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बीकानेर में ऊन उद्योग पर भारी संकट

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Tuesday 15 January 2013 08:41:11 AM

woolen industries association

बीकानेर। राजस्थान वूलन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में बीकानेर के किसान सभागार में एक दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश में ऊन उद्योग से जुड़े विभिन्न मुद्दों, ऊन व कारपेट उद्योग के हालात, विकास व भविष्य की संभावनाओं पर विचार मंथन किया गया। बैठक में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ बीडी कल्ला ने कहा कि ऊन व्यवसाय अपने संक्रमण काल से गुजर रहा है और आज जरूरत है, इस व्यवसाय के उत्थान के लिए कार्य करने की। डॉ कल्ला ने कहा कि एक समय था, जब दुनिया भर को बीकानेर से ऊन भेजी जाती थी, लेकिन आज ऊन बाहर से बीकानेर मंगवाई जा रही है। डॉ कल्ला ने ऊन पर लग रहे मंडी टैक्स को समाप्त करने की मांग को लेकर भेड़ संबर्द्धन भेड़ पालन के विकास पर जोर देने की बात कही।
केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड के अध्यक्ष केसर लाल चौधरी ने राज्य सरकार की नीतियों को पशु पालकों के पक्ष में बताया कि और विश्वास दिलाया कि बोर्ड ऊन उद्योग व पशुपालक के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और समय-समय पर इसके विकास के लिए कदम उठाता रहेगा। राजस्थान वूलन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल कल्ला ने बायर सेलर मिट पर जोर देते हुए ऊन उद्योग पर आधारित उद्योग के बीच बनी प्रतिस्पर्धा, भारतीय ऊन व ऊनी धागे की गुणवत्ता, तकनीक को अपग्रेड करने की आवश्यकता पर विस्तार से बातचीत की।
कमल कल्ला ने बायर सेलर मिट की मांग को सही मानते हुए वूल बोर्ड व एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान की। कार्यक्रम में एक्सपोर्ट काउंसिल के कार्यकारी निदेशक महेश एन सनिल ने बताया कि उनकी काउंसिल ने ऊन उद्योग को आयात शुल्क से मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज रखा है। सनिल ने ऊन व कारपेट उद्योग के हालात व विकास की संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी दी व केंद्रीय सरकार के दृष्टिकोण को इस संदर्भ में स्पष्ट किया।
ऊन विकास बोर्ड के कार्यकारी निदेशक केके गोयल ने कहा कि केंद्रीय ऊन बोर्ड उद्योगपतियों व इस उद्योग से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है और आगामी समय में ऐसे शिविर बीकानेर में आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा गोयल ने कहा कि ऊनी धागे के तकनीकी सुधार के लिए एक सर्वे राजस्थान वूलन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ मिलकर करवाया जाएगा, ताकि इस क्षेत्र को भी विश्व की बेहतरीन तकनीक का फायदा मिल सके। राजस्थान वूलन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के जय सेठिया ने ऊन उद्योग की विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में एक मांग पत्र वूल बोर्ड के चेयरमैन केसर लाल चौधरी को प्रस्तुत किया।
इससे पूर्व केंद्रीय वूल बोर्ड के चेयरमैन केसरलाल चौधरी को साफा व अभिनंदन पत्र भेंट कर स्वागत किया गया। चौधरी को ब्यावर से आए सुनील झंवर ने साफा पहनाया और डॉ बीडी कल्ला ने अभिनंदन पत्र भेंट किया। इसी तरह एक्सपोर्ट काउंसिल के कार्यकारी निदेशक महेश एन सनिल को बाबूलाल नाबेड़ा ने साफा पहनाकर कमल कल्ला ने अभिनंदन पत्र भेंट कर स्वागत किया। वूल बोर्ड के कार्यकारी निदेशक केके गोयल को एसिस्डा के सचिव जुगराज जैन ने साफा पहनाकर व नरेंद्र सुराणा ने प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया।
कार्यक्रम में वूल रिसर्च एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक मुरलीधरन राव व विशेषज्ञ डॉ राजेंद्र मेहता ने एक्सपोर्ट इंपोर्ट मिट पर अपना विशेष प्रजेंटेशन दिया। बैठक में एसिस्डा के अध्यक्ष गोपाल हर्ष, ब्यावर से आए एसोसिएशन के सदस्य सुनील बिहाणी, कमल झंवर, सूर्य प्रकाश झंवर, बाबूलाल नाबेड़ा श्याम सुंदर बिहाणी, राजस्थान वूल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ब्रजमोहन चाण्डक, शिवकिशोर अग्रवाल, ऊन मंडी समिति के डायरेक्टर मूल जी राठी, अशोक सुराणा, महेश कोठारी, श्याम कोठारी गौरीशंकर सोमानी, सत्यनारायण राठी सहित प्रदेश भर ऊन के उद्योगपति उपस्थित थे। कार्यक्रम में राजस्थान वूलन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सचिव जय सेठिया ने आगंतुकों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन श्याम नारायण रंगा ने किया।

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