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लखनऊ पुलिस ने किया निर्दोष का एनकाउंटर?

यूपी ही नहीं बल्‍कि देशभर में पुलिस के खिलाफ ग़ुस्सा

हत्यारे सिपाही जेल भेजे गए और बर्खास्त भी हुए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 29 September 2018 11:49:46 PM

vivek tiwari and prashant choudhary

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक बदनाम गश्ती सिपाही ने राजधानी लखनऊ में एपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की कल रात उसकी कार पर सामने से गोली मारकर हत्या कर दी। गोमतीनगर थानाक्षेत्र की रात के करीब एक डेढ़ बजे की ये वारदात है। जानकारी के अनुसार विवेक तिवारी देररात तक चले एपल मोबाइल लॉच कार्यक्रम के बाद अपनी सहकर्मी सना को उसके घरतक छोड़ने जा रहे थे कि रास्ते में बाइक पर सवार दो गश्ती पुलिसकर्मियों ने उसे रोका। अभी तक हत्या का जो कारण सामने आ रहा है, उसके पीछे इन सिपाहियों का विवेक तिवारी के साथ एक लड़की देखकर उससे जबरन अवैध वसूली का प्रयास था, जिसमें झड़प हुई और सिपाही प्रशांत चौधरी ने सामने से तड़ाक से सर्विस रिवाल्वर से गोली चला दी, जो कार का शीशा भेदकर सीधे विवेक तिवारी की ठोढ़ी से होते हुए सिर में धंस गई, परिणामस्वरूप और समय से उपचार न मिलने के करीब एक डेढ़ घंटे के बाद विवेक तिवारी ने दम तोड़ दिया। इस क़त्ल पर यूपी पुलिस के खिलाफ जनसामान्य भारी ग़ुस्से में है और सरकार बैकफुट पर है।
विवेक तिवारी की लोमहर्षक हत्या का सबसे भयावह और अमानवीय पक्ष यह सामने आया है कि ‌दोनों हत्यारे सिपाही वारदात को अंजाम देने के बाद और हत्या को टक्कर बनाते हुए अपनी बाइक को विवेक तिवारी की कार से टक्कर मारकर उसे क्षतिग्रस्त करके वहां से भाग लिए और विवेक तिवारी की सहकर्मी सना ने जब वहां से गुजर रहे राहगीरों को सहायता के लिए रोकने का प्रयास किया तो कोई नहीं रुका। काफी देर बाद पुलिस वहां पहुंची और विवेक तिवारी को ट्रामा सेंटर ले जाया गया। पुलिस वहां भी तुरंत इलाज शुरू कराने के बजाय नौटंकी ही करती रही, इस चक्कर में इलाज तुरंत शुरू नहीं हो सका और थोड़ी देर बाद विवेक तिवारी ने दम ही तोड़ दिया। विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी को हत्या की जानकारी भी पुलिस से नहीं, बल्कि ट्रामा सेंटर से किसी व्यक्ति से ऐसे मिली कि विवेक तिवारी एक एक्सीडेंट में घायल हो गया है और उसकी पट्टी की जा रही है। विवेक तिवारी की पत्नी ट्रामा सेंटर पहुंची तो कोई बताने को तैयार नहीं हुआ कि विवेक तिवारी कहां है, बहुत देर बाद पता चला कि उसकी तो मौत भी हो चुकी है। विवेक तिवारी की सहकर्मी सना को पुलिस अपने कब्जे में ले चुकी थी और उसको उसके घर पहुंचाकर उसके घर पुलिस का सख्त पहरा बैठाया जा चुका था, ताकि उससे कोई नहीं मिल सके और खासतौर से उससे मीडिया न मिल सके। यह रणनीति किस पुलिस अधिकारी की रही, यह बाद में पता चला कि इसके पीछे एसएसपी कलानिधि नैथानी थे, जो घटना की जानकारी होने के बाद से ही दिनभर मामले पर लीपापोती और ग़लत बयानी करते दिख रहे हैं, लेकिन वह इसमें पूरी तरह से एक्सपोज़ हो चुके हैं।
राजधानी लखनऊ की इस लोमहर्षक हत्या ने आज उत्तर प्रदेश को ही नहीं बल्कि देशभर को इस कदर झकझोर कर रख दिया है कि भारतीय सेना की पाकिस्तान पर सफल सर्जिकल स्ट्राइक के एक साल पूरा होने पर मनाए जा रहे भारतीय सेना के शौर्य दिवस की चमक जाती रही और विवेक तिवारी हत्याकांड देश की सबसे बड़ी ख़बर बन गया। सोशल मीडिया पर पुलिस की यह कायराना वारदात सबसे ज्यादा वायरल हो रही है और समाचार चैनल केवल इसी ख़बर को हत्या के अपडेट के साथ चला रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने इसे प्योर हत्या माना है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए इसे एनकाउंटर मानने से इंकार किया है। इस वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य अभियुक्त सिपाही प्रशांत चौधरी और उसके सहयोगी सिपाही संदीप कुमार के खिलाफ हत्या का मुकद्मा दर्जकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और देरशाम इन दोनों को पुलिस सेवा से बर्खास्त भी कर दिया गया है। दूसरी और योगी सरकार ने मामले को तूल पकड़ते देखते हुए पीड़ित पक्ष को मुआवजा देने की घोषणा की है। यह मामला बहुत तेजी से बहुत गंभीर मोड़ ले रहा है। शामतक यूपी पुलिस गंभीर आलोचनाओं घिर चुकी थी। पुलिस के अधिकारी अपने एक सिपाही के कुकृत्य के लिए पीड़ित परिवार से क्षमायाचना कर रहे थे। विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी और परिवार के बाकी सदस्य भारी सदमें में हैं। सारे घर परिवार और जानने वालों में कोहराम मचा है।
विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल किया है कि उन्होंने क्या यह दिन देखने के लिए भाजपा को वोट दिया था? कल्पना तिवारी ने पुलिस और मुख्यमंत्री पर सवालों की झड़ी लगा रखी है। विवेक तिवारी निर्दोष था, वह एक नेक और काबिल इंसान था, वह कोई अपराधी नहीं था, फिर सिपाही ने उसपर सीधे गोली क्यों चलाई? वह पुलिस को देखकर कार दौड़ा रहा था तो उसको रोकने के और भी तरीके थे, लेकिन मामला देररात में लड़की देखकर उनसे अवैध वसूली का था, जिसपर झड़प हुई और सिपाही ने गोली चला दी। कल्पना तिवारी के घर एक संवेदना और सहानुभूति प्रकट करने वालों का तांता लगा है। विवेक तिवारी की पत्नी के पास सरकार के मंत्री, अधिकारी, राजनेता और पुलिस अधिकारी पहुंच रहे हैं। इस घटना से पुलिस और सरकार निरुत्तर है और किसी को नहीं सूझ रहा है कि क्या कहें और क्या न कहें। भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा सभी राजनीतिक दलों की ओर से पुलिस द्वारा एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या की घोर निंदा के बयान आ रहे हैं। लखनऊ पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोगों में बहुत गुस्सा है। आज दिनभर का यह घटनाक्रम बहुत आक्रोशपूर्ण रहा। दोपहर से सरकार कह रही है, लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी कह रहे हैं कि दोनों सिपाही जेल भेज दिए गए हैं, जबकि गोमतीनगर थाने में मुख्य आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और उसकी सिपाही पत्नी, विवेक तिवारी और सना का चरित्र उछालकर अपने को निर्दोष बताते हुए हंगामा काटते हुए मीडिया को बाइट दे रहे हैं। वह अपने बचाव में उल्टे विवेक तिवारी पर ही टक्कर मारने का आरोप मढ़ रहा है।
आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी घायल होने की नौटंकी कर रहा है, विवेक तिवारी पर गाड़ी चढ़ाकर मारने का प्रयास करने की झूंठी एफआइआर दर्ज कराना चाहता है। उसकी सिपाही पत्नी भी अनुशासन की हदें पारकर हत्यारे पति को सही ठहरा रही है। वह वह कह रहा है कि विवेक तिवारी उसपर अपनी कार चढ़ाकर और उसकी बाइक को बार-बार टक्कर मारकर उसकी हत्या करना चाहता था। सिपाही की पत्नी ने ऐसे ऊधम मचाया हुआ है कि जैसे वह घटना की चश्मदीद हो। वह विवेक तिवारी और उसकी सहकर्मी सना पर चरित्रहीनता का आरोप लगा रही है। आश्चर्य की बात है कि किसी भी पुलिस अधिकारी ने इन दोनों को थाने में उदंडता करने से नहीं रोका। दोनों सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को देरशाम जेल भेजा गया। उत्तर प्रदेश पुलिस को शर्मसार कर देने वाली यह घटना सोशल मीडिया पर बहुत तेज़ी से वायरल हो रही है। योगी सरकार के लिए यह घटना शर्मनाक और बेहद घातक सिद्ध हो रही है। लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी इस हत्याकांड पर पुलिस के झूंठ की लीपापोती करते दिख रहे हैं। इस मामले में उनकी कार्यप्रणाली ने लखनऊ पुलिस को और भी नीचा दिखाया है। कहा जाता है कि विवेक की सहकर्मी सना पर उन्होंने दबाव बनाया हुआ है। उसके घरपर पुलिस का सख्त पहरा है।
पुलिस का दबाव निष्फल हो जाने के बाद वह मीडिया के सामने इस घटना का सच बताने सामने आई और उसने बताया कि इन सिपाहियों ने कैसे रोका, ‌कैसे गोली चलाई, कैसे अस्पताल लेकर गए और उसको पुलिस ने कैसे दबाव में लेने की कोशिश की। सना एक बहादुर लड़की है। वह कह रही है कि वह किसी के दबाव में नहीं आएगी और सच बोलेगी। सह साफ-साफ कह रही है कि सिपाही ने विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या की है, जबकि एसएसपी लखनऊ ने आज जब मीडिया से कहा कि यह एक दुर्घटना है तो उनके कथन ने आग में घी डालने जैसा काम किया है। उन्होंने बताया कि घटना शुक्रवार रात की है, जो लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में हुई। विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में गोली लगने की पुष्टि हुई है। आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी ने आज कईबार बयान बदले। पहले उसने कहा था कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, क्योंकि कार सवार ने हमारी बाइक को टक्कर मारी थी, लेकिन विवेक तिवारी की सहयोगी सना का कहना है कि पुलिस ने हत्या की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कह रहे हैं कि जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच करवाएंगे।

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