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सत्रह को अपनी माटी की संगोष्ठी

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Tuesday 12 February 2013 08:08:14 AM

चित्तौड़गढ़। साहित्य और संस्कृति की ई-पत्रिका अपनी माटी की ओर से सत्रह फरवरी को चित्तौड़गढ़ में एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी में मुख्य रूप से युवा उपन्यासकार अशोक जमनानी शिरकत करेंगे। गौरतलब है कि अशोक जमनानी का नया उपन्यास खम्मा भी हाल ही में प्रकाशित हुआ है और इसकी पृष्ठभूमि में हाशिए के लोगों में शुमार राजस्थान के मांगनियार कलाकार हैं। वे कहानी के माध्यम से महलों और झोंपड़ोंके बीच की दूरी पाटने का हल दे ने की कोशिश करते नज़र आते हैं। सेंट्रल अकादमी सीनियर स्कूल में शाम चार बजे समारोह में खम्मा का विमोचन होगा। अतिथि के रूप में कवि और युवा कथाकार योगेश कानवा और स्पिक मैके सलाहकार हरीश लड्ढा रहेंगे वहीं अपनी माटी के इतिहास और योजनाओं पर पर संपादन मंडल सलाहकार डॉ एएल जैन विचार रखेंगे।
संगोष्ठी का विषय उपन्यास परंपरा और हाशिए के लोग है। आमंत्रित वक्ताओं में जहां बीज वक्तव्य युवा विचारक डॉ रेणु व्यास देंगी वहीं ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा जूठन पर युवा समीक्षक डॉ कनक जैन, शिवमूर्ति के उपन्यास तर्पण पर हिंदी प्राध्यापक डॉ राजेश चौधरी, खम्मा पर युवा आलोचक डॉ राजेंद्र कुमार सिंघवी समीक्षात्मक टिप्पणियां देंगे। बाद के सत्र में अशोक जमनानी अपने उपन्यास के अंश पढ़ेंगे और पाठकों के साथ संवाद भी करेंगे।
अंत में कवि और समालोचक डॉ सत्यनारायण व्यास समग्र वक्तव्य देंगे। संगोष्ठी के सूत्रधार जेसीज के सचिव अश्लेश दशोरा, विकास अग्रवाल, शोधार्थी प्रवीण कुमार जोशी, शेखर चंगेरिया, युवा कवयित्री कृष्णा सिन्हा, स्वतंत्र लेखक नटवर त्रिपाठी और राजस्थानी रचनाकार जयसिंह राजपुरोहित रहेंगे।

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