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यूनेस्को को भारत में मिली 37वीं विश्व धरोहर

मुंबई के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको इंसेबल्स

बहरीन के मनामा में विश्व धरोहर संपदा घोषित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 1 July 2018 02:33:52 PM

victorian gothic of mumbai

मुंबई। यूनेस्को को एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूपमें भारत में 37वां विश्व धरोहर स्थल मिल गया है। बहरीन के मनामा में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 42वें सत्र में भारत की आर्थिक राजधानी के रूपमें विख्यात मुंबई शहर के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स को यूनेस्को की विश्व धरोहर संपदा की सूची में संरक्षण हेतु शामिल किया गया है। विश्व धरोहर समिति वर्ष में एकबार बैठक करती है, जिसमें वह मौजूदा विश्व धरोहर स्थलों के प्रबंधन पर विचार-विमर्श करके देशों से आए नामांकन को स्वीकार करती है। विश्व धरोहर समिति की अनुशंसा पर भारत ने मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स का नया नाम भी स्वीकार कर लिया है। दक्षिण मुंबई में विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको भवन दुनिया की सबसे बड़ी भवन श्रृंखला में शामिल हैं। बांबे हाईकोर्ट का भवन विक्टोरियन गोथिक शैली का बेहतरीन उदाहरण है, जबकि मुंबई की आर्ट डेको बिल्डिंग में आवासीय भवन, व्यवसायिक दफ्तर, अस्पताल, मूवी थियेटर आदि आते हैं। इसी क्षेत्र में रीगल और इरोस सिनेमा घर है। इरोज सिनेमा का भवन आर्ट डेको शैली में बना हुआ है।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा ने इस ऐतिहासिक क्षण पर मुंबईवासियों और पूरे देश को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह मुंबई के इतिहास और उसकी विरासत के लिए एक बड़ी पहचान है। डॉ महेश शर्मा ने कहा कि भारत की प्राचीन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत विश्वभर में आकर्षण का केंद्र है, जिसे जानने, देखने और समझने के लिए दुनियाभर से लोग यहां भ्रमण को एकबार जरूर आना चाहते हैं। राज्यमंत्री ने कहा कि भारत की ऐतिहासिक धरोहरों में भारतीय समाज एवं उसके बहुधार्मिक, बहुभाषी और मिश्रित कला- संस्कृतियों का अनूठा संगम देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत, विश्व में पर्यटकों के लिए एक खास और रोमांचकारी पर्यटन गंतव्य के रूपमें जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्धशाली विशेषताएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन विकास को प्राथमिकता देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई परियोजनाओं एवं डिज़िटल पहलों की शुरूआत की है, जो विश्वभर के पर्यटकों को यहां पर्यटन भ्रमण हेतु सहायता एवं सुविधाओं से संबंधित तमाम जानकारियां प्रदान करते हैं।
गौरतलब है कि यूनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों को कहा जाता है, जिन्हें विश्व विरासत स्थल समिति चयनित करती है और यही समिति इन स्थलों की देखरेख यूनेस्को के तत्वावधान में करती है। यूनेस्को यानी संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन के इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है, जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। यूनेस्को प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाता है, इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पूरे विश्व में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जागरुकता लाई जा सके। कुछ खास परिस्थितियों जैसे देखरेख, उनके संरक्षण के लिए यह समिति आर्थिक सहायता भी देती है।
भारत मानदंड (2) एवं (4) के तहत जैसाकि यूनेस्को के संचालनगत दिशा-निर्देशों में निर्धारित किया गया है, मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल को विश्व धरोहर संपदा की सूची में अंकित करवाने में सफल रहा है। विश्व में भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से देश का मुंबई शहर, गुजरात के अहमदाबाद शहर के बाद देश में ऐसा दूसरा शहर बन गया है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर संपदा की सूची में शामिल हो गया है। इसके अतिरिक्त भारत के 42 स्थल विश्व धरोहर की प्रायोगिक सूची में हैं और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय प्रत्येक वर्ष यूनेस्को को नामांकन के लिए एक सम्पत्ति की अनुशंसा करता है।

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