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नारायण दत्त तिवारी पंचतत्व में विलीन हुए

लखनऊ में दर्शन कार्यक्रम और उत्तराखंड में अंत्येष्टि

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में शोक और संवेदनाएं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 21 October 2018 03:49:14 PM

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हल्द्वानी (उत्तराखंड)। कांग्रेस के शीर्ष नेता और विकासपुरुष के नाम से विख्यात नारायण दत्त तिवारी का आज पूरे रीति रिवाज़ के साथ हल्द्वानी में गोलानदी के तट चित्रशिला घाटपर अंतिम संस्कार कर दिया गया। कल दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट लाया गया, वहां से विशेष वाहन से पार्थिव शरीर विधानभवन लाया गया और विधानभवन के मुख्यद्वार के हॉल में दर्शनार्थ रखा गया था। कल लखनऊ में विधानभवन में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए परिजन, राजनेता, नेता, बुद्धिजीवी, पत्रकार और शुभचिंतक उमड़े। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही पुलिस ने रामधुन बजाई। इस मौके पर उपस्थित विधानसभाध्यक्ष ह्दयनारायण दीक्षित, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित विभिन्न महानुभावों ने पुष्पचक्र और पुष्प अर्पित कर नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी, एक-एक कर लोगों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके पश्चात फिर उसी विशेष वाहन से पार्थिव शरीर को पंतनगर ले जाने के लिए एयरपोर्ट ले जाया गया।
नारायण दत्त तिवारी के पुत्र रोहित शेखर ने उन्हें मुखाग्नि दी। गौरतलब है कि नारायण दत्त तिवारी की जन्मस्थली उत्तराखंड है और वे उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के भी मुख्यमंत्री रहे हैं। नारायण दत्त तिवारी का उत्तराखंड के विकास में अतुल्नीय योगदान माना जाता है। काठगोदाम सर्किटहाउस में उनका शरीर दर्शनार्थ रखा गया था, वहां से उनकी शवयात्रा हल्द्वानी में रानीबाग के चित्रशिला घाट पर पहुंची, तबतक उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वहां पहाड़ उमड़ पड़ा था। उत्तराखंड के छोटे-बड़े नेता अंतिम संस्कार में शामिल हुए और उनके पार्थिव शरीर को कंधा ‌दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे और नारायण दत्त तिवारी के घोर राजनीतिक विरोधी रहे हरीश रावत भी उन्हें भावविह्वल अवस्‍था में कंधा देते देखे गए। हरीश रावत कह रहे थे कि तिवारीजी ने हमें राजनीति सिखाई है। उनकी शवयात्रा में नारायण दत्त तिवारी अमर रहे के नारे लग रहे थे। उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्‍थानों और लखनऊ से भी लोग शवयात्रा में शामिल हुए।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा ह्दयेश, विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह, उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट, उत्तराखंड सरकार के वित्तमंत्री प्रकाश पंत, उत्तराखंड के परिवहन मंत्री यशपाल सिंह, उद्यानमंत्री सुबोध उनियाल, उच्चशिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ‌हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व सांसद केसी बाबा, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, विधायक रामसिंह केड़ा, विधायक राजेश शुक्ला, विधायक वंशीधर भगत और बड़ी संख्या में कांग्रेस एवं भाजपा के नेता और कार्यकर्ता एवं परिजन नारायण दत्त तिवारी की अंत्येष्टि में शामिल हुए। अंतिम संस्कार स्‍थल पर नारायण दत्त तिवारी के राजनीति और विकास में योगदान की चर्चा होती रही और यह प्रसंग भी आया कि यदि नैनीताल नारायण दत्त तिवारी को उस वक्त लोकसभा चुनाव जिता देता तो नारायण दत्त तिवारी देश के प्रधानमंत्री हो गए होते। कुछ लोग यह कहते सुने गए कि उन्होंने जो पहाड़ ‌को दिया, पहाड़ उनका कर्ज नहीं उतार सकता।

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