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पेंशनभोगियों के लिए ऑथेंटिकेशन सरल

पेंशनभोगी की स्मार्ट फोन कैमरे से घर बैठे ही पहचान होगी

पेंशनभोगी वरिष्ठ नागरिकों की कई परेशानियों का समाधान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 8 June 2024 04:11:18 PM

face authentication simplified for pensioners  (file photo)

नई दिल्ली। देश के पेंशनभोगी वरिष्ठ नागरिकों को बैंक, डाकघर आदि में शारीरिक रूपसे जाने में होने वाली परेशानियों को कम करने केलिए एमईआईटीवाई और यूडीएआई ने फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिसके तहत चेहरा पहचान तकनीक का इस्तेमाल जीवन प्रमाणपत्र के सबूत केलिए किया जा सकता है। गौरतलब हैकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में 78 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं, जिन्हें पेंशन पाते रहने केलिए हरसाल जीवन प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य है। पहले उन्हें भौतिक जीवन प्रमाणपत्र जमा करने केलिए बैंकों में जाना पड़ता था, जिसमें उन्हें कई तरह की परेशानियां होती थीं, मगर ईपीएफओ ने 2015 में अपने पेंशनभोगियों की सुविधा केलिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) को अपनाया, जिसमें ईपीएफओ ईपीएस पेंशनभोगियों से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के आधार पर डीएलसी स्वीकार करता है।
बायोमेट्रिक आधारित डीएलसी जमा करने केलिए पेंशनभोगी को किसी भी बैंक, डाकघर, कॉमन सर्विस सेंटर या ईपीएफओ कार्यालय की शाखा में जाना पड़ता है, क्योंकि वहां फिंगरप्रिंट, आंखों की पुतली पहचान की मशीन उपलब्ध है। ईपीएफओ ने जुलाई 2022 में इस तकनीक को अपनाया था, इससे पेंशनभोगियों द्वारा अपने घरों से डीएलसी जमा करने की एक पूरी तरह से नई प्रक्रिया शुरू हुई और उनके लिए यह प्रक्रिया आसान और सस्ती हो गई। इससे वरिष्ठ नागरिक किसीभी एंड्रॉइड स्मार्टफोन का उपयोगकर प्रक्रिया को पूरी कर सकते हैं और बुढ़ापे में बैंक, डाकघर आदि जाने की परेशानी से बच सकते हैं। इस पद्धति से पेंशनभोगी की पहचान उनके घर बैठे ही स्मार्टफोन कैमरे का उपयोग करके चेहरे के स्कैन करके की जा सकती है। यह प्रमाणीकरण के यूडीएआई फेस रेकग्निश्न ऐप का उपयोग करके यूडीएआई के आधार डेटाबेस से किया जाता है।
ईपीएफओ में इसकी शुरुआत केबाद से 2022-23 में 2.1 लाख पेंशनभोगियों द्वारा फेशियल ऑथेंटिकेशन तकनीक आधारित डीएलसी जमा किए गए हैं, जो 2023-24 में बढ़कर 6.6 लाख हो गए, जो इस तकनीक के उपयोग में साल-दर-साल 200 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि 2023-24 में 6.6 लाख एफएटी आधारित डीएलसी वर्ष के दौरान प्राप्त कुल डीएलसी का लगभग 10 प्रतिशत है। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान पेंशनभोगियों से कुल मिलाकर लगभग 60 लाख डीएलसी प्राप्त हुए थे। चेहरे से पहचान की विधि के उपयोग केलिए अपने स्मार्टफोन में दो एप्लीकेशन अर्थात आधार फेस आरडी और जीवन प्रमाण इंस्टॉल करने की आवश्यकता होती है। इन एप्लीकेशन केलिए ऑपरेटर प्रमाणीकरण आधार से जुड़े मोबाइल नंबरों के माध्यम से किया जाता है। सफल फेस स्कैन सुनिश्चित करने केलिए ऐप्स में विस्तृत दिशानिर्देश दिए गए हैं। स्कैन पूरा होने केबाद जीवन प्रमाण आईडी और पीपीओ नंबर केसाथ मोबाइल स्क्रीन पर डीएलसी सबमिशन की पुष्टि हो जाती है, जिससे घर बैठे ही यह प्रक्रिया सुविधाजनक तरीके से पूरी हो जाती है।
ईपीएस पेंशनभोगियों के डीएलसी केलिए इस अभिनव और सुविधाजनक तकनीक का उपयोग जुलाई-2022 में ईपीएफओ के सॉफ्टवेयर में जोड़ा गया था। यह सुनिश्चित करने केलिए कि नई पद्धति अधिक से अधिक पेंशनभोगियों केबीच लोकप्रिय हो सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को विस्तृत निर्देश जारी किए गए थे। इस प्रक्रिया को न केवल क्षेत्रीय कार्यालयों में, बल्कि जनवरी 2023 से भारतभर के सभी जिलों में आयोजित किए जा रहे 'निधि आपके निकट' कार्यक्रम के दौरान भी पेंशनभोगियों को नियमित रूपसे समझाया जाता है। इस तकनीक के उपयोग पर एक विस्तृत वीडियो ईपीएफओ के आधिकारिक यूट्यूब हैंडल @SOCIALEPFO पर उपलब्ध है। ईपीएफओ ने विश्वास व्यक्त किया हैकि इस सुविधा से अधिक से अधिक पेंशनभोगियों का जीवन आसान हो जाएगा।

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