों। भारत के सामने हिंदू उत्पीड़न की सबसे तगड़ी चुनौती पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश से मिल रही है जहां मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिंदुओं का जीना हराम कर रखा है। इन देशों में हिंदुओं के साथ कैसा बर्ताव किया जा रहा है, इसकी गूंज संयुक्त राष्ट्रसंघ तक में है। इन देशों में हिंदुओं को यातनाएं देकर धर्म परिवर्तन और जबरन शादियों से लेकर कारोबार और सामाजिक परंपराओं एवं रिश्ते-नातों तक में मुसलमानों ने ज़हर घोल रखा है। भारत सरकार जानती है कि इन देशों में हिंदुओं पर जुल्म और सितम सरकारी संरक्षण में हो रहा है, लेकिन भारत सरकार कोई भी कदम नहीं उठा रही है, बल्कि यहां के राजनीतिक दल मुस्लिम तुष्टिकरण में व्यस्त हैं।
विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, सामाजिक संगठन, आर्य समाज एवं हिंदू हितों का चिंतन करने वालें और भी लोगों के अलावा और कौन दल हैं, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश से मुसलमानों से अपनी जान माल और इज्जत लुटा कर या बचा कर किसी तरह भारत आ गए हिंदुओं का दुःख दर्द सुन रहे हैं या उनकी सहायता कर रहे हैं। दिल्ली और देश के कुछ इलाको में बांग्लादेश और पाकिस्तान में जुल्मों से तंग हो कर आए हिंदुओं की अगर आप आपबीती सुनें तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे, इस्लाम में दीन और मानवता की शिक्षा को तार-तार करने वाले किस हद तक जाति और धर्म के नाम पर आतंक मचाए हुए है यह इन हिंदुओं से पूछिए। हिंदुओं के सामने उन्हें दिखा-दिखा कर और एहसास करा कर उनकी पूज्य गाय और उसके वंश को किस प्रकार तड़पा-तड़पा कर काटा जाता है, किस प्रकार हिंदू लड़की की डोली नहीं उठने दी जाती है, किस प्रकार हिंदू रीति रिवाजों को भ्रष्ट किया जाता है, उनकी खिल्ली उड़ाई जाती है, उनकी सर-ए-आम ईश निंदा और अवमानना की जाती है, यह सच पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू तो जानते और भोगते आ रहे है, यह भारत सरकार भी अच्छी तरह जानती है।
दिल्ली में इन हिंदुओं का दर्द किसी से सुना नहीं जाता है और हिंदू वादी लोग अपनी क्षमता के अनुसार जो बन पड़ रहा है, वो कर रहे हैं, पर आखिर कब तक? भारत सरकार आखिर क्या कर रही है? दिल्ली में कुछ जगहों पर सहायता शिविरों में शरण पाए हिंदुओं का वीजा खत्म हो रहा है या खत्म हो चुका है, जिसके अनुसार उन्हें अपने वतन लौटना चाहिए, किंतु यदि वे यहां से अपने देश लौटे तो उनकी खैर नहीं है, इस लिए विहिंप और संघ की मांग है कि उन्हें भारत की नागरिकता दी जाए और अंतराष्ट्रीय समुदाए में पाकिस्तान और बांग्लादेश को बेनकाब किया जाए कि वह अपने नागरिकों का लिंग भेद, धर्म और भाषा के नाम भेद करता है और उनका उत्पीड़न करता है। दिल्ली विहिंप के उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद गुप्ता ने कहा है कि पाकिस्तानी कट्टरपंथियों से अपना धर्म व जान बचाकर भारत में शरण लेने आए 480 हिंदुओं की सहायता या नागरिक सुविधाओं की बात तो दूर केंद्र या दिल्ली सरकार का कोई भी प्रतिनिधि जिहादी दरिंदों के सताए इन लोगों के हाल चाल तक पूछने नहीं पहुंचा है, तो और, विश्व हिंदू परिषद व दिल्ली के अन्य हिंदूवादी संगठनों के अलावा, एक भी राजनेता, तथाकथित समाज सेवी या मानवाधिकार वादी संगठन उनके पास तक नहीं फटका है। इन हिंदुओं की वीसा की अवधि भी 8 अप्रैल 2013 को समाप्त हो गई है, किंतु इनके लिए कहीं से कोई राहत की खबर नहीं है।
विहिंप दिल्ली के मीडिया प्रमुख विनोद बंसल ने बताया कि पाकिस्तान से आए इन हिंदुओं के संबंध में पिछले माह मार्च में ही भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, विदेशमंत्री, कानूनमंत्री, दिल्ली के उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री के साथ ही साथ सभी संबंधित सरकारी विभागों सहित भारत व संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार आयोगों को भी पत्र भेजा जा चुका है, किंतु आज तक किसी के पास न तो इन पाक पीड़ितों का दर्द सुनने की फ़ुर्सत है और न ही सरकारी स्तर पर कोई ऐसी कार्रवाई सुनी गई जो पाकिस्तानी दरिंदगी पर अंकुश लगा सके। इन 480 लोगों में एक छ: माह की अबोध बालिका तो भारत आने के बाद तीन अप्रैल को मर गई। अब इस जत्थे में सिर्फ़ 479 ही बचे हैं। यूं तो विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू महा सभा, हिंदू सेना, शिव सेना, आर्य समाज इत्यादि संगठनों के कार्यकर्ता समाज सेवी नाहर सिंह के बनाए गए पाक शरणार्थी शिविर में पीड़ितों की मदद के लिए लगे ही हैं किंतु क्या किसी मानवाधिकार आयोग या सरकार का कोई प्रतिनिधि भी उन लोगों की आवाज़ को सुनेगा, जिन्होंने देश छोड़ा, लेकिन किसी भी दबाव के सामने स्वधर्म नहीं छोड़ा।
विश्व हिंदू परिषद दक्षिणी दिल्ली के मंत्री विजय गुप्ता ने देश के हिंदू समाज से अपील की है कि वे अखंड भारत के अपने जिगर के इन टुकड़ों की सहायता हेतु आगे आएं तथा इनकी रोजमर्रा की जरूरतों यथा भोजन, राशन, दवाइयां, बर्तन इत्यादि की पूर्ति हेतु 09212376123, 09210110863 या 09212126309 मोबाइल नंबरों पर संपर्क करें या 16, अंबेडकर कालोनी बिजवासन, नई दिल्ली-110 061 के पते पर इनके लिए सहायता भेजें।

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