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देश में अध्‍यापक शिक्षा प्रणाली का विकास

'जर्नी ऑफ टीचर एजुकेशन: लोकल टू ग्‍लोबल' सम्मेलन

भारत में 22 अगस्‍त को अध्‍यापक शिक्षा कार्यक्रम 'निष्‍ठा'

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Monday 19 August 2019 03:02:17 PM

hrd minister dr. ramesh pokhriyal 'nishank'

नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने नई दिल्‍ली में अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन 'जर्नी ऑफ टीचर एजुकेशन: लोकल टू ग्‍लोबल' का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन राष्‍ट्रीय अध्‍यापक शिक्षा परिषद के रजत जयंती समारोह के अंतर्गत किया गया है। सम्‍मेलन में भारत और कई देशों के विशेषज्ञ अध्‍यापक शिक्षा की वर्तमान स्थिति, शिक्षण में नवाचार, शिक्षण में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का समावेश, अध्‍यापक शिक्षा का अंतर्राष्‍ट्रीयकरण जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। स्‍कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव रीना रे, उच्‍चशिक्षा विभाग के सचिव आर सुब्रह्मण्‍यम, नीति आयोग के विशेष सचिव यदुवेंद्र माथुर, एनसीटीई के चेयरपर्सन डॉ सतबीर बेदी, एनसीटीई के सदस्‍य सचिव संजय अवस्‍थी जैसे नीति निर्माताओं ने प्रतिभागियों को संबोधित किया।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारत पारंपरिक रूपसे शिक्षा और अध्‍यापन के क्षेत्र में नेतृत्‍व की भूमिका निभाता आ रहा है, हजारों साल से भारत के शिक्षक को विश्‍वगुरू का दर्जा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति की उपलब्धियां असाधारण रही हैं और किसी भी प्रगतिशील राष्‍ट्र के लिए स्‍कूली शिक्षा नींव होती है, शिक्षक छात्रों के भविष्‍य का निर्माण करते हैं और उनमें सकारात्‍मक सोच की प्रेरणा देते हैं, ताकि वे समाज के विकास में महत्‍वपूर्ण योगदान दे सकें। स्‍कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव रीना रे ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय 22 अगस्‍त को दुनिया के सबसे बड़े अध्‍यापक शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है, जिसका का नाम 'निष्‍ठा' यानी नेशनल इनिशिएटिव ऑन स्‍कूल टीचर्स हेड हॉलिस्टिक एडवांसमेंट है, इसके तहत 42 लाख अध्‍यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए आवश्‍यक है कि शिक्षकों के कौशल को निरंतर बेहतर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश के 15 लाख स्‍कूलों की पहचान की है, इसके अलावा 19,000 अध्‍यापक प्रशिक्षण संस्‍थानों की मैपिंग करके गूगलअर्थ पर अपलोड किया है, आज भारत में 85 लाख शिक्षक हैं, जो फिनलैंड की आबादी से अधिक हैं।
नीति आयोग के विशेष सचिव यदुवेंद्र माथुर ने कहा कि एनसीटीई का कार्यक्षेत्र व्‍यापक है, इसमें अध्‍यापक शिक्षा कार्यक्रम के सभी आयाम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव के लिए शिक्षक आधार स्‍तंभ होते हैं, शिक्षकों को अपना कौशल बेहतर करते रहना चाहिए, इसके लिए अध्‍यापक शिक्षा संस्‍थानों के साथ सहयोग बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अध्‍यापक शिक्षा में कुशलता, समय की जरुरत है और इसमें अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एनसीईटी के चेयरपर्सन डॉ सतबीर बेदी ने कहा कि शिक्षकों को तैयार करने के लिए अध्‍यापक शिक्षा प्रणाली उत्तरदायी है। सम्‍मेलन का आयोजन स्‍कूल शिक्षा प‍द्धति को वैश्विक रूझानों से जोड़ने के लिए किया गया है, अध्‍यापक शिक्षा प्रणाली की चुनौतियों तथा इनके समाधान के लिए इस आयोजन ने प्रमुख शिक्षाविदों, विचारकों और प्रशासकों को एक साझा मंच उपलब्‍ध कराया है। एनसीईटी की स्‍थापना 17 अगस्‍त 1995 को की गई थी। इसका उद्देश्‍य देश में अध्‍यापक शिक्षा प्रणाली को विकसित करना तथा संबंधित मानक और नियमों को बनाना था। एनसीटीई केंद्र और राज्‍य सरकरों के लिए एक परामर्शदात्री संस्‍था के रूपमें कार्य करती है।

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