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मोबाइल सुरक्षा राष्‍ट्रीय प्राथमिकता हो-आईटी मंत्री

दिल्‍ली में खोये हुए मोबाइलों की खोज हेतु सीईआईआर वेबपोर्टल

प्रोग्रामिंग सुरक्षा व चोरी जैसी चिंताओं को दूर करने में सहायक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 31 December 2019 02:00:21 PM

launch of 'central device identification register system' to detect lost mobile phones

नई दिल्ली। केंद्रीय संचार, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि मोबाइल सुरक्षा राष्‍ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए, क्‍योंकि मोबाइल हैंडसेट हर प्रकार से हमारे ऑनलाइन कार्यों के लिए एक महत्‍वपूर्ण उपकरण बन गया है। रविशंकर प्रसाद ने दिल्‍ली के ग्राहकों के लिए ‘केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर’ यानी सीईआईआर नाम से एक वेबपोर्टल की शुरुआत की। रविशंकर प्रसाद ने इस अवसर पर कहा कि दिल्‍ली में केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर परियोजना से चोरी अथवा खोये हुए मोबाइल फोन को ब्‍लॉक कराने का ग्राहकों का अनुरोध, मोबाइल नेटवर्क पर ऐसे मोबाइल फोनों को ब्‍लॉक कराना, समान आईएमईआई नंबर के साथ मोबाइल फोन वाले वर्तमान ग्राहकों के लिए सेवाओं की अनुमति, मोबाइल का पता लग जाने की तारीख को पुलिस अधिकारियों के साथ साझा करना और चोरी अथवा खोये हुए मोबाइल फोनों के बरामद होने पर उन्‍हें खोलना आसान हो जाएगा।
केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार ने देश के सभी ऑपरेटरों के लिए 5जी स्‍पेक्‍ट्रम देने का फैसला किया है और इसे देशभर में पूरी तरह शुरू करने में कुछ वर्ष लगेंगे। उन्होंने कहा कि यूपीआई भुगतान इंटरफेस देश में हर प्रकार के ऑनलाइन धन लेन-देन का एक प्रमुख तरीका बन चुका है और भारतीय रुपये को और अधिक मजबूत बनाने के लिए हमें इसे वैश्विक प्रकाश स्‍तंभ बनाने की आवश्‍यकता है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह संचार और प्रौद्योगिकी युग है, हम विकास के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम इस्‍तेमाल करते हैं, लेकिन अपराधी भी समान स्‍मार्ट टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करते हैं, अत: हमें अपने हितों की रक्षा करने वाली प्रौद्योगिकी की आवश्‍यकता है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आधार डिजिटल पहचान है, जिससे हमारी पहचान की पुष्टि होती है और डिजिटल इंडिया डिजिटल समावेशन के लिए है, डिजिटल इंडिया सामान्‍य भारतीय को टेक्‍नोलॉजी की ताकत से सशक्‍त बना रही है, जिससे डिजिटल समावेशन हो रहा है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उद्योग को अधिक नवाचारी होना चाहिए और भारतीय उद्योगों को आईटी में नए अविष्‍कार अपनाने चाहिएं। कार्यक्रम में दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल अनिल बैजल, दूरसंचार सचिव और डिजिटल संचार आयोग के अध्‍यक्ष अंशु प्रकाश, दिल्‍ली पुलिस आयुक्‍त अमूल्‍य पाठक, डिजिटल संचार आयोग के सदस्‍य (टेक्‍नोलॉजी) एसके गुप्‍ता भी मौजूद थे। दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ने कहा कि दिल्‍ली में मोबाइल चोरी के मामले बढ़े हैं और इनकी संख्‍या प्रतिवर्ष 40,000 तक पहुंच चुकी है। उन्‍होंने कहा कि इस समस्‍या को हल करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए। उन्‍होंने संचार मंत्री से आग्रह किया कि वे बेहतर कामकाज के लिए जोनल समंवित पुलिस नेटवर्क (जिपनेट) को सीईआईआर से जोड़ने के बारे में विचार करें। अंशु प्रकाश ने कहा कि देश में फोनों की संख्‍या 100 की आबादी के पीछे 242 मोबाइल हो गई है और मोबाइल हैंडसेट रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का जरिया बन चुका है, इसलिए मोबाइल को एक प्रणाली के साथ सुरक्षित करना समय की मांग है।
अंशु प्रकाश ने इस मौके पर उल्लेख किया कि अंतर्राष्‍ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान यानी आईएमईआई मोबाइल फोन की एक अनेखी पहचान है, ½ सिम कार्ड के साथ एक फोन ½ आईएमईआई नंबर के साथ प्रोग्राम किया हुआ होता है, आईएमईआई प्रोग्राम किया हुआ होने के कारण कुछ अपराधी आईएमईआई संख्‍या को दोबारा प्रोग्राम कर लेते हैं, जिसके परिणामस्‍वरूप उसी आईएमईआई संख्‍या के साथ अनेक उपकरणों की आईएमईआई की क्‍लोनिंग हो जाती है और आज नेटवर्क में क्‍लोन या डुप्‍लीकेट आईएमईआई हैंडसेट के अनेक मामले हैं। अंशु प्रकाश ने कहा कि यदि ऐसे आईएमईआई को ब्‍लॉक कर दिया जाए तो समान आईएमईआई के साथ हैंडसेट होने के कारण बड़ी संख्‍या में मोबाइल फोन ब्‍लॉक हो जाएंगे, जिससे अनेक ग्राहकों को असुविधा होगी, अत: नेटवर्क से डुप्‍लीकेट या फर्जी आईएमईआई मोबाइल फोनों को हटाने की आवश्‍यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर परियोजना के तहत दूरसंचार विभाग मोबाइल हैंडसेट की दोबारा प्रोग्रामिंग, सुरक्षा, चोरी जैसी चिंताओं को दूर करने में सहायक होगा।

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