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राजभवन में परिसहाय की भूमिका विशेष-नाईक

मेजर जगमीत की पुस्तक माई स्टिंट विद श्रीराम नाईक विमोचित

पुस्तक में राज्यपाल के व्यवहार, व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 24 July 2019 04:24:21 PM

released book 'my stint with shriram naik'

लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में परिसहाय मेजर जगमीत सिंह की पुस्तक ‘माई स्टिंट विद श्रीराम नाईक’ का विमोचन किया। पुस्तक में मेजर जगमीत सिंह ने राज्यपाल के साथ अपने डेढ़ वर्ष की सेवा के अनुभवों को छायाचित्र सहित संग्रहित किया है। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि राजभवन में परिसहाय की विशेष भूमिका होती है, राजभवन के लोग अपने दायित्व के साथ अन्य रचनात्मक कार्य भी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मेजर जगमीत सिंह ने अत्यंत सुंदर पुस्तक लिखी है, जिसके शब्द और छायाचित्र दोनों बोलते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व के परिसहाय मेजर शरत नांबियार एवं गौरव सिंह ने ‘एडीसी-मैनुअल’ लिखी थी, जो अपने आपमें सभी राजभवनों के लिए प्रथम मैनुअल थी। इसी प्रकार राजभवन में कवि के रूपमें पुलिस निरीक्षक कुलदीप सिंह तथा अभिनय के क्षेत्र में स्टेज से लेकर फिल्म के पर्दे तक काम करने वाले कमल सिंह यादव की भूमिका भी सराहनीय है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि राजभवन में हर प्रकार की प्रतिभा पाई जाती है। उन्होंने कहा कि पुस्तक की विषयवस्तु मैं हूँ पर आज पता चला कि मुझपर भी कोई करीब से नज़र रख रहा है। उन्होंने कहा कि सेना के अधिकारी सीमा पर शस्त्र चलाने में पारंगत होते हैं, पर मेजर जगमीत सिंह कलम से भी मजबूत हैं, उनकी देखने की दृष्टि बहुत सटीक है, योग्य समय पर योग्य शब्द और योग्य चित्र का उपयोग किया है, किताब को पढ़कर लगेगा कि वर्दी में एडीसी जितना अपने दायित्व के प्रति समर्पित होता है, हृदय से उतना ही भावपूर्ण होता है। राज्यपाल ने निरंतर आगे बढ़ते रहने की सलाह देते हुए कहा कि आगे भी अपना लेखन कार्य जारी रखें। उन्होंने सुझाव दिया कि पुस्तक का हिंदी अनुवाद भी होना चाहिए, जिससे हिंदीभाषी पाठक भी उसको पढ़ सकें।
राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव ने मेजर जगमीत सिंह को बधाई देते हुए कहा कि अक्सर हम लोग अपने सरकारी दायित्वों के दबाव में रहते हुए अन्य रचनात्मक कार्य नहीं कर पाते, परंतु उन्होंने अपने प्रारम्भ के सेवाकाल में एक अच्छी पुस्तक का लेखन किया है, पुस्तक में राज्यपाल के व्यवहार, उनका व्यक्तित्व और कृतित्व उभरकर सामने आया है। उन्होंने कहा कि मेजर जगमीत ने पुस्तक में अपने छोटे-छोटे अनुभव को भी बड़े सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है। कार्यक्रम में राज्यपाल की पत्नी कुंदा नाईक, पुत्री विशाखा कुलकर्णी, विशेष सचिव अशोक चंद्र, मेजर जगमीत सिंह की पत्नी फ्लाइट लेफ्टिनेंट रमन सिंह और राजभवन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अपर विधि परामर्शी कामेश शुक्ल ने कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।

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