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पिताश्री की आरिष्टी में दिखी केशव की ताकत!

मुख्यमंत्री गृहमंत्री राज्यपाल भाजपा नेता संत सिराथू पहुंचे

उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने सभी का आभार प्रकट किया

मनीष सिंह

Monday 22 October 2018 03:04:40 PM

deputy cm keshav maurya's father shree shyamlal maurya

सिराथू (कौशाम्बी)। उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे और राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पिताश्री श्यामलाल मौर्य की आरिष्टी में आज सिराथू में बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा से भाजपा के दिग्गज राजनेता, नेता, कार्यकर्ता, मंत्री और विशिष्ट नागरिक शामिल हुए और उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करके उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। आरिष्टी कार्यक्रम में ‌बड़ी संख्या में विशिष्टजनों और भारी भीड़ के आगमन को देखते हुए सिराथू में वृहद स्तरपर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए थे। श्रद्धांजलि अर्पित करने आनेवालों का दिनभर आना लगा रहा। आरिष्टी कार्यक्रम बड़ा ही सुव्यवस्थित था। बड़ी संख्या में लोगों के प्रसाद भोज के प्रबंध से लेकर विशिष्ट आगंतुकों के आवागमन की व्यवस्‍था बड़ी सुनियोजित थी। उल्लेखनीय है कि विगत छह अक्टूबर को केशव प्रसाद मौर्य के पिताश्री श्यामलाल मौर्य का लखनऊ में देहांत हुआ था, उनकी आरिष्टी उनके पैतृक नगर सिराथू में की गई।
आरिष्टी कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का आम आदमी से काफी निकटतम सम्बंध का नजारा भी देखने को मिला। केशव प्रसाद मौर्य विशिष्ट आगंतुकों से घिरे होने और बड़ी भीड़ होने के बावजूद अपने कार्यकर्ताओं को पहचानकर उन्हें उनके नामसे पुकार रहे थे। किसी भी राजनेता की यह जनसंपर्क शैली उसको उसके कार्यकर्ताओं में विशिष्ट और लोकप्रिय तो बनाती ही है। केशव प्रसाद मौर्य की यह शैली दो दिग्गज राजनेताओं हेमवतीनंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी से बड़ी मेल खाती है, वे भी इसी प्रकार से व्यस्त रहने के बावजूद अपने भूले बिसरे कार्यकर्ता को पहचानकर उसको उसके नामसे पुकारा करते थे और उसकी कुशलक्षेम लिया करते थे, जिससे कार्यकर्ता अपने लीडर के प्रति गौरवांवित रहता था। केशव प्रसाद मौर्य का भी कार्यकर्ताओं के बीच यह विशिष्ट गुण चर्चा में रहा। वह बड़े ही निजीभाव से लगभग सभी लोगों से एक-एककर मिलते रहे।
यूं तो यह आरिष्टी कार्यक्रम था, जिसमें शोक संवेदनाएं प्रकट करने के अलावा कोई भी राजनीतिक बात नहीं हुई, लेकिन यह आरिष्टी ख़ुद-ब-ख़ुद केशव प्रसाद मौर्य की उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य पर बड़ी मान्यता और तेजी से बढ़ते एक शक्तिशाली राजनेता के संकेत छोड़ रही थी, जिन्हें हर किसी ने देखा और स्वीकार किया। माना जाता है कि केशव प्रसाद मौर्य केवल भाजपा में ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के पिछड़े वर्ग की राजनीति के सिरमौर के रूपमें स्थापित हुए हैं, जिसे उन्होंने उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष के रूपमें सिद्ध भी किया है। उल्लेखनीय है कि केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की है, जिसका महत्व आज फिर महसूस किया गया। भाजपा का कौन छोटा-बड़ा नेता नहीं था जो आज यहां उपस्थित नहीं था। उत्तर प्रदेश के लगभग सभी अंचलों के राजनीतिक सामाजिक विशिष्टजन उपस्थित दिखे और देरतक मौजूद रहे। सिराथू नगर में यह पहला मौका था, जब बड़ी संख्या में अति विशिष्टजन एक साथ आए।
आरिष्टी कार्यक्रम व्यापक और भावना प्रधान भी था, केशव प्रसाद मौर्य के पिताश्री श्यामलाल मौर्य का श्रद्धांजलि ‌चित्र इस भावना को समझने के लिए काफी है। वहां मौजूद क्षेत्रवासियों में उनके संघर्षशील और अभाव के जीवन की बहुत चर्चा रही। उन्होंने चाय की गुमटी लगाकर जीवन यापन से लेकर परिवार को सुसंस्कृत बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। क्षेत्रवासियों का कहना था कि इसी प्रकार केशव प्रसाद मौर्य का भी संघर्ष रहा है और उन्होंने विश्वहिंदू परिषद, विद्यार्थी परिषद, संघ और हिंदुत्व के लिए गंभीर और झूंठे मुकद्में तक झेले हैं। बहरहाल आरिष्टी कार्यक्रम में विशिष्ट आगंतुकों में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी, बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल, केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा, निरंजन ज्योति, उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्री शामिल हैं। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने इस अवसर पर श्रद्धांजलिपूर्वक अपने उद्गार भी व्यक्त किए।
सिराथू में आरिष्टी कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह, सूर्यप्रताप शाही, ब्रजेश पाठक, सत्यदेव पचौरी, स्वामी प्रसाद मौर्य, चेतन चौहान, सुरेश राणा, सतीश महाना, आशुतोष टंडन, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा, राज्यमंत्री अतुल गर्ग सहित करीब तीन दर्जन मंत्री, उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दूबे, प्रमुख सचिव खादी नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव लोकनिर्माण, अधिकारीगण, प्रयागराज हाईकोर्ट के अनेक अधिवक्ता, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश द्विवेदी, सांसद विनोद सोनकर, पत्रकार, संत समाज से संत स्वामी विद्यानंद, महंत लक्षमण दास, राधाप्रसाद देवजू महाराज, भाजपा के आनुषांगिक संगठनों के नेता और कार्यकर्ता, उत्तर प्रदेश भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के पदाधिकारी, यूपी भाजपा के प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव हरीशजी, राकेश त्रिपाठी, तरुणकांत त्रिपाठी, चंद्रमोहन, नवीन श्रीवास्तव, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी एवं स्वयंसेवकों की उपस्थिति उल्लेखनीय है। आरिष्टी में आगंतुकों का उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आभार व्यक्त किया।

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