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जेईई 2013 परीक्षा को उच्च न्यायालय में चुनौती

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Monday 25 February 2013 09:18:54 AM

नई दिल्ली। मास्टर के कीरती और अन्य ने अंडर ग्रेजुएट कार्यक्रमों में दाखिले के लिए सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में होने वाली प्रवेश परीक्षा जेईई 2013 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उन्होंने 'कक्षा 12वीं/ संबंधित बोर्ड द्वारा आयोजित समकक्ष परीक्षा में सफल उम्मीदवारों के 20 परसेंटाइल के भीतर' के नियम के आधार पर 2013-2014 के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में दाखिले को विनियमित करने समेत जेईई 2013 की अधिसूचना निलंबित करने की मांग की है।
इस 2012 की रिट याचिका संख्या 32533 में न्यायमूर्ति एल नरंसिम्हा रेड्डी ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा है कि 'यह न्यायालय इस दावे पर सहमत नहीं है कि परसेंटाइल व्यवस्था असंवैधानिक है।' हालांकि न्यायामूर्ति ने बताया कि आंध्र प्रदेश में इंटरमीडिएट पाठ्यक्रम दो वर्ष की अवधि का है और विद्यार्थी के प्राप्त अंक पहले तथा दूसरे साल के कुल अंकों पर आधारित होते हैं। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता जब पहले वर्ष में पढ़ रहे थे, तो उन्हें प्रस्तावित व्यवस्था के बारे जानकारी नहीं थी। उन्होंने उत्तरदायी लोगों को निर्देश दिया है कि वे याचिकाकर्ता को इससे हुए नुकसान की जांच करें।
जेईई (एडवांस्ड)-2013 के संयुक्त प्रवेश बोर्ड (जेएबी) ने न्यायमूर्ति के अध्ययनों और निर्देशों पर गौर किया तथा जेएबी ने स्पष्ट किया 'यह सच्चाई है कि आंध्र प्रदेश के साथ-साथ कुछ अन्य राज्य बोर्ड कुल अंकों के लिए 11वीं और 12वीं कक्षा दोनों के परिणामों का इस्तेमाल करते हैं, जबकि कुछ अन्य राज्य बोर्ड केवल 12वीं कक्षा के परिणाम को देखते हैं। इसका राज्य बोर्ड के सभी विद्यार्थियों पर कोई असर नहीं होता, क्योंकि विद्यार्थियों को परसेंटाइल रैंक इस आधार पर मिलता है कि उनका प्रदर्शन उसी वर्ष में उसी बोर्ड के तहत परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों की तुलना में कैसा रहता है।
जहां तक 2013 में आंध्र प्रदेश में 12वीं कक्षा की परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों की बात है, तो उनके परीक्षा के परिणामों की तुलना केवल उन्हीं विद्यार्थियों से होगी, जो 2013 में परीक्षा देते हैं। वर्ष 2012 के विद्यार्थियों का प्रदर्शन और यह तथ्य कि वे 60 प्रतिशत नियम से शासित होंगे, उसका 2013 के विद्यार्थियों के परसेंटाइल रैंक पर कोई असर नहीं होगा। इस बैच के सभी विद्यार्थियों ने बिना नए नियम जाने 11वीं कक्षा की परीक्षा दी है, इसलिए किसी को कोई लाभ या नुकनान नहीं होगा। अत: जेएबी को लगता है कि प्रस्तावित योजना को बदलने की कोई जरूरत नहीं है।
इस बारे में जेएबी के अध्यक्ष, जेईई (एडवांस्ड)-2013 के आयोजन निदेशक को सूचित किया गया है कि आंध्र प्रदेश बोर्ड शीर्ष 20 परसेंटाइल की गणना के लिए अलग से 12वीं कक्षा के अंक उपलब्ध कराएगी तथा इस संबंध में न्यायमूर्ति की चिंता को ध्यान में रखा जाएगा।

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