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श्री अमरनाथ यात्रा पर सावधानियां बरतें!

श्राइन बोर्ड ने जारी किया जरूरी स्वास्थ्य परामर्श

ऊंचाई पर स्वास्थ्य लक्षण की अनदेखी न करें

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 19 March 2016 06:07:01 AM

shri amarnath yatra

जम्मू। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है कि ऊंचाई पर होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए वे क्या करें। श्री अमरनाथजी की पवित्र गुफा की यात्रा के दौरान 14000 फुट तक की ऊंचाई तक चढ़ाई करनी पड़ती है, यात्री इस ऊंचाई के कारण बीमार भी पड़ सकते हैं। श्री अमरनाथजी की यात्रा के दौरान ऊंचाई पर होने वाली परेशानियों में यदि ये लक्षण प्रकट होते हों तो यात्री उनका तत्काल संज्ञान लें और तुरंत चिकित्सक के संपर्क में आएं। ये लक्षण हैं-भूख न लगना, मतली, उल्टी, थकावट, कमजोरी, चक्कर आना और सोने में कठिनाई, देखने में बाधा, मूत्राश्य का ठीक से कार्य न करना, आंतों का ठीक से काम न करना, गतिविधियों में तालमेल न रहना, शरीर के एक हिस्से में लकवा, चेतना का लोप हो जाना और मानसिक स्थिति में बदलाव, सुस्ती, सीने में जकड़न, कंजेशन, तेजी से सांस लेना और हृदय की धड़कन बढ़ना। यदि ऊंचाई के कारण हुई तकलीफ का फौरन इलाज नही हो सका तो वह चंद घंटों में जानलेवा साबित हो सकती है।
स्वास्थ्य परामर्श के अनुसार यात्रा की तैयारी करने के लिए शारीरिक तौर पर चुस्त-दुरुस्त रहें। यात्रा से कम से कम एक महीना पहले तैयारी के तौर पर 4-5 किलोमीटर सुबह-शाम की सैर शुरू करें। योग के माध्यम से शरीर की ऑक्सीजन संबंधी दक्षता को बेहतर बनाने के लिए गहरी सांस लेने का अभ्‍यास करें। विशेषकर प्राणायाम शुरू कीजिए। ऊंचाई पर जाने से पहले अपने चिकित्सक से शारीरिक जांच कराएं, कहीं आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी तो नहीं। ऊंचाई पर चढ़ते समय धीमे चलें और ढलान आने पर कुछ देर आराम करने के लिए रुकिए। अपनी सामान्य क्षमता से अधिक बल लगाने से बचिए। विविध स्थानों पर आवश्यक तौर पर आराम के लिए रुकिए, टाइम लॉगिंग सुनिश्चित कीजिए और अगले स्थान की ओर बढ़ते समय डिस्प्लै बोडर्स पर अंकित चलने के आदर्श समय जितना ही वक्त लगाइए। ऊंचाई पर होने वाली तकलीफों के लक्षण दिखते ही फौरन निचले स्तर पर उतर आइए। चिकित्सा सुविधा हर दो किलोमीटर पर उपलब्ध कराई गई है।
अमरनाथ यात्री कोई भी दवा लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लीजिए। पानी की कमी और सिरदर्द से बचने के लिए खूब पानी पीजिए। एक दिन में लगभग 5 लीटर पानी पीजिए। थकान और लो ब्लड शुगर लेवल से बचने के लिए कार्बोहाइड्रेड काफी मात्रा में लीजिए। अपने साथ पोर्टेबल ऑक्सीजन ले जाइए। सांस लेने में तकलीफ होने पर इससे मदद मिलेगी। यदि अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्राप्त करने के कुछ हफ्ते बाद आपके स्वास्थ्य में कोई बदलाव दिखाई देता है तो यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बार फिर अपने चिकित्सक से परामर्श लीजिए। ऊंचाई पर होने वाली तकलीफों के किसी भी प्रकार के लक्षण या कोई अन्य असुविधा होने पर फौरन नजदीकी चिकित्सा सुविधा से संपर्क कीजिए। ऊंचाई पर होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए क्या न करें?
ऊंचाई पर होने वाली तकलीफों के लक्षणों को नजरंदाज न करें। अल्कोहल, कैफीन वाले उत्पादों का सेवन अथवा धूम्रपान न करें। यदि आपको ऊंचाई पर पेरशानी हो रही है तो और ऊंचाई पर मत जाइए, बल्कि फौरन नीचे उतरते हुए उस स्थान तक आइए, जहां आपको अनुकूलता महसूस हो। बीमार यात्री की हर बात नहीं मानिए, क्योंकि वह सही फैसला नहीं ले पाएगा। यात्रा क्षेत्र में भोजन करते समय श्राइन बोर्ड की वेबसाइट Shriamarnathjishrine.com पर उपलब्ध निर्धारित फूड मेन्यू का अनुसरण कीजिए।

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