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यूपी में भी हो विमुक्ति जनजाति आयोग-राज्यपाल

अनुसूचित जनजाति हेतु कल्याणकारी योजनाओं पर प्रस्तुतिकरण

आश्रम पद्धति विद्यालयों के लिए धनराशि समय पर आवंटित हो

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 15 January 2020 01:05:06 PM

presentation on welfare schemes for scheduled tribes

लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने केंद्र सरकार की भांति ही उत्तर प्रदेश में विमुक्ति जनजाति आयोग के गठन का सुझाव दिया है। राजभवन में आयोजित प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं के प्रस्तुतिकरण के दौरान राज्यपाल ने अधिकारियों से बातचीत में यह सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे विमुक्ति घुमंतू जनजातियों को राज्य सरकार की संचालित सभी योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने अधिकारियों को राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों के लिए आवंटित धनराशि को नियमित रूपसे जारी करने के भी निर्देश दिए, जिससे इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना न करना पड़े।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बजट आवंटन 605.90 लाख रुपये के सापेक्ष अभीतक 143.32 लाख रुपये की स्वीकृति यह दर्शाता है कि धन की स्वीकृति समय से नहीं हो रही है। उन्होंने विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों को भी यथाशीघ्र भरने को कहा, जिससे बच्चों की शिक्षा बाधित न हो। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराएं, जिसमें छात्राओं में रक्त की कमी की जांच अवश्य हो। प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने प्रस्तुतिकरण के दौरान राज्यपाल को अवगत कराया कि अनुसूचित जनजाति के बालक एवं बालिकाओं के शैक्षिक विकास एवं उत्थान हेतु राज्य सरकार की निधि से 9 अनुसूचित जनजाति राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जो पूर्णतया आवासीय हैं, इनमें विद्यार्थियों को निःशुल्क भोजन, ड्रेस, पाठ्य पुस्तकें आदि उपलब्ध कराया जाता है, इसके साथ ही प्रदेश में 2 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय शत-प्रतिशत केंद्रांश द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने जनजाति उपयोजना के अंतर्गत विशेष केंद्रीय सहायता से कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन, अत्याचार से उत्पीड़ित परिवारों को 227.12 लाख रुपये की सहायता का वितरण, छात्राओं के लिए यूनीफार्म एवं बाइसिकल योजना, बालक-बालिकाओं के लिए छात्रावास का संचालन, पूर्व दशम छात्रवृत्ति तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शादी अनुदान आदि योजनाओं के बारे में राज्यपाल को जानकारी दी। ग्राम्य विकास आयुक्त के रवींद्र नायक ने बताया कि वर्ष 2011 के सर्वे के सभी लाभार्थियों को आवास उपलब्ध कराए जा चुके हैं, जिसमें 13,125 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तथा 254 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास दिया गया है। बैठक में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी, सचिव नियोजन विभाग नीना शर्मा, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव डॉ रोशन जैकब, पंचायतीराज विभाग के सचिव वीरेंद्र कुमार सिंह और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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