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भारत ड्रोन तकनीक का हब बनेगा-आईबी मंत्री

मेड इन इंडिया के तहत ड्रोन तकनीक में हुई है उल्लेखनीय प्रगति

चेन्नई में पहले ड्रोन कौशल और प्रशिक्षण सम्मेलन का शुभारंभ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 7 December 2022 02:14:42 PM

first drone skills & training conference launched in chennai

चेन्नई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा हैकि भारत को अगले साल तक कम से कम 1 लाख ड्रोन पायलटों की आवश्यकता होगी, भारत ड्रोन तकनीक का हब बनने जा रहा है। वे चेन्नई में 'ड्रोन यात्रा 2.0' को झंडी दिखाकर रवाना करने केबाद जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे। अनुराग ठाकुर ने कहाकि प्रौद्योगिकी वास्तव में दुनिया को तीव्रगति से बदल रही है और यह अबसे अधिक प्रासंगिक कभी नहीं रही है, क्योंकि इसके अनुप्रयोग दुनिया के कुछ सर्वाधिक महत्वपूर्ण समस्याओं को हल कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकबार कहा थाकि भारत केपास एक लाख समस्याओं का एक अरब समाधान है, एक अरब से अधिक लोगों के देशके रूपमें भारत आगे रहने केलिए बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहा है।
भारत में ड्रोन तकनीक में हुई प्रगति का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहाकि बीटिंग रिट्रीट के दौरान भारतीय स्टार्ट-अप बोटलैब डायनामिक्स के 1000 मेड इन इंडिया ड्रोन के शानदार प्रदर्शन से देश मंत्रमुग्ध हो गया था, जिसका नेतृत्व आईआईटी के पूर्व छात्रों ने किया था। उन्होंने कहाकि स्वामित्व योजना के एक भाग के रूपमें गांवों में जमीनों और घरों का ड्रोन के जरिए सर्वेक्षण और मानचित्रण किया जा रहा है, गावों के खेतों में कीटनाशकों और नैनो उर्वरकों के छिड़काव केलिए ड्रोन के उपयोग में तेजी आ रही है। उन्होंने कहाकि हालही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को 2021 में भारत क्रिकेट सीज़न की लाइव एरियल सिनेमैटोग्राफी केलिए ड्रोन की तैनाती की सशर्त छूट दी थी। उन्होंने कहाकि कीटनाशकों का छिड़काव करने केलिए देशभर के गांवों में 100 किसान ड्रोन भेजे गए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य का उद्धरण दियाकि इस दिशामें किसान ड्रोन अब एक नएयुग की क्रांति की शुरुआत है।
अनुराग ठाकुर ने भारत की सबसे बड़ी ड्रोन निर्माण सुविधा गरुड़ एयरोस्पेस के महत्वपूर्ण प्रयास सराहे और गरुड़ किसान ड्रोन के उन्नत उपकरण और निर्माण की प्रक्रिया देखी एवं इतने कम समय में हासिल की गई उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। सुविधा केंद्र में इंजीनियरों ने उनको उन्नत 'मेक इन इंडिया' ड्रोन के कामकाज के बारेमें जानकारी दी। अनुराग ठाकुर ने कृषि उत्पादन बढ़ाने केलिए कृषिक्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर कहाकि ये ड्रोन खेतों में कीटनाशकों के उपयोग को सुव्यवस्थित करने में मदद करेंगे, जिससे किसानों की आय में और ज्यादा सुधार होगा। गौरतलब हैकि इस साल मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन किया था, जिसमें उन्होंने किसान ड्रोन पायलटों केसाथ बातचीत की थी। अनुराग ठाकुर ने कहाकि ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देना मोदी सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहाकि आज रक्षा से लेकर कृषि और स्वास्थ्य से लेकर मनोरंजन तक विभिन्न क्षेत्रों केलिए ड्रोन तकनीक आवश्यक है।
अनुराग ठाकुर ने कहाकि भारत ड्रोन निर्माण इकोसिस्टम बनाने की दिशा में भी आगे बढ़रहा है। उन्होंने कहाकि तीन आयामी दृष्टिकोण से अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी और सेवाओं की मांग को बढ़ावा दिया जा रहा है, प्रभावी नीति यानि नए ड्रोन नियम 2021, ड्रोन और ड्रोन घटकों केलिए पीएलआई के रूपमें प्रोत्साहन प्रदान करना और स्वदेशी मांग पैदा करना, जिसके लिए केंद्र सरकार के 12 मंत्रालयों को इसे आगे बढ़ाने का काम दिया गया है। उन्होंने कहाकि भारत को 2023 में कम से कम 1 लाख पायलटों की आवश्यकता होगी, प्रत्येक पायलट कम से कम 50-80 हजार रुपये प्रति महीने कमाएगा। इसके अलावा ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले उद्योग और सरकारी एजेंसियों पर भी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने इस बात की सराहना कीकि गरुड़ एयरोस्पेस की अगले दो वर्ष में एक लाख मेड इन इंडिया ड्रोन बनाने की योजना है।
गरुड़ एयरोस्पेस ड्रोन कौशल और प्रशिक्षण सम्मेलन देशभर के 775 जिलों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 10 लाख युवाओं तक पहुंचने की उम्मीद है। युवाओं को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य न केवल ड्रोन इकोसिस्टम को प्रभावित करना तथा युवाओं केलिए रोज़गार पैदा करना है, बल्कि इससे कृषि, खनन, सरकारी विभागों और अन्य उद्योगों पर भी प्रभाव पड़ेगा। यह देखते हुएकि वर्तमान में देश में 200 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं, अनुराग ठाकुर ने कहाकि युवाओं केलिए लाखों नए रोज़गार अवसर पैदा करने केलिए इस संख्या में भी वृद्धि होगी। आईबी मंत्री ने कहाकि उद्योग को प्रोत्साहन ड्रोन क्षेत्र को आवश्यक गति प्रदान कर रहे हैं, जो भारत में इसकी अपार संभावनाओं को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप उन्हें विश्वास हैकि बढ़ता नवाचार और अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम अमृतकाल में आत्मनिर्भर न्यू इंडिया सुनिश्चित करेगा। अनुराग ठाकुर ने पहले ड्रोन कौशल एवं प्रशिक्षण सम्मलेन पर एक ड्रोन का परिचालन किया और ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पूरा करने वाले छात्रों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए।

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