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भूकंप से निपटना महत्वपूर्ण व चुनौतीपूर्ण मुद्दा-शाह

'आपदा जोखिम प्रबंधन के क्षेत्र में अधिक संयुक्त प्रयास किए जाएं'

सार्क देशों के बीच शुरु हुआ शहरी भूकंप खोज व बचाव अभ्यास

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 5 November 2019 01:34:19 PM

union home minister amit shah will inaugurate the sco joint exercise

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शंघाई सहयोग संगठन-शहरी भूकंप खोज और बचाव संयुक्त अभ्यास 2019 के उद्घाटन पर कहा है कि यह आयोजन एक वर्ष से अधिक की बातचीत और एससीओ देशों के बीच सहयोग का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिस्तान की राजधानी बिस्वेक में एससीओ के 19वें सम्मेलन में साझा क्षेत्र में संपर्क को और बेहतर करने की जरूरत पर बल दिया था और आपसी सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में संयुक्त अभ्यास के मंत्र को एक महत्वपूर्ण कदम बताया था। गृहमंत्री ने सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के नागरिकों की ओर से शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि अगस्त 2017 में उत्तर भारत में शामिल होने के बाद देश के वर्तमान रक्षामंत्री ने सरकारी विभागों के प्रमुखों की बैठक में भाग लिया और प्रस्ताव किया था कि भारत सर्च और बचाव विषय पर एक संयुक्त अभ्यास आयोजित कर सकता है। अमित शाह ने कहा कि हमारे प्रस्ताव का सभी राष्ट्रों ने दिल से स्वागत किया और खुशी है कि संयुक्त अभ्यास का विचार साकार हो रहा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह अभ्यास हमारे देशों में आपदा प्रतिरोधी क्षमता का निर्माण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, वर्ष 1996 से वर्ष 2015 की अवधि के दौरान ऐसे देशों में प्राकृतिक आपदाओं से लगभग 300000 लोगों की जान गई, जिसमें से 200000 से अधिक लोगों की जान भूकंप से गई, जो इन देशों में आपदा से होनेवाली मौतों का दो तिहाई हिस्सा है, इसलिए भूकंप के खतरे से निपटना एससीओ के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। अमित शाह ने कहा कि शहरी भूकंप सर्च संयुक्त अभ्यास हमारी सामूहिक तैयारी में सुधार करने में बहुत उपयोगी होगा, भूकंप के बाद की कार्रवाई में समन्वय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तरपर मान्यता प्राप्त प्रक्रियाओं को समझने में सहायता करने के अतिरिक्त उसके प्रतिभागी टीम के सदस्यों के बीच जानकारी और मित्रता होने में भी मदद मिलेगी। अमित शाह का कहना था कि हमारी संयुक्त कार्रवाई से आपदा के खतरे के प्रभाव कम होंगे। उन्होंने कहा कि हम सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं, यदि हम आपदाओं और आपात स्थितियों के प्रभाव को रोकने और कम करने में सफल हो पाते हैं तो विश्वस्तर पर भी इससे बहुत लाभ होंगे।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आपदाओं से होनेवाली हानि को न्यूनतम करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत में आपदाओं से होनेवाली मौतों की संख्या में कमी करने और नुकसान को कम करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। हाल के दिनों में चक्रवाती तूफानों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि एक दशक से अधिक समय के दौरान पूर्व चेतावनी प्रणालियों के सुदृढ़ीकरण, पहले से तैयारियां, प्रशिक्षण और क्षमता विकास का परिणाम है कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव को कम किया जा सका। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना 2016 में लॉंच हुई थी, भारत के सभी 28 राज्य और 9 केंद्रशासित प्रदेशों और 90 प्रतिशत जिलों ने अपनी आपदा प्रबंधन की पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में निजी क्षेत्रों के संसाधन, उपयोगिता के प्रावधान से इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया गया है, जिससे राष्ट्र और स्थानीय स्तरपर आपदा प्रबंधन में सुधार हुआ है और अब संशोधित राष्ट्रीय योजना से जलवायु संबंधी पर भी विचार किया जाएगा। अमित शाह का कहना था कि भारत आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना संबंधित संगठन की अगुवाई कर रहा है जो बहुमुखी होगा, इससे विकासशील व विकसित देशों, छोटी व बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों, अवसंरचना विकास के प्रारंभिक और एडवांस देशों तथा ऐसे देश जिन्हें आपदा का अधिक का खतरा है, उन सभी की चिंताओं का निराकरण होगा। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन पुरस्कार से आपदा के दौरान कार्रवाई करने वाले लोगों को उनके साहस के लिए सम्मानित किया जाएगा और उनका उत्साह बढ़ाया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा राहत में तकनीक के उपयोग पर बल दिया है और सितंबर 2014 में जम्मू-कश्मीर में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद राहत और पुनर्वास उपायों के अंतर्गत दो लाख से अधिक प्रभावित परिवारों के खाते में ट्रांसफर के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में आपदा के दौरान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल भेजा गया, नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को आए भूकंप से मकानों वहां की संरचना और सेवाओं का भारी नुकसान हुआ, जिसमें 75 जिलों में जन-जीवन प्रभावित हुआ और भारतीय वायु सेना की फ्लाइट भेजने वाला भारत ऐसा पहला देश था, जो भूकंप के 6 घंटे के भीतर नेपाल की सहायता के लिए वहां पहुंचा था। अमित शाह ने कहा कि सार्क देशों के साथ संयुक्त अभ्यास से सफलतापूर्वक संचार की दिशा में बहुत सुधार होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हमारे देशों के बीच आपदा जोखिम प्रबंधन के क्षेत्र में अधिक संयुक्त प्रयास किए जाएं, ऐसी पहलों से हम निरंतर एक दूसरे से कुछ सीखेंगे, नए तौर-तरीके विकसित होंगे और हम आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे, ताकि हम अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित विश्व का निर्माण कर सकें। चार दिन तक चलने वाले अभ्यास के दौरान सदस्य देशों के प्रतिभागियों के लिए शहरी भूकंप-संयुक्त खोज और बचाव अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। इसके दौरान संचालन और प्रतिक्रिया एजेंसियों के बीच समन्वय और सहयोग के साथ-साथ उच्च स्तरपर सामरिक अभ्यास किया जाएगा।

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