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नया दौर पत्रिका के अटल विशेषांक का विमोचन

राज्यपाल ने सराहा अटलजी की कविताओं का उर्दू अनुवाद

'देश की भाषाएं एक-दूसरे को जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं'

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Sunday 9 September 2018 09:38:29 PM

releasing the atal specialty of the naya daur magazine

लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश की विख्यात मासिक उर्दू साहित्य पत्रिका नया दौर के अटल विशेषांक का आज राजभवन में विमोचन किया और इस प्रयास की सराहना की। नया दौर पत्रिका अगस्त 2018 का यह विशेषांक भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया गया है, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं और उनके आलेखों को उर्दू में अनुवादित करके प्रकाशित किया गया है। अटल परिशिष्ट में 34 ग़ैर मुस्लिम समकालीन उर्दू कवियों एवं लेखकों की उत्कृष्ट रचनाओं का भी समावेश किया गया है।
राज्यपाल राम नाईक ने अटल विशेषांक विमोचन पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अटलजी की कविताओं का उर्दू अनुवाद एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि अटल विशेषांक में रत्न सिंह, गुलजार दहेलवी, खुशबीर सिंह शाद, नलिनी विभा, श्रीकृष्ण भावुक, सिया सचदेवा आदि कवियों एवं लेखकों की कृतियों को शामिल करके यह बताने का अच्छा प्रयास किया गया है कि उर्दू केवल मुसलमानों की भाषा नहीं है, वास्तव में उर्दू भाषा हिंदी की छोटी बहन है। उन्होंने कहा कि अटलजी की उर्दू में अनुवादित कविताओं को उर्दू भाषियों तक पहुंचाने का ‘नया दौर’ ने सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि समाज के सामने यह लाने की जरूरत है कि भाषाएं एक-दूसरे को जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं।
राम नाईक ने अटल बिहारी वाजपेयी से अपने पांच दशक के संबंध का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सहजता ही उनकी विशेषता थी और उनमें लोगों को अपना बनाने की कला थी। उन्होंने कहा कि कविता पढ़ने का उनका विशेष अंदाज था। उन्होंने कहा कि अटलजी लखनऊ से सांसद रहे, तीन बार प्रधानमंत्री बने पर उन्होंने लखनऊ में अपना कोई निजी मकान नहीं बनाया। राम नाईक ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में राजभवन लखनऊ को अनेक बार उनके आतिथ्य का अवसर मिला। राज्यपाल ने अपना संस्मरण सुनाया और बताया कि 1994 में जब उन्हें कैंसर का पता चला, तब अटलजी विपक्ष के नेता थे, इस बीमारी की जानकारी देते हुए मैने अटलजी को अपनी जिम्मेदारियों से इस्तीफा सौंपा तो अटलजी ने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय पर प्रोत्साहित करना कोई अटलजी से सीखे।
सूचना निदेशक डॉ उज्जवल कुमार ने राज्यपाल को बताया कि नया दौर काफी लोकप्रिय पत्रिका है, जिसकी लगभग 3,500 प्रतियां प्रतिमाह प्रकाशित की जा रही हैं। सूचना निदेशक ने कहा कि अटलजी पर आधारित यह विशेषांक उर्दू साहित्य के शोधार्थियों के काम आएगा। उन्होंने इस अवसर पर नया दौर की सम्पादकीय टीम की सराहना भी की। इस अंक में ऑस्कर, ग्रेमी अवार्ड एवं दर्जनों पुरस्कार प्राप्त करने वाले विश्वविख्यात गीतकार गुलजार की ‘ऩज्में’ भी प्रकाशित की गई हैं। इस अवसर पर नया दौर पत्रिका के सम्पादक सुहैल वहीद, उर्दू प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आकाशवाणी प्रतुल जोशी, प्रवेश मलिकजादा, तारिक कमर, रफत नईम, सलीम अहमद, वकार रिज़वी, विशिष्टजन भी उपस्थित थे।

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