
संत कंवर राम त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति, जीवन के मर्म को जानने वाले ऋषि, दया के सागर, दीन दुखियों, यतीमों और विकलांगों के मसीहा थे। जहां उनके मुख मण्डल पर किसी ऋषि सा तेज झलकता था वहीं उनके नेत्रों से नूर बरसता था। मानव सेवा ही उनका मुख्य ध्येय था। उनके परोपकारी एवं आध्यात्मिक जीवन ने मानव के संस्कारो में कल्याण, सर्व...

डूब मरने जैसी बात है कि भारतीय राज्य अपने नागरिकों को राष्ट्रीय बजट से उच्चस्तरीय शिक्षा भी नहीं दे सकता। आश्चर्य है कि विश्व की आर्थिक महाशक्ति का दावा ठोंकने वाला भारत उच्च शिक्षा के लिए यूरोपीय/अमेरिकी कम्पनियों के ही सहारे है। भारत के पास उच्च शिक्षा का स्वदेशी ढांचा नहीं है। दोषी केंद्र की सरकार है। भारत के दुर्दिन...

श्रीराम मर्यादा पुरूषोत्तम हैं। वे लोकश्रुति में हैं। स्मृति में हैं। इतिहास में हैं। वे संज्ञा हैं, सर्वनाम हैं, वे भारत का मन हैं, अंतरंग हैं, बहिरंग हैं। प्रीति और प्यार हैं। रस हैं, छन्द हैं। गीत और काव्य हैं। प्रीति और अनुभूति हैं। तरूणाई और यौवन हैं। वे लोकआस्था में ब्रह्म हैं। मंगल भवन अमंगल हारी हैं। भारतीय इतिहास...

इंडिया-इंडिया की गूंज करने वाला भारत कब समझेगा? राष्ट्रीय खेल सिर्फ नारों और सपनों से नही बचता, इसके लिये जुटना पड़ता है। ध्यान चंद तो संघर्ष के दौर में निकले थे लेकिन, उनकी मौत एम्स के जनरल वार्ड में हुई और इलाज कर रहे डॉक्टर की उनकी मौत पर पहली टिप्पणी यही थी, हॉकी मर गई। लेकिन तब भारत के लिये गोल्ड मेडल जीतना कोई मायने नहीं...

तीस हज़ारी में महिला अदालत की न्यायाधीश रहीं स्वर्णकांता ने कहा 'महिलाओं पर जुल्म के मामलों की सुनवाई के बाद वे कह सकती हैं कि घरेलू हिंसा का शायद ही कोई ऐसा मामला हो जिसमें औरत, औरत के खिलाफ न हो। इतना ही नहीं, कानून का फायदा सशक्त पक्ष को मिल जाता है। अबलाओं की रक्षा के लिए बने कानून अधिकांश मामलों में अपने मूल लक्ष्य को...

पूज्य नाग देवता के दंश से हर साल सैकड़ों लोग काल के मुंह में चले जा रहे हैं। जन सामान्य में इसे लेकर काफी असहजता है। भीषण गर्मी और जंगलों की तबाही भी सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि के महत्वपूर्ण कारण हैं। इस भू भाग पर सर्पदंश से हाने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। बुंदेलखंड के छतरपुर, पन्ना और टीकमगढ़ जिले सबसे अधिक...

देश के जाने-माने राष्ट्रीय उद्यानों में एक दुधवा नेशनल पार्क से आज जैसे रोने की आवाज आती है। यह पार्क वन्य प्राणियों और समृद्धशाली वनसम्पदा से आच्छादित था। मीलो लंबी हरियाली और हरे-भरे मैदानों में फलते-फूलते वन्यप्राणी साम्राज्य की हलचल से गुलजार, बारहों-मास वसंत ऋतु की दूर तक फैली महक से आस-पास के इलाकों में मदमस्ती...
रंगनाथ मिश्र आयोग की सदस्य सचिव आशा दास ने तो इसाई और मुसलिम दलितों को अनुसूचित जाति वाला आरक्षण देने की सिफारिश का विरोध करने के साथ सलाह दी है कि हमारे देश में धर्म और जाति के आधार आरक्षण देने से निहित स्वार्थों का लाभ ही हो रहा है, इसलिए सरकार अपनी नीतियों और कार्यक्रमों में बदलाव करे और धर्म और जाति के आधार के बगैर परिवार को इकाई मान कर सभी ऐसे परिवारों की सहायता के लिए विशेष कदम उठाए...
भारत में हर साल धूमधाम से गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर देश के राजपथ पर शक्ति प्रदर्शन के साथ इस दिवस की रस्में अदा की जाती हैं। क्या यह देश जान सकता है कि उसके वे सपने कहां हैं जो भारतीय संविधान को लागू करते हुए देखे गए थे? क्या ये ही वो सपने हैं-आरक्षण, जातिवाद, राग-द्वेष, भाषा और प्रांतवाद, भ्रष्टाचार या अपराध क...

मुलायम और अमर में रिश्तों को लेकर उठे तूफान को अब देर-सवेर निर्णायक तबाही तक पहुंचने से शायद ही कोई रोक पाए। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि एक दलाल और एक राजनीतिज्ञ के बीच में एक दिन ऐसा होना ही था। इनमें इतना बड़ा अंतर है कि राजनीतिज्ञ एक राजनीतिज्ञ होता है जबकि दलाल सिर्फ एक दलाल। इसलिए मुलायम सिंह यादव भले ही आज राजनीतिक...
अंग्रेजों को वास्तव में इससे कोई लेना-देना नहीं था क़ि भारतीय यानी हिंदू चिंतन कितना श्रेष्ठ है। उन्हें तो केवल इसमें रुचि थी कि इसे धर्म के रूप में कैसे इस्लाम के खिलाफ खड़ा किया जा सकता है। हिंदू श्रेष्ठता के अहंकार में हिंदू (भारतीय) चिंतक भी उस जाल में फंसते गये, भारतीय सुधारक राजा राममोहन राय भी। इसका एक ही चारा है कि हम फिर से भारत और भारती को अपनाएं और अपनी सोच को पुन: सार्वभौम मानववाद...

कहीं बर्फ से लकदक चोटियां, कहीं शीतल जल धाराएं, तो कहीं गर्म पानी के चश्में। यह सब नजारे हिमाचल में एक साथ मिलते हैं। हिमाचल ने पारिस्थितकीय संतुलन को कायम रखते हुए पर्यटन क्षेत्र में तीव्र गति से प्रगति की है। यहां के लोग अतिथि का आदर-सत्कार करने के लिए बहुत विख्यात हैं, तभी तो हिंसा मुक्त हिमाचल प्रदेश, पर्यटकों के लिए...

महिलाओं के प्रति आसक्ति या मुर्गे की टांग खाना भी दिग्गजों की कुर्सियों के लिए खतरा बनते आए हैं। अपनी संतुष्टी, ब्लैकमेल या किसी अन्य लाभ की आशा में राजनीतिक साजिशें रचने वालों के कारण न केवल समाज और देश संकट में खड़ा दिखाई देता है अपितु एक नहीं बल्कि कई हस्तियों और राजनेताओं का राजनीतिक जीवन समाप्त हो जाता है। देखा जाए...

उत्तर प्रदेश में कड़े राजनीतिक संघर्ष और अपनी ही रणनीतियों के असली सच का आज सामना कर रहे हैं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव। वे कहां खड़े हैं? वे धरती-पुत्र के नाम से विख्यात हैं लेकिन आज यह खिताब और उनकी ख्याति दोनों ही ख़तरे मे हैं। उनके सारथी अमर सिंह ने उन्हें ऐसे रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब वे...

कांग्रेस इस बात को स्वीकार करती है कि अलग तेलंगाना राज्य के गठन की घोषणा उससे जल्दीबाजी में हो गई है लेकिन इसका अमल ठोक-बजाकर ही किया जाएगा। हड़बड़ी में गड़बड़ी स्वाभाविक है और उसके अपने दुष्परिणाम भी होते हैं। कल तक आंध्र प्रदेश के जो विधायक अलग तेलंगाना राज्य के हिमायती थे, वे अचानक ही उसके विरोधी कैसे हो गए, इसकी तह...