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भारत का अभिन्न अंग है कश्मीर-रक्षामंत्री

'पाक को कश्मीर में दखल देने का कोई अधिकार नहीं'

लेह में 26वां लद्दाखी किसान जवान विज्ञान मेला शुरु

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 30 August 2019 01:54:08 PM

defense minister rajnath singh

लेह। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान को कश्मीर में दखल करने का कोई अधिकार नहीं है और उसे भारत के आंतरिक मामलों में बयान देना बंद कर देना चाहिए। रक्षामंत्री ने उच्च उन्नतांश रक्षा अनुसंधान संस्थान के लेह में आयोजित 26वें लद्दाखी किसान जवान विज्ञान मेले का शुभारंभ किया और किसानों, जवानों एवं वैज्ञानिकों को संबोधित किया। रक्षामंत्री ने कहा कि मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि कश्मीर उसके पास कब था? कश्मीर हमेशा से ही भारत का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में हमारा रवैया हमेशा स्पष्ट रहा है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत पूरे पाक अधिकृत कश्मीर पर पाकिस्तान ने गैरकानूनी कब्जा जमाया हुआ है, कश्मीर पर बात करने के बजाय पाकिस्तान को पाक अधिकृत कश्मीरी नागरिकों के मानवाधिकारों के हनन पर ध्यान देना चाहिए। रक्षामंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया तो यहां की जनभावना का सम्मान किया है और यहां की समस्याओं का भी समाधान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह साफ कर दिया है कि भारत के सामरिक महत्व के क्षेत्र के लिए हम स्थानीय समाधान लेकर आएंगे। राजनाथ सिंह ने डीआईएचएआर के परीक्षण संबंधी उन क्षेत्रों का दौरा किया, जहां गुणवत्तापूर्ण जैविक फलों एवं सब्जियों के उत्पादन की प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने ग्रीन हाउस प्रौद्योगिकी, भूमिरहित खेती प्रौद्योगिकी, आलू भंडारण प्रौद्योगिकी और शीतल जलवायु परिस्थितियों में खरबूजे उगाने की प्रौद्योगिकी का निरीक्षण भी किया।
रक्षामंत्री ने कहा कि मेले से किसानों, जवानों और वैज्ञानिकों को आपस में संवाद करने के लिए मंच की सुविधा मुहैया हुई है और इससे जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान थीम जुड़ी हुई है। उन्होंने लद्दाख क्षेत्र में सैनिकों और समाज के बीच संपर्क बनाए रखने में डीआईएचएआर की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह मेला लद्दाख में सामरिक महत्व के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। राजनाथ सिंह ने डीआईएचएआर के वैज्ञानिकों से कहा कि तीन वर्ष के अंदर जब इसकी स्थापना के 60 वर्ष पूरे हो जाएंगे तो उच्च उन्नतांश यानी ज्‍यादा ऊंचाई वाले क्षेत्र में जीवित बने रहने का एक ऐसा मॉडल विकसित करें, जिससे देश की सेना में और अधिक ताकत एवं साहस पैदा हो जाए और जो कठोरतम परिस्थितियों में भी जवानों का मनोबल बनाए रखे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना उच्च उन्नतांश क्षेत्र के युद्ध में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ सेना बनने की काबलियत रखती है।
रक्षामंत्री ने एलएएचडीसी की लेह को वर्ष 2025 तक प्रमाणित जैविक जिला बनाने की नवीनतम पहल की सराहना की। उन्‍होंने यहां के जैविक मिशन में सरकार की तरफ से मदद का भरोसा दिलाया। गौरतलब है कि लद्दाख क्षेत्र के कठिन भू-भाग में तैनात सैनिकों की ताजा भोजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए डीआईएचएआर प्रयोगशाला की नींव वर्ष 1962 में रखी गई थी, यह संस्थान उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्थानीय तौरपर थलसेना जैविक कृषि से ताजा उत्पाद प्राप्त कर रहा है। विकसित प्रौद्योगिकी के चक्रीय रूपमें लद्दाख के किसान विभिन्न किस्मों के फल और सब्जियां पैदा कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी सामाजिक और आर्थिक दशा में सुधार हो रहा है। इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी सलाहकार लद्दाख स्वायत्त पर्वत विकास परिषद लेह के जामयांग शेरिंग नामग्याल,सचिव आरएंडडी रक्षा विभाग एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ सतीश रेड्डी, सेना के अधिकारी एवं कर्मचारी और लद्दाख के नागरिक उपस्थित थे।

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