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मोदी का बयान बेतुका व अस्वीकार्य-भीम सिंह

'इंदिरा गांधी देश की हीरो व देशभक्त की तरह कुर्बान हुईं'

'कानून के शासन के लिए लगाई थी देश में इमरजेंसी'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 27 June 2018 05:14:08 PM

prof. bhim singh

जम्मू। नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष एवं पंद्रह वर्ष से अधिक समय तक जम्मू-कश्मीर के विधायक रहे प्रोफेसर भीम सिंह ने देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी के भारत में प्रजातंत्र को मजबूती देने के उनके योगदान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि 1971 में पाकिस्तान पर भारत की जीत अद्वितीय एवं ऐतिहासिक थी और यह इंदिरा गांधी ही थीं, जिनके मजबूत संकल्प के कारण बांग्लादेश अस्तित्व में आया, यह इंदिरा गांधी ही थीं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान की दुश्मनी की तलवार से बचाया और 1975 में कश्मीर के ताकतवर नेता शेख अब्दुल्ला को काबू में किया, 1977 में जम्मू-कश्मीर में तिरंगा ध्वज फहराया, इंदिरा गांधी के आशीर्वाद से तब शेख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बन सके। प्रोफेसर भीमसिंह ने कहा कि कश्मीर के लोग राष्ट्रीय ध्वज और लोकतंत्र के प्रति उस समय तक वचनबद्ध थे, जब तक जम्मू-कश्मीर में सत्ता की बागडोर नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के हाथ में नहीं आई।
प्रोफेसर भीमसिंह ने इंदिरा गांधी पर हमलावर बयानबाज़ी का कड़ा प्रतिवाद किया है। उन्होंने कहा कि यह श्रीमती गांधी ही थीं, जिन्होंने श्रीनगर के सैंट्रल लॉन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की वापसी के लिए पूर्ण समर्थन की घोषणा की, यह इंदिराजी ही थीं, जिन्होंने प्रजातंत्र को बचाने, कानून के शासन को कायम रखने के लिए ही आपातकाल की घोषणा की थी, हालांकि इसमें कोई शक नहीं कि आपातकाल के दौरान कुछ गलतियां भी हुईं। उन्होंने कहा कि वे उस समय युवा कांग्रेस के महासचिव थे और इंदिरा गांधी ने भारत के गरीब समाज के कल्याण और विकास के लिए पूरी वचनबद्धता के साथ काम किया। उन्होंने कहा कि उस समय आरएसएस जैसे कई समूह स्वेच्छा से युवा कांग्रेस में शामिल हुए, जिसका मैं खुद गवाह हूं, उनमें से कई अलग-अलग राज्यों में विधायक बन चुके हैं।
प्रोफेसर भीम सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश में उस समय आपातकाल लगाया, जब पूरे देश को कई राजनेताओं और व्यापारियों से खतरा था और देश की ट्रेनों और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली ठप हो गई थी, आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कुछ ठगों की वजह से आसमान छू रही थीं। उन्‍‌होंने कहा कि यह इंदिरा गांधी का ही साहसिक काम था, जब वे शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के जनाजे में राष्ट्रीय ध्वज के साथ पहुंची थीं, वह धमकियों के बावजूद कब्रिस्तान भी पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी भारत देश की एक हीरो और एक देशभक्त की तरह कुर्बान हुईं, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी अपनी मातृभूमि पर न्यौछावर कर दी, वह हमेशा हमारी यादों में जिंदा रहेंगी।
नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष प्रोफेसर भीम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने इंदिरा गांधी के खिलाफ जिस तरह ज़हर उगला, वह देश को अच्छा नहीं लगा है, इंदिरा गांधी जैसे साहसिक कदम उठाने का उनका कोई सानी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पंजाब को कुछ नाराज़ युवाओं के क्रोध से बचाया, जिन्होंने पंजाब को बचाया, इस देश को विदेशी षड्यंत्र से बचाया, जब भारतीय सेना ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा और वहां निर्दोष लोगों का जीवन बचाने के लिए मार्च किया, यह बेहद मुश्किल मिशन था, उस समय ब्लू स्टार ऑपरेशन स्वर्ण मंदिर, पूरे पंजाब और देश को विदेशी शक्तियों की साजिश से बचाने के लिए जरूरी था, उस समय अकेली इंदिरा गांधी थीं, जिन्होंने पूरे देश की रक्षा में वह कठिन भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी और कुछ गैर कांग्रेसी राजनीतिक दलों ने भारत में आपातकाल के खिलाफ लोकतंत्र विरोधी दिवस मनाया है और इस अवसर पर देशभर में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस की कड़ी आलोचना की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो आपातकाल को लोकतंत्र पर काला धब्बा तक कहा है। उन्होंने मुंबई में न्यू मरीन लाइंस के बिरला मातोश्री सभागार में आयोजित आपातकालः लोकतंत्र पर आघात को संबोधित किया और कहा कि गांधी परिवार ने देश में डर का माहौल पैदा किया है। भारतीय जनता पार्टी के अनेक मंत्रियों और नेताओं ने कल इंदिरा गांधी और आपातकाल के खिलाफ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। राजनीतिक विश्लेषणकर्ताओं ने इंदिरा गांधी के खिलाफ भाजपा एवं अन्य दलों के आरोपों को विषवमन कहा है और माना है कि भाजपा तो अपने लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है, मगर उसके इंदिरा गांधी पर आक्षेप जरूरत से ज्यादा हैं, क्योंकि इंदिरा गांधी उस समय की विश्व विख्यात और दृढ़ निश्चयी निर्णय लेने वाली राजनेता थीं।

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