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राजस्थान का जगसीर पहुंचा लंदन पैरालंपिक

मनमोहन हर्ष

मनमोहन हर्ष

एथलीट जगसीर सिंह-athlete jagseer singh

जयपुर। लंदन में ओलंपिक खेलों के बाद अब 29 अगस्त से 9 सितंबर तक दुनियाभर के पैरा एथलीट पैरालंपिक खेलों में अपने हौसले और जिजीविषा का प्रदर्शन करेंगे। ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद पैरालंपिक में देश की निगाहें 10 सदस्यीय दल पर रहेंगी, जिसका नेतृत्व राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के एथलीट जगसीर सिंह को सौंपा गया है। जगसीर को पैरालंपिक के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के ध्वजवाहक बनने का ऐजाज मिला है। वे लंबी कूद स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने का सपना संजोए लंदन पहुंचे हैं।
बचपन में मात्र छः वर्ष की उम्र में खेत पर गलती से हाई वोल्टेज करंट का तार पकड़ लेने के कारण जगसीर सिंह का आधा दायां हाथ सदा के लिए जुदा हो गया। कुदरत के इस क्रूरतम मजाक से जगसीर ने लोहा लिया और अपने अदम्य साहस और हौसले से खेलों में मील के कई पत्थर गाड़कर अभिशाप को एक वरदान में तब्दील कर दिया है। धन्य हैं माता-पिता जिन्होंने इस दुर्घटना के बाद जगसीर को खेती के कार्यों से दूर रखते हुए स्कूल में दाखिला दिलाया, जहां उसने खेलकूद में अनुकरणीय प्रदर्शन किए, जिन्हें देखकर द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित कोच आरडी सिंह ने वर्ष 2002 में उसे अपने संरक्षण में लिया। आरडी सिंह की देख रेख में सही मायनों में जगसीर सिंह ने अपने खेल कॅरिअर में नई बुलंदियां तय कीं।
अनवरत सफलताएं
जगसीर सिंह ने सर्वप्रथम 2006 में बैंगलोर में आयोजित 8वीं पैरा राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स स्पर्धा में हिस्सा लेते हुए लांग जंप, हाई जंप और ट्रिपल जंप के अलावा 400 मीटर दौड़ में भी स्वर्ण पदक जीते। इस शानदार आगाज़ के बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक सफलताओं के नए मुकाम तय किए। इस 25 वर्षीय पैरा एथलीट ने अपने कॅरिअर में छः वर्ष में चीन के ग्वांगझू में 2010 के पैरा एशियन गेम्स की ट्रिपल जंप स्पर्धा में स्वर्णिम सफलता सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग अवसरों पर 5 स्वर्ण, दो रजत और 2 कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है।
राष्ट्रीय स्तर पर जगसीर की प्रमुख सफलताओं में बैंगलोर में 2007 में 9वीं पैरा राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो स्वर्ण (लांग जंप व 400 मीटर दौड़) व एक रजत (हाई जंप), हरियाणा में 2008 में 10वीं पैरा राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण (लांग जंप, ट्रिपल जंप व 400 मीटर दौड़) तथा जयपुर में 2009 में 11वीं पैरा राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एक स्वर्ण (लांग जंप) व दो रजत (100 मीटर व 200 मीटर दौड़) पदक जीतने की उपलब्धियां सम्मिलित हैं। इसके अलावा उसने हरियाणा में 2010 में आयोजित 5वें राष्ट्रीय पैरालंपिक खेलों में लांग जंप और ट्रिपल जंप में स्वर्ण पदक जीते, इसके बाद इंग्लैंड में आयोजित स्पर्धा में लांग जंप और 4 गुणा 100 रिले स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर यादगार उपलब्धियां हासिल कीं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार जगसीर सिंह ने आयरलैंड में 2006 में आयोजित आईडब्ल्यूएएस (इंटरनेशनल व्हील चेयर एंड एम्प्यूटी स्पोर्टस) वर्ल्ड जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और लांग जंप में स्वर्ण और 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। मलेशिया में इसी वर्ष 9 वें पैरा एशियन फेसपिक खेलों में जगसीर लांग जंप में कांस्य पदक विजेता रहे। वर्ष 2007 में ताईवान में आईडब्ल्यूएएस सीनियर वर्ल्ड गेम्स में उसने लांग जंप और ट्रिपल जंप में दोहरे स्वर्ण जीते। इसके बाद 2009 में बैंगलोर में आईडब्ल्यूएएस सीनियर वर्ल्ड गेम्स में जगसीर सिंह ने लांग जंप में स्वर्ण और ट्रिपल जंप में रजत पदक जीता। चीन के ग्वांगझू में 2010 के एषियाई खेलों के बाद आयोजित एषियन पैरा गेम्स में ट्रिपल जंप में स्वर्ण व लांग जंप में रजत पदक जीतना उसके कॅरिअर की सर्वोच्च उपलब्धियों में शामिल है।
वर्ष 2004 के एथेंस पैरालंपिक खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले राजस्थान के ही चुरू जिले के निवासी देवेंद्र झाझड़िया, जगसीर सिंह के प्रेरणा स्रोत कहे जाते हैं। वर्ष 2010 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जगसीर सिंह ब्लेड रनर के नाम से मशहूर ऑस्कर पिक्टोरियस को अपना आदर्श मानते हैं। जगसीर को बीजिंग में गत पैरालंपिक खेलों में पिक्टोरियस से मुलाकात, कुछ नया सीखने और अनुभव जुटाने का अवसर मिला था। लंदन पैरालंपिक में विक्ट्री स्टैंड पर पहुंचने की उम्मीद लगाए इस एथलीट की मेहनत फिर रंग लाए, देश के खेल प्रेमियों को इसकी प्रतीक्षा रहेगी।

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